'जांचा-परखा है भारत में हमारा विश्वास...', सिंगापुर के PM ने इशारों-इशारों में ट्रंप को सुनाया, कहा- निवेश के लिए खरा सोना है हिंदुस्तान
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने भारत पर अपना भरोसा जताते हुए कहा कि भारत में निवेश के मामले में खरा सोना है, दांव लगाया जा सकता है. उन्होंने इशारों ही इशारों में ट्रंप के उनके 'डेड इकोनॉमी' वाले बयान पर ही जवाब दे दिया और कहा कि भारत क्षेत्र के अपने भागीदारों के लिए भी नए अवसर खोलता है. उन्होंने आगे कहा कि हिंदुस्तान निवेश के मामले में खरा सोना है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए सिंगापुर के PM लॉरेंस वोंग अनिश्चितता के मझधार में फंसी वैश्विक अर्थव्यवस्था को उभारने में भारत की भूमिका पर बड़ा बयान दिया है. वोंग ने बुधवार को कहा कि एक मजबूत और उभरता भारत एशिया में स्थिरता और लचीलापन लाने में योगदान देता है और क्षेत्र के अपने भागीदारों के लिए भी नए अवसर खोलता है.
India is delighted to welcome Prime Minister Wong. This visit is special because it is his first visit to India after assuming office as Singapore’s PM and it comes at a time when our nations mark 60 years of diplomatic relations. Our talks covered ways to deepen the… pic.twitter.com/uZfVfpwDAH
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2025
निवेश और विकास संभावनाओं के लिए भारत सुरक्षित दांव
उन्होंने भारत में निवेश की संभावनाओं के बारे में कहा कि व्यापार के मामले में कभी भी कोई पूरी तरह सुरक्षित दांव नहीं होता. अगर आप सुरक्षित दांव लगाना चाहते हैं तो आप पैसा नहीं कमा सकते. आपको जोखिम उठाना ही पड़ता है. निवेश में हमेशा अल्पकालिक उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन हम दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश करते हैं. इस दृष्टिकोण से हम भारत की विकास संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं, आपके युवा, जनसंख्या, बढ़ती मध्यवर्ग, गतिशील तकनीकी क्षेत्र, और सबसे महत्वपूर्ण, सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध सरकार के कारण.
#WATCH | Delhi | Singapore PM Lawrence Wong says, "...Singapore is the largest foreign investor in India, accounting for around a quarter of India's foreign direct investment inflows and our cooperation now spans a wide and diverse range of fields. Last year, PM Modi and I agreed… pic.twitter.com/wtPpRsTi5j
— ANI (@ANI) September 4, 2025
जांचा-परखा है भारत के प्रति हमारा विश्वास
वोंग ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में आगे कहा कि भारत में हमारा विश्वास कोई नया नहीं है. यह लंबे समय से रहा है और इसके पीछे एक प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड और कार्रवाई है. हमारे पास 20 साल पहले CECA समझौता था और तब से हमारा व्यापार ढाई गुना बढ़ चुका है. सात साल लगातार सिंगापुर भारत में सबसे बड़ा निवेशक रहा है. इसलिए हम भारत में निवेश जारी रखेंगे और भविष्य में भारत की संभावनाओं में विश्वास बनाए रखेंगे.
#WATCH | Delhi | Singapore PM Lawrence Wong says, "In a world marked by great uncertainty and turbulence, the partnership between India and Singapore becomes even more important because this is a partnership rooted in shared values, mutual respect and a deep reservoir of trust.… pic.twitter.com/jhCKgFqcxq
— ANI (@ANI) September 4, 2025
आपको बता दें कि दिल्ली में पीएम मोदी और सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग के बीच उच्च स्तरीया वार्ता भी हुई. इस दौरान सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने गुरुवार को कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच साझेदारी साझा मूल्यों, आपसी सम्मान और गहरे विश्वास पर आधारित है. अनिश्चितता और उथल-पुथल से भरी दुनिया में दोनों देशों के बीच साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच आपसी संबंध हमारे संबंधों की नींव हैं. हम अपने साझा इतिहास और अपने लोगों के बीच मित्रता और विश्वास से शक्ति प्राप्त कर सकते हैं, नए अवसरों का लाभ उठा सकते हैं और दोनों देशों की स्थिरता और विकास में योगदान दे सकते हैं. वोंग ने कहा, 'मैं आने वाले वर्षों में सिंगापुर-भारत साझेदारी को और भी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं.
एक दशक में भारत ने की उल्लेखनीय प्रगति
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए लॉरेंस वोंग ने कहा, "पिछले एक दशक में, भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उल्लेखनीय प्रगति की है. भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी गतिशीलता और असर उसकी सीमाओं से परे महसूस किए जाते हैं.
भारत की कौशल विकास यात्रा का समर्थन करते रहेंगे: वोंग
लॉरेंस वोंग ने कहा कि सिंगापुर भारत की कौशल विकास यात्रा का समर्थन करना जारी रखेगा. चेन्नई में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के लिए वैश्विक भागीदार बनने के भारत के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए हमें गर्व महसूस हो रहा है. हम विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल तथा सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्यस्तरीय कौशल केंद्र स्थापित करने में भारत की मदद करेंगे.
हवाई, समुद्री और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग मजबूत करेंगे भारत-सिंगापुर
उन्होंने कहा कि दोनों देश हवाई, समुद्री और डिजिटल क्षेत्रों में संपर्क को मजबूत करेंगे. आज सुबह हमने सिविल एविएशन में ट्रेनिंग, अनुसंधान और विकास में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. यह हमारे विमानन क्षेत्रों के विकास में सहायक होगा, व्यापार और पर्यटन को सुगम बनाएगा और अधिक व्यावसायिक अवसर पैदा करेगा. वहीं समुद्री क्षेत्र में हमने अभी नवी मुंबई में पीएसए के भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल के दूसरे चरण का शुभारंभ किया है, जो भारत का सबसे बड़ा स्टैंडअलोन कंटेनर टर्मिनल बन जाएगा.
बता दें कि यह भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल देश के समुद्री व्यापार बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और दूसरे देशों से संपर्क को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा. सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने आगे कहा, अब तक भारत सिंगापुर निर्मित 20 से ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है. हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया है. हम इस साझेदारी को व्यापक बनाएंगे.
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि UPI और पे नाउ को डिजिटल कनेक्टिविटी का 'सफल उदाहरण' बताया. उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर ने आसियान के साथ द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध तरीके से समीक्षा करने का निर्णय लिया है.
जहां तक उद्योगों और क्षेत्रों का सवाल है, इसे निजी क्षेत्र पर छोड़ना होगा. सरकार खुद निवेश नहीं कर रही है, लेकिन हम परिस्थितियां और ढांचा तय करते हैं. हमारी जानकारी के अनुसार, जब हम सिंगापुर में व्यवसाय और निवेशकों से बातचीत करते हैं, तो हॉस्पिटैलिटी, उन्नत विनिर्माण, स्थिरता, लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में काफी रुचि है. इसलिए ये सभी क्षेत्र संभावित रूप से वे क्षेत्र हैं जहां सिंगापुर से भारत में निवेश प्रवाह बढ़ सकता है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन भारत और सिंगापुर के बीच साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल टेक्नीक में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है.
AI, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में साथ काम करेंगे भारत-सिंगापुर
पीएम ने कहा, "प्रौद्योगिकी और नवाचार हमारी साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं. हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है. आज अंतरिक्ष क्षेत्र में हुआ समझौता अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग का एक नया अध्याय जोड़ रहा है. हमने अपने युवाओं को उनकी प्रतिभा से जोड़ने के लिए इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का अगला राउंड आयोजित करने का निर्णय लिया है. यूपीआई और पे नाउ हमारी डिजिटल कनेक्टिविटी के सफल उदाहरण हैं और यह खुशी की बात है कि आज 13 नए भारतीय बैंक उनसे जुड़ गए हैं."
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के नेता का गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने कहा, "मैं पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री वोंग की पहली भारत यात्रा पर उनका हार्दिक स्वागत करता हूं. यह यात्रा इसलिए और भी खास है, क्योंकि इस वर्ष हम अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं."
उन्होंने सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के अपने संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए आसियान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच संबंध कूटनीति से आगे हैं. यह साझा मूल्यों पर आधारित एक उद्देश्यपूर्ण साझेदारी है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमने निर्णय लिया है कि द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और आसियान के साथ हमारे मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा की जाएगी, ताकि पारस्परिक व्यापार में तेजी आए.
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#WATCH | Delhi | Singapore PM Lawrence Wong says, "We will expand cooperation in frontier areas like space. To date, more than 20 Singapore-made satellites have been launched by India. Through the MoU on promoting collaboration in the space sector, we will broaden this… pic.twitter.com/rVqYgXfvbu
— ANI (@ANI) September 4, 2025
ट्रंप भले ही भारत को 'डेड इकोनॉमी' कहें, लेकिन सिंगापुर जैसे देश भारत को 'खरा सोना' मान रहे हैं। असली सच्चाई यही है कि भारत पर दुनिया का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। 👏👏 🚩🚩