अब प्यासा तड़पेगा पाकिस्तान! भारत ने किया नहरों के विस्तार का फैसला, अफगानिस्तान भी आया साथ
भारत सरकार ने पाकिस्तान पर एक और जल प्रहार करने के लिए अहम फैसला लिया है. इसके मुताबिक काबुल नदी पर बनने वाली शहतूत बांध परियोजना के लिए भारत 236 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता और तकनीकी मदद उपलब्ध कराएगा. इस बांध के बनते ही पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लोगों सामने पानी का बड़ा संकट खड़ा होने वाला है.

भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही सीजफायर लागू हो गया है लेकिन कूटनीतिक और राजनीतिक मोर्चों पर दोनों देशों के बीच तल्खी अभी बरकरार है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में सबसे पहले पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित किया था. अब एक बार फिर भारत ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे पाकिस्तान बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो जाएगा.
इन नहरों का होगा विस्तार
इसके अलावा अब जम्मू-कश्मीर की नहरों को लेकर भी सरकार ने ऐसा कदम उठाया है ,जो पाकिस्तान के लिए पानी को लेकर बड़ी मुसीबत बनेगा. सरकार ने जम्मू-कश्मीर की पुरानी नहरों के पुनर्निर्माण और विस्तार का काम शुरू करने फैसला लिया है. इसमें कठुआ, न्यू प्रताप और रणबीर नहरें प्रमुख रूप से शामिल है, जिसका 100 वर्षों से भी ज्यादा समय के बाद कायाकल्प किया जाएगा. इसको लेकर जम्मू कश्मीर सरकार और केंद्र की तकनीकी टीम की निगरानी में रणबीर, न्यू प्रताप, परगवाल,कठुआ, रावी, तावी लिफ्ट और रंजन नहरों की सफाई का काम चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा. इसके बाद इन नहरों का विस्तार किया जाएगा, ताकि अधिक पानी को नहर में रोका जा सकें. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक "इन तमाम नहरों की क्षमता पिछली सदी के अनुसार तैयार की गई थी, जबकि अब कृषि मांग कई गुना बढ़ चुकी है तो इसका विस्तार जरूरी हो गया है."
सरकार के फैसले और इन नहरों के पुनरुद्धार से भारत में खेती करने वाले किसान को अधिक पानी उपलब्ध होगा. इसके अलावा भारत अब किशनगंगा, राटले, मियार नाला, लोअर कलनई और पकल दुल जैसे पनबिजली के काम भी भी तेजी आएगी. इन योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी जोर दिया है ताकि इस पर काम जल्द शुरू किया जा सके. हालांकि भारत की इस प्लानिंग को लेकर पाकिस्तान ने आपत्ति जताते हुए गीदड़भभकी दी है कि अगर पानी के प्रवाह को रोका गया तो उसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा हालांकि भारत में स्पष्ट किया है कि सिंधु संधि मौजूदा वक्त में स्थगित है.
पाकिस्तान पर एक और स्ट्राइक की तैयारी में भारत
भारत सरकार पाकिस्तान पर एक और जल प्रहार करने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के अपने समकक्ष नेता मुत्ताकी से फोन पर बात की थी. इस दौरान सरकार ने अफगानिस्तान में भारत की मदद से चलने वाली योजनाओं को मंजूरी दी है. इसमें लालंदर की शहतूत बांध परियोजना भी शामिल है, जो काबुल नदी पर बनाई जानी है. दोनों देशों के बीच इस परियोजना को लेकर साल 2021 के फरवरी महीने में समझौता हुआ था, लेकिन अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के चलते इस पर ब्रेक लग गया था. अब भारत की राजनयिक टीम ने काबुल का दौरा इस बात का संकेत दिया है कि इस बांध परियोजना पर जल्द काम शुरू हो सकता है. इस परियोजना से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत कई अन्य शहरों में रहने वाले 20 लाख लोगों के लिए पीने का पानी उपलब्ध होगा. इसके लिए भारत 236 मिलियन डॉलर की वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा. यह बांध परियोजना पाकिस्तान के लिए बड़ी मुसीबत बनेगा, क्योंकि यह नदी हिंदू कुश पहाड़ों से निकलती है और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में दाखिल होती है. इस योजना को लेकर पाकिस्तान की घबराहट इसलिए भी बढ़ना तय है क्योंकि अफगानिस्तान के साथ उसकी कोई भी औपचारिक जल संधि नहीं है. इस लिहाज से अफगानिस्तान ना तो शहतूत बांध परियोजना को लेकर पाकिस्तान के प्रति जवाबदेह है और ना ही किसी समझौते की फांसाहट में बंधा है.
बताते चलें कि यह सारी परिस्थिति पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुई. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत ने सबसे पहले डिप्लोमेटिक स्ट्राइक करते हुए पाकिस्तान की कमर तोड़ने के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ऐसा तबाह किया. जिसके सदमे पाकिस्तान को उबरने में काफी समय लग जाएगा.