Advertisement

NDRF, SDRF, डिफेंस... तेलंगाना SLBC हादसे में जुटी टीमें, दलदल ने बढ़ाई टेंशन

Telangana में Tunnel धंसने से 8 लोग फंस गए. इन्हें बाहर निकालने के लिए SDRF, NDRF के साथ साथ Air Force, Navy की टीम भी जुटी हुई है. वहीं, सिलक्यारा टनल हादसे में रेस्क्यू टीम को भी बुलाया गया है.

25 Feb, 2025
( Updated: 25 Feb, 2025
12:04 PM )
NDRF, SDRF, डिफेंस... तेलंगाना SLBC हादसे में जुटी टीमें, दलदल ने बढ़ाई टेंशन
SDRF, NDRF, डिफेंस। तेलंगाना में 8 जिंदगियों को बचाने की जंग लगातार जारी है। सभी टीमों ने मोर्चा संभाल रखा है। टनल में हादसे वाली जगह पहुंचना तो दूर मजदूरों से संपर्क तक नहीं हो पा रहा। टनल के अंदर से मजदूरों का कोई रेस्पॉन्स नहीं मिल रहा। जिससे टेंशन बढ़ गई।

22 फरवरी को तेलंगाना के नागरकुर्नूल में दर्दनाक हादसा हुआ। यहां श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल का एक हिस्सा धंस गया। और उसमें काम कर रहे 8 लोग फंस गए।इस हादसे के 2 दिन बाद भी रेस्क्यू टीम लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। इन्हें बाहर निकालने के लिए उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल हादसे वाली टीम को भी बुलाया गया है।लेकिन रेस्क्यू की राह में कई चुनौतियां हैं। एक तो अंदर फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा दूसरा टनल के अंदर दलदल, कीचड़ और गंदा पानी भर गया। जिससे मुश्किलें औऱ बढ़ गईं। तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव हादसे वाली जगह पहुंचे और जायजा लिया। मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने बताया कि टनल के अंदर अमेरिकन कंपनी के दो कर्मचारी भी फंसे हुए हैं। 


टनल में पानी लगातार लीक हो रहा है। रेस्क्यू टीम के आगे चुनौती पहले उस पानी को बाहर निकालना है इसके बाद मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। वहीं, टनल से अंदर फंसे लोगों को पुकारा गया तो रेस्क्यू टीम को कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला।

दरएसल, नगरकुर्नूल में 44 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही थी। इस सुरंग में अचानक पानी का रिसाव होने लगा था जिसे रोकने के लिए मजदूरों की टीम और 4 इंजीनियर उतरे। लेकिन तभी सुरंग का लगभग तीन मीटर लंबा हिस्सा ढह गया और 8 लोग फंस गए। बताया गया कि पहले एक तेज धमाका हुआ था इसके बाद टनल में पानी लीक होने लगा।

SLBC टनल हादसे की टाइमलाइन

22 फरवरी की सुबह 14 किमी अंदर टनल ढही। टनल की छत का 3 मीटर हिस्सा ढह गया। (बताया गया) हादसे के वक्त टनल के अंदर 35 लोग मौजूद थे। टनल बोरिंग मशीन चलाने वाले 8 लोग फंस।  बाकी लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे। टनल में फंसे लोगों में 4 मजदूर और 4 इंजीनियर हैं। 2 इंजीनियर अमेरिका की कंपनी के हैं। 
 
सुरक्षित बाहर आए मजदूरों का कहना है कि हमारा बचना भी काफी मुश्किल था ये एक नई जिंदगी की तरह है।

 रेस्क्यू में ये हैं चुनौतियां ? 

रेस्क्यू में जुटी टीमों का मजदूरों से संपर्क नहीं हो पा रहा। इसलिए मजदूर किस जगह फंसे हैं सही लोकेशन नहीं मिल पा रही। टनल में पानी और मलबा भरा है पानी निकलने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। 200 मीटर के एरिया में पानी भरने से रेस्क्यू में दिक्कत। पानी निकालने के लिए 100 हॉर्स पॉवर के पंप औऱ मशीनों का हो रहा इस्तेमाल। 

टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए NDRF, SDRF, डिफेंस के साथ साथ एयरफोर्स और नेवी की टीम भी मौजूद हैं। वहीं, सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने वाली टीम को भी बुलाया गया है। 

दरअसल, साल 2023 में उत्तराखंड में निर्माणधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा गिर गया था। इसमें करीब 41 मजदूर फंस गए थे। हालांकि 17 दिन बाद सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था। अब तेलंगाना टनल हादसे में भी रेस्क्यू के लिए इस 6 सदस्यीय टीम को बुलाया गया है।

इस घटना के बाद सुरंग के कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। खुद CM रेवंत रेड्डी अधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं PM मोदी ने भी रेवंत रेड्डी से फोन पर बात कर जानकारी मांगी। रेस्क्यू ऑपरेशन का फीडबैक लिया। इस दौरान PM ने तेलंगाना सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

बहरहाल, टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। लेकिन पानी के कारण रास्ता बंद है। घुटनों तक दलदल है। कीचड़ ने रेस्क्यू टीम की राह मुश्किल कर दी है। हालांकि भारी मशीनरी, रोबोटिक कैमरे, एक्स्पर्ट की राय के साथ कई टीमें ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। ऐसे में उम्मीद है सिलक्यारा टनल की तरह ही यहां भी पीड़ितों को जल्द बाहर निकाला जा सकेगा।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
अकेला मुसलमान जिसने मुल्ला-मौलवियों की नींद हराम कर दी, बन गए मोदी के ‘संदेशवाहक’? Qari Abrar Jamal
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें