'मेरा संदेश हर सनातनी के लिए…’ CJI पर जूते फेंकने वाले किशोर के पास मिला नोट, पढ़कर पुलिस के भी उड़े होश, बढ़ा दी सुरक्षा
CJI पर जूते फेंकने वाले शख्स के पास मिला नोट मिला, इसमें लिखा था 'मेरा संदेश हर सनातनी के लिए है... सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान.' इसे पढ़ने के बाद कोर्ट नंबर 1 के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
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कुछ दिनों पहले हुए CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने के मामले की खूब चर्चा हुई. अब इस मामले पर नया अपडेट सामने आ रहा है. जानकारी मिल रही है कि मामले को लेकर दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड पर है. खबर है कि राजधानी दिल्ली में कोर्ट नंबर 1 के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है क्योंकि CJI गवई यहीं मामलों की सुनवाई करते हैं. पुलिस की पैनी नजर के साथ-साथ ही सुरक्षा अधिकारियों से सतर्कता बढ़ाने को कह दिया गया है. इसी बीच खबर ये भी है कि पुलिस को पूछताछ के दौरान वकील राकेश किशोर के पास एक नोट बरामद हुआ था, जिसमें सनातन का अपमान नहीं सहने की बात कही गई थी.
अधिकारियों से बातचीत में किशोर ने कही बड़ी बात
एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि किशोर से इस घटना की वजह के बारे में पूछताछ की गई थी. पूछताछ के दौरान उसने दावा किया है कि वह CJI की तरफ से मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा को लेकर की गई टिप्पणी से दुखी था. पुलिस का यह भी कहना है कि उन्हें वकील के पास से एक नोट मिला है, जिसमें लिखा था, 'मेरा संदेश हर सनातनी के लिए है... सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान.'
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाने के साथ दो अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी की है. इससे पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी, जिसमें सिक्योरिटी डिवीजन के अधिकारी शामिल हुए थे. इसके अलावा एक आंतरिक आदेश भी जारी किया गया है, जिसमें सुरक्षा कर्मियों को तैनाती के दौरान जूता फेंकने, स्याही फेंकने जैसी घटनाओं को लेकर भी अलर्ट रहने के लिए कहा है.
किशोर की रद्द हो गई सदस्यता
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने किशोर की सदस्यता गुरुवार को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी. साथ ही, उन्हें सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश से प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया. घटना के बाद CJI ने रजिस्ट्रार जनरल को केस दर्ज न करने के निर्देश दिए थे, जबकि दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के बाद किशोर को छोड़ दिया था.
क्या है हाई अलर्ट में रहने की वजह?
मंगलवार को किशोर ने कहा, 'बात यह है कि मैं बहुत ज्यादा आहत हुआ कि 16 सितंबर को चीफ जस्टिस की कोर्ट में किसी व्यक्ति ने जनहित याचिका डाली थी. तो गवई साहब ने पहले तो उसका पूरी तरह से मजाक उड़ाया. मजाक यानी यह कहा कि आप मूर्ति से प्रार्थना करो जाकर, मूर्ति से कहो जाकर कि अपना सिर खुद दोबारा बना ले.'
किशोर ने कहा, 'ठीक है उस आदमी को रिलीफ नहीं देनी थी, तो मत दीजिए, लेकिन ऐसा मजाक भी मत कीजिए उसका. फिर उससे कहा कि आप उसी मूर्ति के सामने जाकर ध्यान लगाएं. अन्याय यह किया कि उसकी याचिका को खारिज भी कर दिया. इन चीजों को लेकर आहत था.'
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