'मेरे जीजा को 10 साल से परेशान कर रहे हैं…', रॉबर्ट वाड्रा पर ED के शिकंजे को लेकर छलका राहुल गांधी का दर्द
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा पर ईडी की नई चार्जशीट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने इसे पिछले 10 वर्षों से जारी राजनीतिक प्रतिशोध बताया और कहा कि वाड्रा को लगातार निशाना बनाया जा रहा है.

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देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. इस बार केंद्र सरकार और कांग्रेस पार्टी आमने-सामने हैं, और विवाद का केंद्र बने हैं रॉबर्ट वाड्रा. लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने जीजा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर नई चार्जशीट पर खुलकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित, दुर्भावनापूर्ण और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित बताया है. पहली बार इस मुद्दे पर इतनी खुली प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने न केवल सरकार की मंशा पर सवाल उठाए, बल्कि अपने परिवार के साथ मजबूती से खड़े होने का संदेश भी दिया.
10 वर्षों से किया जा रहा प्रताड़ित: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी करते हुए लिखा कि उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को पिछले 10 वर्षों से केंद्र सरकार प्रताड़ित करती आ रही है. उन्होंने कहा कि ताजा चार्जशीट उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसका मकसद राजनीतिक प्रतिशोध लेना है. राहुल का कहना है कि यह कार्रवाई रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी और उनके बच्चों को डराने की कोशिश है, लेकिन वे सभी इससे न डरने वाले हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि सत्य की अंततः जीत होगी और उनके परिवार के लोग इस उत्पीड़न को गरिमा के साथ झेलते रहेंगे.
My brother-in-law has been hounded by this government for the last ten years. This latest chargesheet is a continuation of that witch hunt.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 18, 2025
I stand with Robert, Priyanka and their children as they face yet another onslaught of malicious, politically motivated slander and…
ED की चार्जशीट और कोर्ट की कार्रवाई
17 जुलाई 2025 को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत रॉबर्ट वाड्रा समेत 10 अन्य व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की. चार्जशीट में वाड्रा के अलावा स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि., कारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि., सत्यनंद याजी, केवल सिंह विर्क जैसी कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं. राउज एवेन्यू कोर्ट ने 18 जुलाई को इस चार्जशीट का संज्ञान लिया और मामले को दस्तावेज़ों की जांच के लिए 24 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया. कोर्ट ने रिकॉर्ड कीपर को आदेश दिया है कि सभी दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. इस चार्जशीट को लेकर ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन. के. मट्टा ने जल्द सुनवाई की मांग भी अदालत में रखी.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2008 से जुड़ा है, जब वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव, सेक्टर 83 में 3.53 एकड़ ज़मीन खरीदी थी. ईडी का आरोप है कि यह जमीन फर्जी घोषणाओं और व्यक्तिगत प्रभाव के बल पर ली गई थी. ईडी का दावा है कि वाड्रा ने इस ज़मीन के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस भी गलत तरीके से हासिल किया और इस पूरे सौदे में धोखाधड़ी हुई है. जांच एजेंसी ने 16 जुलाई को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़ी लगभग 37.64 करोड़ रुपये की कीमत की 43 अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली हैं. इनमें स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी सहित अन्य संबद्ध संस्थाओं की संपत्तियां शामिल हैं.
जांच एजेंसियों का राजनीतिक दुरुपयोग
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कांग्रेस पार्टी ने इस पूरी कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार विपक्ष के प्रमुख चेहरों को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. पार्टी का कहना है कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, विपक्ष के नेताओं के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई तेज हो जाती है. कांग्रेस का दावा है कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है और इससे देश की न्यायिक प्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं.
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