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सपा के दलित सांसद को मायावती ने घेरा, औरंगजेब का कर रहे थे महिमामंडन

बसपा सुप्रीमो मायावती ने राणा सांगा के कथित अपमान पर सपा के दलित सांसद को इशारों में घेरा और उनकी पोल खोल दी. दूसरी ओर उन्होंने भाषाई विवाद पर भी बड़ा बयान दे दिया.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आजकल चल रहे भाषा विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सपा सांसद लाल जी सुमन को भी इशारों ही इशारों में घेरा है. उन्होंने भाषाई राजनीति के अलावा औरंगजेब-राणा सांगा पर हुई बयानबाजी पर भी अपनी बात रखी. पहले तमिलनाडु फिर महाराष्ट्र में हुए भाषाई विवाद ने पूरे देश का ध्यान खींचा, खूब बयानबाजी हुई. NEP के तीन भाषाई सिद्धांत या प्रावधान के ख़िलाफ़ पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मोर्चा खोला फिर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में मराठी बोलने को लेकर बयान दिया और उनकी पार्टी के नेताओं ने भी इस पर अभियान चलाया, जहां से बदतमीजी की भी बात सामने आई. इसी सब पर बयान देते हुए बसपा सुप्रीमो ने बड़ा बयान दिया है और उन्होंने कहा कि भाषा के प्रति नफ़रत अनुचित है. 


मायावती ने इशारों ही इशारों में सपा सांसद लाल जी सुमन को घेरा!

मायावती ने आगे लिखा कि सपा भी दलितों के वोटों के स्वार्थ की खातिर किसी भी हद तक जा सकती है. अतः दलितों के साथ-साथ अन्य पिछड़ों मुस्लिम समाज आदि को भी इनके किसी भी बहकावे में नहीं आकर इन्हें इस पार्टी के राजनीतिक हथकंडों का शिकार होने से जरूर बचना चाहिए. ऐसी पार्टियों से जुड़े अवसरवादी दलितों को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के संतों, गुरुओं महापुरुषों की अच्छाइयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह उचित होगा, जिनके कारण ये लोग किसी लायक बने हैं. 


ज्ञात हो कि सपा के दलित समाज से आने वाले सांसद लाल जी सुमन ने कथित तौर पर औरंगजेब का महिमामंडन किया था और राणा सांगा का अपमान किया, जिस पर भारी विरोध भी हुआ था. करणी सेना ने आगरा में इसके खिलाफ मार्च भी किया और उनका घेराव किया था. 


देश भर में संगठन को मजबूत करेगी बसपा

बसपा मुखिया मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा कि पश्चिम के महाराष्ट्र, गुजरात तथा दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु केरल में बीएसपी संगठन के गठन की तैयारी मजबूती एवं पार्टी के जनाधार को बढ़ाने आदि पर दिल्ली में हुई बैठक में गहन समीक्षा हुई और आगे पूरे तन, मन, धन से पार्टी के कार्यों को दिशा-निर्देशानुसार बढ़ाने का संकल्प लिया गया. 


भाषा पर राजनीति से देश और लोगों का नुकसान!

मायावती ने भाषा पर हो रही राजनीति पर नेताओं को घेरा. उन्होंने लिखा कि जनगणना और उसके आधार पर लोकसभा सीटों का पुनः आवंटन, नई शिक्षा नीति भाषा थोपने आदि के चलते इन राज्यों केंद्र के बीच राजनीतिक स्वार्थ के लिए विवाद से जन देशहित का प्रभावित होना स्वाभाविक है. गुड गवर्नेंस वही है जो पूरे देश को संविधान के हिसाब से साथ लेकर चले. 


अंग्रेजी की शिक्षा भी दलितों के जरूरी, भाषा के प्रति नफरत अनुचित

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले खासकर शोषित-उपेक्षित गरीबों, दलितों, आदिवासियों पिछड़े वर्ग आदि के बच्चे-बच्चियां अंग्रेजी का ज्ञान अर्जित किए बिना आगे चलकर आईटी स्किल्ड क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ सकते हैं, सरकार इस बात का जरूर ध्यान रखे. भाषा के प्रति नफरत अनुचित है. 


दलित लोगों को आगे करके तनाव हिंसा का माहौल पैदा कर रही सपा: मायावती

मायावती ने इसी सिलसिले में अपने पोस्ट में कहा था कि अन्य पार्टियों की तरह आए दिन सपा द्वारा भी पार्टी के ख़ासकर दलित लोगों को आगे करके तनाव हिंसा का माहौल पैदा करने वाले अति विवादित बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप कार्यक्रम आदि का जो दौर चल रहा है, यह उनकी घोर संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति ही प्रतीत होती है. 

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