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हरियाणा में आईजी की आत्महत्या पर मायावती की चिंता, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

मायावती ने कहा कि हरियाणा सरकार इस घटना को पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से ले तथा इसकी भी लीपापोती करने का प्रयास न करे तो यह उचित होगा. जांच के नाम पर खानापूर्ति भी नहीं होनी चाहिए, जैसा कि आरोप लगने शुरू हो गये हैं. माननीय सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार भी इस घटना का उचित संज्ञान लें तो यह बेहतर होगा.

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को हरियाणा राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के आत्महत्या वाले मामले में गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने मांग की है कि दोषियों को सख्त सजा मिले, जिससे ऐसी शर्मिंदा करने वाली घटना दोबारा न हो. 

मायावती ने की दोषियों के खिलाफ सख्त सजा मांग 

बसपा मुखिया मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि हरियाणा राज्य में आईजी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार, जिनकी पत्नी भी स्वयं हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, द्वारा जातिवादी शोषण व प्रताड़ना के कारण की गयी आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. ख़ासकर दलित व बहुजन समाज के लोग काफी उद्वेलित हैं. 

उन्होंने कहा कि यह अति-दुखद व अति-गंभीर घटना ख़ासकर एक सभ्य सरकार के लिए शर्मनाक है और यह साबित करती है कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश कितना अधिक ख़ासकर शासन-प्रशासन में हावी है और सरकारें इसको रोक पाने में विफल साबित हो रही हैं. वैसे यह सब सरकार की नीयत व नीति की बात ज्यादा है. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की समयबद्ध स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसके लिये दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि सभ्य समाज को शर्मिन्दा करने वाली ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा कहीं ना होने पाएं. 

सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार घटना का उचित संज्ञान ले 

मायावती ने कहा कि हरियाणा सरकार इस घटना को पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से ले तथा इसकी भी लीपापोती करने का प्रयास न करे तो यह उचित होगा. जांच के नाम पर खानापूर्ति भी नहीं होनी चाहिए, जैसा कि आरोप लगने शुरू हो गये हैं. माननीय सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार भी इस घटना का उचित संज्ञान लें तो यह बेहतर होगा. 

बसपा प्रमुख ने इस घटना से लोगों को सीख लेनी की सलाह दी 

बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसी घटनाओं से खासकर उन लोगों को ज़रूर सीख लेनी चाहिये जो एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़ कर क्रीमी लेयर की बात करते हैं, क्योंकि धन व पद पा लेने के बाद भी जातिवाद उनका पीछा नहीं छोड़ता है और हर स्तर पर जातिवादी शोषण, अत्याचार व उत्पीड़न लगातार जारी रहता है, जिसकी ताज़ा मिसाल हरियाणा की वर्तमान घटना है.

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