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महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबू आज़मी का एक बार फिर साधा निशाना, कहा-'इन्हें उसी रास्ते पर जाना है जिस पर भाजपा है'

सूबे की कमान एक बाद फिर से बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस के हाथों में है। इस बीच अब उद्धव ठाकरे को लेकर एक बार फिर अबू आज़मी ने कुछ ऐसा बोल दिया है जो बहुत कुछ संते देता है।

19 Dec, 2024
( Updated: 19 Dec, 2024
05:19 PM )
महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबू आज़मी का एक बार फिर साधा निशाना, कहा-'इन्हें उसी रास्ते पर जाना है जिस पर भाजपा है'
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी महायुति का सामने करने के लिए महाविकास अघाड़ी एक चुनौती के रूप में खड़ी थी लेकिन जैसा ही चुनावी नतीजे सामने आए उसके विपक्षी गठबंधन को बुरी तरह से जनता ने हराया था। इस हार के पीछे की कई वजह भी मानी जा रही है जिसमें चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित न करना, सीटों को लेकर विपक्षी गठबंधन के दलों में तकरार। इसमें तो सबसे आगे समाजवादी पार्टी रही जिसके प्रदेश अध्यक्ष अबू आज़मी ने तो खुलकर सीटों को लेकर महाविकास अघाड़ी में शामिल दलों को धमकी दी थी। तभी से यह कहा जाने लगा था कि महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन पूरी तरह से टूट गया है। ऐसे में अब नई सरकार का गठन हो चुका है। सूबे की कमान एक बाद फिर से बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस के हाथों में है। इस बीच अब उद्धव ठाकरे को लेकर एक बार फिर अबू आज़मी ने कुछ ऐसा बोल दिया है जो बहुत कुछ संते देता है। 


विधानसभा में सीट हुई कम तो मुद्दे से भटके उद्धव : अबू आज़मी 

दरअसल, महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ने कामकाज शुरू कर दिया है। उनकी कैबिनेट का विस्तार भी हो गया है। इस बीच देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात कर उन्हें बधाई देने वाले में सिर्फ़ उनके समर्थक, पार्टी के नेता ही नहीं बल्कि विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेता भी उनसे मुलाक़ात कर उन्हें नई सरकार चलाने के लिए उन्हें शुभकामनायें दे रहे है। इसी क्रम में जब शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे उनसे मुलाक़ात करने और बधाई देने अपने बेटे आदित्य ठाकरे संग पहुंचे तो इस बात का बुरा सबसे पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आज़मी को लगा। इस पर उन्होंने प्रतिक्रिया भी दी है।अबू आजमी ने कहा है कि उद्धव ठाकरे उसी रास्ते पर जाना चाहते हैं, जिस रास्ते पर भाजपा है। जो भी मुख्यमंत्री बनता है, तो हम अपने काम को लेकर उनसे मिलने के लिए जाते हैं। हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है। लेकिन हमारी विचारधारा का फर्क है। अगर उद्धव ठाकरे राजनीतिक कारणों से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले हैं, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, यह अच्छी बात है। लेकिन, मैं देख रहा हूं कि विधानसभा में उनकी सीट कम हुई है, तो वह कहने लगे हैं कि वह हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर चलेंगे। 


शिवसेना फिर पुराने रास्ते पर जाना चाहती है: अबू आज़मी 

अबू आज़मी ने आगे कहा कि मुझे अफसोस इस बात का हुआ कि एक सेक्युलर अलायंस बनाने के बाद कहा गया है कि 6 दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का जिन्होंने विध्वंस किया था उन्हें बधाई। अगर उनकी पार्टी के किसी नेता ने कहा है तो उन्हें रोकना चाहिए था, लेकिन उन्होंने नहीं रोका। इससे साफ होता है कि शिवसेना फिर उसी रास्ते पर जाना चाहती है, जिस रास्ते पर पहले थी और जिस रास्ते पर भाजपा पर है। दोनों की विचारधारा एक ही है। अब उद्धव ठाकरे क्यों मिले हैं, कुछ दिनों बाद पता चलेगा।लखनऊ में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर समाजवादी पार्टी के शामिल न होने पर उन्होंने कहा है कि कांग्रेस से मतभेद नहीं है। लेकिन कांग्रेस सहयोग नहीं करती है। महाविकास अघाड़ी में तीन पार्टियों की बात होती है। हम छोटी पार्टी हैं, लेकिन हमारा नाम नहीं लिया जाता है। विधानसभा के चुनाव में बातचीत हुई, तो हमें बुलाया नहीं गया। कांग्रेस को यह लगता है कि हमें अकेले चुनाव में जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस की यह भूल है। अगर लखनऊ में कुछ हो रहा है और कांग्रेस के लीडर अगर अखिलेश यादव के पास जाते तो समाजवादी पार्टी प्रदर्शन में शामिल होती। मुझे लगता है कि समन्‍वय नहीं किया गया होगा, इसलिए सपा से कोई नहीं गया। सपा नेता ने कहा, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि राहुल गांधी के नीचे जो लोग हैं, उन्हें गुमराह कर रहे हैं।

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