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जिनपिंग की जहरीली साजिश! अमेरिका में 'एग्रो टेररिज्म' के लिए खतरनाक फंगस के साथ भेजे चीनी एजेंट, ऐसे हुआ खुलासा

अमेरिका में चीन की जहरीली साज़िश का बड़ा खुलासा हुआ है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इशारे पर दो चीनी शोधार्थियों को खतरनाक फंगस के साथ भेजा गया, जहां उन्हें एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार किया गया. कहा जा रहा है कि दोनों एजेंट जिनपिंग की शह पर ‘एग्रो टेररिज्म’ के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे..

Created By: केशव झा
04 Jun, 2025
( Updated: 08 Jun, 2025
01:45 PM )
जिनपिंग की जहरीली साजिश! अमेरिका में 'एग्रो टेररिज्म' के लिए खतरनाक फंगस के साथ भेजे चीनी एजेंट, ऐसे हुआ खुलासा

अमेरिका से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. अब तक जैविक, परमाणु, मिलिट्री सहित अन्य तरीकों से टेररिज्म की शिकार दुनिया में एक और मोड ऑफ टेररिज्म सामने आया है. दरअसल अमेरिका में दो चीनी नागरिकों, युनकिंग जियान (33) और उनके बॉयफ्रेंड ज़ुनयोंग लियू (34), को एक खतरनाक जैविक रोगाणु, फ्यूज़ेरियम ग्रामिनेरम (Fusarium graminearum) की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह रोगाणु, जिसे साइंटिफिक भाषा में एक संभावित ‘एग्रो टेररिज्म हथियार (कृषि को हथियार की तरह इस्तेमाल करना) के रूप में डिस्क्राइब किया गया है. इस तरीके से फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया जा सकता है. इस मामले के सामने आने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. इस मामले ने न सिर्फ आतंकवाद के बदलते स्वरूप की ओर इशारा किया है बल्कि चीन की गंभीर और खतरनाक चालबाजियों को भी एक्सपोज किया है. 

Agro Terrorism को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की फंडिंग 
दोनों चीनी नागरिकों को षड्यंत्र रचने, अमेरिका में तस्करी करने, झूठे बयान देने और वीजा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, युनकिंग जियान, जो मिशिगन विश्वविद्यालय में एक रिसर्च फेलो हैं, और उनके बॉयफ्रेंड ज़ुनयोंग लियू, जो चीन में एक विश्वविद्यालय में रोगाणु पर शोध करते हैं. जुलाई 2024 में डेट्रॉइट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे के माध्यम से इस फंगस को अमेरिका में तस्करी करने की कोशिश की. लियू ने कथित तौर पर अपने सामान में इस रोगाणु को छिपाया और इसे घोषित नहीं किया.

शुरुआत में लियू ने इनकार किया, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि उनका इरादा मिशिगन विश्वविद्यालय के प्रयोगशाला में इस रोगाणु पर शोध करने का था, जहां जियान कार्यरत थीं. पूछताछ के दौरान दोनों प्रेमी जोड़ों ने पहले तो झूठ बोला और फिर मान लिया किया कि ग्रैमिनीरम फंगस को डेट्रॉयट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे के जरिए वो अमेरिका लेकर आने वाले थे. वो मिशिगन यूनिवर्सिटी की लैब में इस पर रिसर्च करना चाहता था जहां उसकी गर्लफ्रेंड जियान काम करती था. माना जा रहा है कि दोनों चीनी नागरिक चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़े हुए हैं. ज़ुनयोंग लियू चीनी विश्वविद्यालय में इसी रोगाणु पर शोधार्थी है.

FBI डायरेक्टर का भी आया बयान
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बताया. उन्होंने कहा, "यह मामला एक चेतावनी है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अमेरिकी संस्थानों में घुसपैठ करने और हमारी खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए लगातार काम कर रही है, जो हमारी अर्थव्यवस्था और जनता की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है."

फ्यूज़ेरियम ग्रामिनेरम फंगस क्या है?
फ्यूज़ेरियम ग्रामिनेरम एक विषैला फंगस है, जो गेहूं, चावल, मक्का और जौ जैसी फसलों में हेड ब्लाइट (head blight) रोग का कारण बनता है. यह न केवल फसलों को नष्ट कर सकता है, बल्कि यह मनुष्यों और जानवरों के लिए भी जहरीला हो सकता है. वैश्विक स्तर पर इस रोग के कारण हर साल अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान होता है. जांच में पाया गया है कि जियान और लियू ने 2022 में वीचैट संदेशों के माध्यम से बीजों (सीड्स) की तस्करी की योजना बनाई थी. इसके अलावा, जियान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से प्राप्त साक्ष्य में उनकी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) से संबद्धता और इस रोगाणु पर चीन में किए गए शोध के लिए चीनी सरकार से प्राप्त फंडिंग का खुलासा हुआ.

एफबीआई के डेट्रॉइट फील्ड ऑफिस के विशेष एजेंट प्रभारी, शोवेरिया गिब्सन, ने कहा, "इन दोनों ने एक स्थानीय विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला सुविधाओं का दुरुपयोग कर जैविक रोगाणुओं की तस्करी की, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक तत्काल खतरा है.”

दोनों चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी एग्रो टेररिज्म के खतरों को उजागर करती हैं, जहां जैविक रोगाणुओं का उपयोग खाद्य आपूर्ति और कृषि को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है. फ्यूज़ेरियम ग्रामिनेरम जैसे रोगाणु न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं, बल्कि जनता में भय और अस्थिरता भी पैदा कर सकते हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने इस घटना को नाकाम कर एक बड़े खतरे को टाल दिया, लेकिन यह चेतावनी देता है कि वैश्विक स्तर पर जैविक सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है.

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