जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गर्लफ्रेंड की खतरनाक स्ट्रैटेजी, धर्मांतरण के लिए अपनाती थी 'द केरला स्टोरी' वाली ट्रिक, जानकर हो जाएंगे हैरान
यूपी के बलरामपुर में अवैध रूप से धर्मांतरण करवाने के मास्टरमाइंड छांगुर की गर्लफ्रेंड नीतू ने कई परिवारों को धर्मांतरण करवाया, नीतू के साथ उसका पति भी इस खेल में शामिल था. चलिए जानते हैं कि कैसे नीतू अपने पति संग मिलकर छांगुर के लिए धर्मांतरण का खेल खेलती थी.
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उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण गिरोह की मास्टरमाइंड नीतू उर्फ नसरीन और जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती. 'द केरल स्टोरी' की तरह ही नीतू की हकीकत भी चौंकाने वाली है. बताया जा रहा है कि नीतू भोली-भाली, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को पहले इस्लाम धर्म की ओर आकर्षित करती थी. फिर उन्हें पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करती थी. चौंकाने वाली बात यह है कि नीतू खुद जन्म से मुस्लिम नहीं है. वह मूल रूप से एक सिंधी परिवार से ताल्लुक रखती है. वर्ष 2015 में अपने पति नवीन रोहरा के साथ उसने इस्लाम धर्म कबूल किया था.
बेटी सबीहा का भी करवाया धर्मांतरण
नीतू ने न केवल खुद धर्म परिवर्तन किया, बल्कि अपनी बेटी सबीहा का भी जबरन धर्मांतरण करवा कर उसे मुसलमान बना दिया. धर्म बदलने के बाद नीतू ‘नसरीन’ और उसका पति नवीन ‘जलालुद्दीन’ बन गया. इसके बाद नसरीन, जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण गैंग की सक्रिय सदस्य बन गई.
कम समय में ही नसरीन ने छांगुर का विश्वास जीत लिया और उसकी सबसे करीबी सहयोगी बन गई. उसने छांगुर के लिए काम करते हुए कई लोगों का जबरन धर्मांतरण करवाया और इस गिरोह के नेटवर्क को तेजी से फैलाने में अहम भूमिका निभाई.
बीमारी का इलाज, आर्थिक मदद और चमत्कार का लालच…
नीतू उर्फ नसरीन धर्मांतरण रैकेट में अहम भूमिका निभा रही थी. वह खासतौर पर गरीब हिंदू परिवारों को निशाना बनाती. उन्हें बीमारी के इलाज का खर्च उठाने, आर्थिक मदद देने और छांगुर बाबा के "चमत्कार" का झांसा देकर बहकाती. जब ये परिवार उसकी बातों में आ जाते, तो वह उन्हें छांगुर बाबा से मिलवाकर धर्मांतरण के लिए तैयार करती थी. उसका पति नवीन उर्फ जलालुद्दीन भी इसी साज़िश में शामिल था. वह गरीब हिंदू परिवारों को पहले कर्ज देता और फिर कर्ज के जाल में फंसाकर धर्म बदलने के लिए मजबूर करता. इतना ही नहीं, अगर कोई विरोध करता, तो उन्हें धमकाया जाता और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी जाती.
UAE से भी जुड़े हैं तार
नवीन उर्फ जलालुद्दीन ने वर्ष 2021 में उतरौला सिविल कोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल किया था, जिसमें उसने और अपने पूरे परिवार के मुस्लिम धर्म अपनाने की बात कही थी. शपथ पत्र में यह भी उल्लेख था कि छांगुर बाबा अब उसका आध्यात्मिक गुरु है.
खुलासा यह भी हुआ है कि नीतू और नवीन अब तक 19 बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जा चुके हैं. यूपी एटीएस अब उनके बार-बार UAE जाने के उद्देश्य और छांगुर गैंग से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की जांच में जुटी है.
बताया जा रहा है कि बलरामपुर के रेहरा माफी गांव स्थित छांगुर बाबा के घर में नीतू, उसका पति नवीन रोहरा और बेटी एक साथ रहते थे. इलाके में सभी उन्हें मुस्लिम परिवार ही मानते थे. किसी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि यह परिवार मूल रूप से सिंधी है और इन्होंने धर्म परिवर्तन किया है.
धर्मांतरण की मास्टरमाइंड थी नीतू उर्फ नसरीन
यूपी एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि नीतू उर्फ नसरीन गरीब हिंदू लड़कियों को अपना आसान शिकार बनाती थी. वह पहले उनसे दोस्ती करती, फिर उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश करती थी, कौन सी बात उन्हें सबसे ज़्यादा दुखी करती है, किस चीज़ की उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है. जब लड़कियां अपनी समस्याएं साझा करतीं, तो नीतू उन्हें झूठी सांत्वना देती और कहती, "चिंता मत करो, छांगुर बाबा चमत्कारी हैं. वो तुम्हारी सारी मुश्किलें दूर कर देंगे." इसके बाद वह अपनी झूठी 'कहानी' सुनाती, कैसे मुस्लिम बनने के बाद उसकी ज़िंदगी बदल गई.
नीतू की चालाकी यहीं खत्म नहीं होती थी. वह पहले लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाती, फिर उनके पति, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को भी अपने जाल में फंसा लेती. वह इलाज, पैसे या बेहतर भविष्य का लालच देकर पूरे परिवार को इस्लाम कबूलने के लिए राजी कर लेती थी.
नीतू की गिनती छांगुर बाबा के सबसे विश्वसनीय और सक्रिय साथियों में होती थी. जब भी छांगुर किसी जिले में धर्मांतरण के मकसद से जाता, नीतू ही पहले वहां उसका नेटवर्क तैयार करती और संभावित शिकारों की सूची बनाती. कई ऐसे गरीब परिवार हैं जिनका नीतू ने पूरा जीवन बदल दिया लालच, डर और झांसे में डालकर.
"बाबा से जुड़ो, सारे दुख दूर हो जाएंगे"
नीतू जहां भोले-भाले लोगों को भावनात्मक जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाती थी, वहीं उसका पति नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन उससे भी एक कदम आगे निकल चुका था. वह जरूरतमंद और गरीब परिवारों को लाखों रुपये का कर्ज देता था. शुरुआत में वह बेहद हमदर्दी और मददगार बनकर सामने आता.
लेकिन जैसे ही परिवार कर्ज चुकाने में असमर्थ होता, नवीन अपना असली चेहरा दिखाता और कहता "इस्लाम कबूल लो, बाबा से जुड़ जाओ, तुम्हारे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे." इस बहाने वह पीड़ित परिवारों पर धर्मांतरण का दबाव बनाता.
नवीन का यह तरीका न सिर्फ आर्थिक शोषण था, बल्कि धार्मिक धोखाधड़ी का भी संगठित रूप था, जिसके जरिए उसने कई परिवारों को धर्म बदलने पर मजबूर कर दिया.
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश एटीएस ने नवंबर 2024 में बलरामपुर जिले के रेहरा माफी निवासी धर्मांतरण गैंग के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, उसके बेटे महबूब, नवीन रोहरा समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
8 अप्रैल को कार्रवाई करते हुए एटीएस ने दो आरोपियों नवीन उर्फ जमालुद्दीन और छांगुर बाबा के बेटे महबूब को गिरफ्तार कर लिया. इन गिरफ्तारी के बाद से ही मुख्य आरोपी छांगुर बाबा और नवीन रोहरा की पत्नी नीतू उर्फ नसरीन भूमिगत हो गए थे. माना जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए दोनों फरार हो गए हैं.
50 हजार का इनामी था छांगुर बाबा
धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने पहले ही गैर-जमानती वारंट जारी किया था और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. शनिवार को यूपी एटीएस ने उसे उसकी करीबी नसरीन उर्फ नीतू के साथ लखनऊ के स्टार रूम्स होटल से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को छांगुर बाबा की बलरामपुर स्थित आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाया गया. इसी दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छांगुर और उसके गैंग के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.
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