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बात हिंदू संत के अपमान की थी, जमकर गरजे धीरेंद्र शास्त्री !

बांग्लादेश के हिंदुओं पर जिस तरह से अत्याचार हो रहा है उसे लेकर अब पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का ग़ुस्सा फूटा है। उन्होंने कहा है कि चिन्मय दास हिंदू हैं..इस्कॉन को उनका समर्थन करना चाहिये ! देखिये पूरी ख़बर।

01 Dec, 2024
( Updated: 05 Dec, 2025
11:27 PM )
बात हिंदू संत के अपमान की थी, जमकर गरजे धीरेंद्र शास्त्री !
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा हाल ही में संपन्न हुई। 21 नवंबर से बागेश्वर धाम से शुरू हुई ये यात्रा 29 नवंबर को ओरछा में संपन्न हुई। 9 दिन की इस यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू समाज से अपील की कि वो जात पात से ऊपर उठे और एकजुट होकर आगे बढ़ें। 160 किमी की इस लंबी यात्रा के दौरान बागेश्वर धाम का अलग अलग रवैया देखने को मिला। कभी ठठरी बांधने वाले अंदाज में दिखे, कभी रोते बिलखते भक्तों के सिर पर हाथ फेरते हुए दिखे तो कभी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर अपनी नाराज़गी जताते दिखे तो कभी चिन्मय दास के लिए हिंदुओं को ललकारते हुए दिखाई दिये।


जी हां, दरअसल बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तारी क्या हुई, इसका असर भारत में भी देखा जा रहा है। बंगाल से लेकर यूपी तक में लोग इसका विरोध कर सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। बांग्लादेश में इतने बडे़ संत पर अत्याचार हुआ तो बांग्लादेश इस्कॉन ने भी चिन्मय दास से दूरी बना ली। इस्कॉन सोसाइटी की तरफ़ से कहा गया है कि उनका चिन्मय दास से कोई लेना देना नहीं है।

इसी को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का ग़ुस्सा फूट पड़ा। धीरेंद्र शास्त्री ने आग बबूला होते हुए कहा "इस्कॉन में तो हिंदू रहते हैं ना ? चिन्मय दास को इस्कॉन से बेदख़ल किया ठीक है, पर वो हिंदू तो हैं ना ? हिंदू होने के नाते इस्कॉन को उनका समर्थन करना चाहिये। चिन्मय भी तो मंत्रों का जाप करता होगा, उस नाते तो उसका सपोर्ट करो "। 

हालांकि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ हिंदू संत जिस तरह से आगे आये हैं उसे लेकर धीरेंद्र शास्त्री तारीफ़ करते हुए नज़र आये। उन्होंने कहा "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाना बहुत ज़रूरी है क्योंकि भारत ने बांग्लादेश को आज़ाद कराने में सहयोग किया है। वहां के हिंदुओं को भी अब घरों से बाहर निकलकर शठे शाठ्यं समाचरेत (जैसे को तैसा जवाब) जैसा व्यवहार करना चाहिये नहीं तो वो ख़त्म हो जाएंगे"

इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री से वक़्फ़ बोर्ड को लेकर सवाल हुआ। इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "इस देश की अपनी शिक्षा प्रणाली है। इतने सारे शिक्षा बोर्ड हैं। एक देश में एक ही शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिये। भारत में शिक्षा के लिए वक़्फ़ की ज़रूरत नहीं है, नहीं है। यहां सरकारी शिक्षा भी मुफ़्त है, राशन मुफ़्त है, वो इसका पूरा मज़ा लेते हैं"। 

बहरहाल धीरेंद्र शास्त्री की इसी यात्रा में पहुंचे NMF News के संवाददाता अभिषेक ने उनसे खास बातचीत की सुनिये पंडित धीरेद्र शास्त्री ने क्या कुछ कहा था।

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