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नेपाल में Gen Z ही असली 'जड़' या पहले से तैयार था सरकार गिराने का प्लान? CIA और डीप स्टेट ने रची साजिश! जानें INSIDE STORY

नेपाल में Gen Z का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन देखते ही देखते बेहद उग्र हो गया. माना जा रहा है कि उनके विरोध प्रदर्शन में साजिशन घुसपैठ की गई. नेपाल में इस प्रदर्शन के बहाने कुछ लोग वापस राजशाही को कायम करना चाहते थे. या फिर इसके पीछे CIA और डीप स्टेट की कोई बड़ी साजिश थी. ? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इन प्रदर्शन में लोकशाही के खिलाफ नारे लगाते हुए राजशाही के पक्ष में आवाजें उठीं. फॉरेन अफेयर्स एक्सपर्ट वेद शर्मा ने NMF News पर पॉडकास्ट में CIA और डीप स्टेट के खतरनाक प्लान से पर्दा उठाया.

जुलाई 2022 जब श्रीलंका में हजारों की भीड़ सड़कों पर उतर आई. कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भवन को घेर लिया गया. सरकार विरोधी नारे गूंजने लगे और गोटबाया को भागना पड़ा. इसके दो साल बाद अगस्त 2024 में बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन बेकाबू हो गया. राजधानी ढाका की सड़कों पर भारी भीड़ का कब्जा हो गया. प्रदर्शनकारी PM आवास में घुस गए. हालात काबू से बाहर हो गए. ऐसे में तत्कालीन PM शेख हसीना इस्तीफा देकर देश छोड़ने को मजबूर हो गईं और भारत में शरण ली. 

इसके एक साल बाद सितंबर 2025 में इसी तरह के हालात नेपाल में बने. सोशल मीडिया बैन के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन तख्तापलट तक पहुंच गया. वही हिंसा, वही विद्रोह, वही आगजनी वही पैटर्न जैसा पिछले दो देशों में हुआ था. पिछले कुछ सालों में तीन देशों में तख्ता पलट का होना बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. नेपाल में Gen Z का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन देखते ही देखते बेहद उग्र हो गया. माना जा रहा है कि उनके विरोध प्रदर्शन में साजिशन घुसपैठ की गई. नेपाल में इस प्रदर्शन के बहाने कुछ लोग वापस राजशाही को कायम करना चाहते थे. या फिर इसके पीछे CIA और डीप स्टेट की कोई बड़ी साजिश थी. ? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इन प्रदर्शन में लोकशाही के खिलाफ नारे लगाते हुए राजशाही के पक्ष में आवाजें उठीं. फॉरेन अफेयर्स एक्सपर्ट वेद शर्मा ने NMF News पर पॉडकास्ट में CIA और डीप स्टेट के खतरनाक प्लान से पर्दा उठाया. साथ ही बताया कि, नेपाल के बाद अब अगला टारगेट कौन है? 

क्या नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठाया गया? 

वेद शर्मा ने बताया कि नेपाल में हमेशा सरकार पर अस्थिरता का खतरा मंडराता रहा है. ज्यादातर सरकारों ने यहां अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया. जब किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता रहती है उसमें बाहरी ताकते अपना भविष्य तलाशनें में जुट जाती हैं. नेपाल में भी कुछ वैसा ही हुआ. यहां Gen Z प्रदर्शन के बहाने सुनियोजित तरीके से सरकार को गिराने की साजिश रची गई. इस बार Gen Z को आगे कर, सोशल मीडिया को मुद्दा बनाकर देश को आंदोलन की आग में झोंका गया. जबकि बांग्लादेश में ये ही काम छात्रों को आगे कर किया गया था. 

क्या भारत में भी हुई अराजकता की कोशिश? 

भारत के पड़ोसी देशों में भड़कती हिंसा और तख्तापलट के बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत में इस तरह की घुसपैठ की कोशिश हुई? इस सवाल के जवाब में वेद प्रकाश शर्मा कहते हैं कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरूआत में वामपंथी थिंक टैंक ने ऐसी कोशिशें की थी. जिससे सरकार के खिलाफ एक माहौल बनाकर एक धड़े को भड़काया जा सके. उन्होंने इशारा किया कि उस समय सरकार के विरोध में जो लोग अवॉर्ड वापस कर रहे थे, जो मोदी सरकार को असहिष्णु करार दे रहे थे. इसके जरिए देश को भड़काने का प्लान बनाया जा रहा था. एक के बाद एक कई आंदोलन खड़े किए गए. 

वेद शर्मा ने पिछले आधे दशक में एशिया के कई देशों में हुए तख्तापलट में अमेरिका का हाथ होने से भी इंकार नहीं किया. उन्होंने कहा, पिछले कुछ समय से एशिया के कई देशों को, जिन्हें लोकतांत्रिक और शांत माना जाता था उनमें सेंध लगाकर भयंकर उठा पटक की गई. चाहे बात अफगानिस्तान की हो या नेपाल की. देश की आंतरिक ताकतों के साथ मिलकर सुनियोजित साजिश रची गई. 

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