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फ्रांस-जर्मनी को पछाड़ भारत दुनिया के टॉप टूरिज्म देशों में शुमार, सालाना कमाई हुई ₹19 लाख करोड़ के पार

भारत ने विश्व पर्यटन की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में भारत दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी पर्यटन अर्थव्यवस्था बन गया है.

भारत का टॉप 10 में पहुँचना कोई छोटी बात नहीं है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता, सरकार की नीतियों और स्थानीय लोगों की मेहनत का नतीजा है. पर्यटन सिर्फ पैसे की बात नहीं है; यह देश की संस्कृति, इतिहास, और विविधता को दुनिया तक ले जाने का जरिया है.

भारत दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी पर्यटन अर्थव्यवस्था

भारत ने विश्व पर्यटन की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में भारत दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी पर्यटन अर्थव्यवस्था बन गया है. देश की पर्यटन से होने वाली कमाई 231.6 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 19.4 लाख करोड़ रुपये) तक पहुँच गई है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल भारत 10वें स्थान पर था, लेकिन इस बार दो पायदान की छलांग लगाकर जापान और फ्रांस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया. अमेरिका पहले स्थान पर है 2,360 अरब डॉलर के साथ, उसके बाद चीन, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस और मैक्सिको हैं. इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की दूरदर्शी नीतियों, मेहनत और लगातार प्रयासों का बड़ा हाथ है.

पर्यटन अर्थव्यवस्था में 24वें स्थान पर था भारत 

पिछले एक दशक से पहले भारत की पर्यटन अर्थव्यवस्था की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं थी. 2013 में डब्ल्यूटीटीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन की विकास दर 6-7 प्रतिशत के आसपास थी, लेकिन वैश्विक रैंकिंग में भारत 24वें स्थान या उससे नीचे था. विदेशी पर्यटकों की संख्या 2013 में लगभग 6.97 मिलियन थी, जो 2019 तक बढ़कर 10.93 मिलियन हो गई. जीडीपी में योगदान 5-6 प्रतिशत था.

इन सबके बीच 2020 में कोविड-19 महामारी ने पर्यटन उद्योग को और बड़ा झटका दिया विदेशी पर्यटकों की संख्या घटकर 2.74 मिलियन रह गई, और जीडीपी में योगदान 4 प्रतिशत तक गिर गया. होटल, टूर ऑपरेटर, गाइड्स, और छोटे-मोटे दुकानदार सब परेशान थे. लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह भारत की मेहनत और जज्बे की मिसाल है.

मोदी सरकार के 10 साल की मेहनत का परिणाम 

भारत की यह सफलता सालों की मेहनत का परिणाम है. 2014 से पर्यटन को प्राथमिकता दी गई. बजट आवंटन 2014 में 500 करोड़ रुपये था, जो अब 2,400 करोड़ से ज्यादा हो गया है. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा साल 2002 में चलाए गए 'अतुल्य भारत' अभियान को और मजबूत किया गया. सोशल मीडिया, फिल्मों और व्लॉग्स के जरिए प्रमोशन बढ़ा, ट्रैवल कंटेंट ने भारत को वैश्विक स्तर पर चमकाया.

इसके अलावा स्वदेश दर्शन योजना 2014-15 में शुरू हुई, जिसमें थीम-आधारित पर्यटन सर्किट विकसित किए गए, जैसे बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, वन्यजीव सर्किट. लेकिन शुरुआत में यह कई राज्यों में फैली हुई थी, इसलिए प्रभाव कम पड़ा. 2022 में स्वदेश दर्शन 2.0 लॉन्च हुई, जो एक-एक जगह पर केंद्रित है. इसमें सतत पर्यटन पर जोर – पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे, स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो. पायलट प्रोजेक्ट में ओरछा (मध्य प्रदेश), गाँडीकोटा (आंध्र प्रदेश), बोधगया (बिहार) जैसी सात जगहें शामिल हैं.

यात्रा मार्गों के कायाकल्प की अहम भूमिका 

साल 2014 से 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गए. रेल विद्युतीकरण 98 प्रतिशत पहुँच गया. बंदरगाह क्षमता दोगुनी हुई. उड़ान योजना से 88 एयरपोर्ट चालू हुए, छोटे शहरों में उड़ानें बढ़ीं. वंदे भारत ट्रेनों से आरामदायक और तेज यात्रा संभव हुई. होटलों में निवेश बढ़ा – 2024 में 3,295 करोड़ रुपये के 40 प्रोजेक्ट मंजूर हुए, 23 राज्यों में प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्र बनाने के लिए.

वीजा नीति आसान हुई, ई-वीजा अब 167 देशों के लिए उपलब्ध है, ऑनलाइन आवेदन से विदेशी पर्यटक बढ़े. चिकित्सा पर्यटन को प्रोत्साहन – भारत की सस्ती और गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएँ, जैसे आयुर्वेद और योग, ने लाखों विदेशी रोगियों को आकर्षित किया. 2024 में विदेशी पर्यटकों ने 3.10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो 2019 से ज्यादा है. सौंदर्यीकरण प्रयास भी बड़े हैं. स्वच्छ भारत अभियान से जगहें साफ हुईं – ताजमहल के आसपास सफाई, गंगा घाटों का सुधार. यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संख्या 43 हो गई, दुनिया में छठा स्थान. प्राकृतिक, सांस्कृतिक और एडवेंचर पर्यटन पर फोकस – हिमालय, समुद्र तट, वन्यजीव.

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