इंडो-पैसिफिक में भारत की नई रणनीति... ऑस्ट्रेलिया संग तीन बड़े रक्षा समझौते हुए फाइनल, राजनाथ सिंह ने देखी F-35 की ताकत
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा सहयोग को नई ऊँचाई देने के लिए तीन अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. कैनबरा में हुई बैठक में दोनों देशों ने गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान, पनडुब्बी खोज एवं बचाव सहयोग और संयुक्त स्टाफ वार्ता तंत्र की स्थापना पर सहमति जताई. इस कदम से क्षेत्रीय सुरक्षा और सैन्य साझेदारी को मजबूती मिलेगी. बता दें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस समय ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं.
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भारत अब ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है. इसी कड़ी में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में दोनों देशों ने तीन अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए है. जिनसे सैन्य इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ेगी और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को नई दिशा मिलेगी. यह बैठक उस समय हुई जब अमेरिका अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति में पहले जैसा निवेश नहीं करने का संकेत दे रहा है. बता दें ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने F-35 की हवा में रिफ्यूलिंग भी देखी.
तीन बड़े समझौते
कैनबरा में हुई बैठक में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष रिचर्ड मार्ल्स ने गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान, पारस्परिक पनडुब्बी खोज एवं बचाव सहयोग और संयुक्त स्टाफ वार्ता तंत्र की स्थापना से जुड़े तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इसके साथ ही दोनों देश अब संयुक्त समुद्री सुरक्षा सहयोग रोडमैप तैयार कर रहे हैं और 2009 के सुरक्षा समझौते को बदलने वाले दीर्घकालिक रक्षा ढांचे पर भी काम कर रहे हैं.
क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम
भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह रक्षा सहयोग क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अमेरिका के साथ बढ़ते टैरिफ विवाद और कूटनीतिक तनाव के बीच, भारत ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस जैसे क्षेत्रीय देशों के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को गति दे रहा है. ये सभी देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के विस्तारवादी रुख को लेकर चिंतित हैं.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह यात्रा 2014 के बाद ऑस्ट्रेलिया में किसी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है. ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने कहा कि चीन दोनों देशों के लिए सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है. दोनों मंत्रियों ने मुक्त, खुला, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया. दोनों देशों ने समुद्री नेविगेशन, हवाई सुरक्षा और निर्बाध व्यापार का समर्थन किया. क्वाड देशों के बीच समुद्री निगरानी बढ़ाने और अगले महीने होने वाले मलाबार नौसैनिक अभ्यास की तैयारियों पर भी चर्चा हुई.
Had a productive meeting with Australia’s Deputy PM & Defence Minister @RichardMarlesMP. We reviewed the full spectrum of IndiaAustralia defense cooperation, including defense industry, cyber defense, maritime security and regional challenges. We reaffirmed the importance of our… pic.twitter.com/Yg5LN3S1fs
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 9, 2025
आतंकवाद और रणनीतिक साझेदारी पर संदेश
राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमने रक्षा उद्योग, साइबर सुरक्षा, समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय चुनौतियों सहित भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी की पूरी रूपरेखा की समीक्षा की. हमने अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को दोहराया. भारत आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने की अपील करता है.' उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.
वायुसेना में एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग समझौता
2020 में हस्ताक्षर किए गए सैन्य रसद सहयोग समझौते (MLSA) के तहत अब दोनों देशों ने वायुसेना के बीच एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग समझौते को लागू कर दिया है. राजनाथ सिंह को KC-30A मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट और टैंकर विमान से उड़ान के दौरान F-35 लड़ाकू विमान को हवा में ईंधन भरते हुए प्रदर्शन देखने का अवसर मिला. यह नया रक्षा समझौता इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण संकेत है और दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊँचाई पर ले जाने का मार्ग तैयार करता है.
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बताते चलें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए ये नए रक्षा समझौते न सिर्फ दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाएंगे बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाएंगे. यह सहयोग आने वाले समय में क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक भरोसे का नया प्रतीक बन सकता है.
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