ट्रंप की शर्तों पर टस से मस नहीं हुआ भारत, राष्ट्रहित पर रहा अडिग, अमेरिका ने मुंह फुलाया, US ट्रेड टीम का दिल्ली दौरा रद्द
अमेरिकी ट्रेड टीम का भारत दौरा टल गया है. ये टीम अगस्त में भारत आने वाली थी. इसके टलने की वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर 50% तक टैरिफ लगाने का ऐलान माना जा रहा है.
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भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता फिलहाल ठप पड़ गई है. अमेरिकी ट्रेड टीम ने अपना दौरा टाल दिया है. ये टीम अगस्त में भारत आने वाली थी. इसके टलने की वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर 50% तक टैरिफ लगाने का ऐलान माना जा रहा है. इनमें से 25% शुल्क रूस से तेल आयात करने के चलते लगाया गया है. अब सवाल उठता है कि क्या इस टकराव के बीच भारत को कोई राहत मिलेगी या फिर दोनों देशों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो जाएंगे?
अगस्त में होनी थी बैठक
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. छठे दौर की बैठक 25 से 29 अगस्त तक होनी थी, लेकिन अमेरिकी टीम का दौरा फिलहाल टाल दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, इसे जल्द ही दोबारा शेड्यूल किया जाएगा. माना जा रहा था कि इस बैठक में कई अटके हुए मुद्दों पर प्रगति की उम्मीद थी.
ट्रंप ने भारत-अमेरिका के रिश्तें को किया पेचीदा!
राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया फैसले ने भारत-अमेरिका रिश्तों को और पेचीदा बना दिया है. अमेरिका चाहता है कि भारत डेयरी और कृषि जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अपना बाजार खोले. लेकिन भारत का स्पष्ट रुख है कि किसानों और पशुपालकों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा. सरकार का तर्क है कि अमेरिका की यह मांग छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका पर सीधा असर डाल सकती है. इसी वजह से भारत ने इन शर्तों को मानने से सख्ती से इनकार कर दिया है.
2030 तक 500 अरब डॉलर का है लक्ष्य
भले ही मौजूदा दौर की बातचीत स्थगित हो गई हो, लेकिन भारत और अमेरिका ने आगे बढ़ने के स्पष्ट संकेत दिए हैं. दोनों देशों का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक BTA का पहला चरण पूरा हो जाए. साथ ही, 2030 तक आपसी व्यापार को दोगुना कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है. फिलहाल यह आंकड़ा करीब 191 अरब डॉलर पर है. यानी बातचीत में देरी जरूर है, लेकिन भारत-अमेरिका की आर्थिक साझेदारी की राह अभी भी पूरी तरह खुली है.
अमेरिका की टैरिफ धमकियों पर पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश, 'किसान के हितों से कभी समझौता नहीं'
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बीच दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया कि वह किसानों की ढाल बनकर खड़े हैं और भारत उनके हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के किसान, पशुपालक और मछुआरे हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के किसानों को एक भावनात्मक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक राष्ट्र की यात्रा का आधार कहा है. उन्होंने याद दिलाया कि कैसे औपनिवेशिक शासन ने देश को गरीब बना दिया था, लेकिन यह किसानों के अथक प्रयासों ने ही भारत के अन्न भंडार भरे और राष्ट्र की खाद्य संप्रभुता को सुरक्षित किया.
अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि भारत के विकास की आधारशिला है. भारत आज दूध, दाल और जूट उत्पादन में विश्व में नंबर 1 है, जबकि चावल, गेहूं, कपास, फल और सब्जियों के उत्पादन में नंबर 2 स्थान पर है. भारत के कृषि निर्यात 4 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर चुके हैं, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा में देश की मजबूती को दर्शाता है.
मोदी बने सुरक्षा दीवार...
उन्होंने घोषणा की, "किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के लिए मोदी हमेशा सुरक्षा की दीवार के रूप में खड़े रहेंगे."
प्रधानमंत्री मोदी ने किसान की ताकत की प्रशंसा की और कहा कि चाहे छोटे किसान, पशुपालक, या मछुआरे, सभी को कई विकास योजनाओं से लाभ हो रहा है. उन्होंने कहा, "पीएम किसान सम्मान निधि, वर्षा जल संचयन, सिंचाई परियोजनाएं, गुणवत्तापूर्ण बीज वितरण और समय पर उर्वरक आपूर्ति जैसी पहलों ने मिलकर देशभर में किसानों का विश्वास बढ़ाया है."
उन्होंने अपने संबोधन के इस हिस्से को एक संकल्प के साथ समाप्त किया. अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा, "भारत के किसानों, पशु-पालकों और मछुआरों से जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़ा है. भारत अपने किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा."
PM मोदी ने दिया अमेरिका को सख्त संदेश
पीएम नरेंद्र मोदी के इस भाषण को अमेरिका को एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है, जिसने हाल ही में भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया. अमेरिका भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र में अपनी पहुंच बनाने की कोशिश के तहत ट्रेड डील पर आगे बढ़ना चाहता था. हालांकि, भारत ने इस डील से स्पष्ट तौर पर इनकार कर दिया. इससे बौखलाए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी. अमेरिका की इस टैरिफ धमकी के बावजूद भारत अभी भी अपने फैसले पर अडिग है.
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