ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का बड़ा कूटनीतिक कदम, तीन देशों की यात्रा पर जा रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर, पाकिस्तान की खोलेंगे पोल
विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को तीन यूरोपीय देशों की छह दिवसीय यात्रा पर जा रहे है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. विदेश मंत्री डेनमार्क, नीदरलैंड और जर्मनी के अपने समकक्ष नेताओं से मुलाकात कर पाकिस्तान की आतंकवाद वाली सोच और सच्चाई को उजागर करेंगे.

केंद्र की मोदी सरकार पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को पूरी दुनिया में बेनकाब करने के लिए 7 टीमों के प्रतिनिधिमंडल को UNSC से मान्यता प्राप्त अलग-अलग देशों में भेजने वाली है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान के 'आतंकिस्तान' वाली सोच को उजागर करने के लिए अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी सोमवार को तीन देशों की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. इस दौरान विदेश मंत्री नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी के नेताओं और विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह पहला विदेश दौरा होगा.
ऑपरेशन सिंदूर की देंगे जानकारी
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कार्यक्रम की घोषणा की है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की छह दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान विदेश मंत्री अपने समकक्ष नेताओं से भारत के साथ आपसी सहयोग, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत की कूटनीतिक गतिविधियों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इन देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, निवेश मुख्य रूप से रहने वाला है. इसके साथ ही इन देशों को विदेश मंत्री ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी और पाकिस्तान को लेकर भारत द्वारा उठाए गए सभी कदमों के बारे में अवगत करवाया जाएगा.
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, यात्रा के दौरान विदेश मंत्री तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे और अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत सक्रिय रूप से यूरोप में अपनी पहुंच को मजबूत कर रहा है, जिसमें व्यापार, निवेश, डिजिटल सहयोग, जलवायु कार्रवाई और साझा सुरक्षा चिंताओं पर जोर दिया जा रहा है. उनकी बैठकों में भू-राजनीतिक घटनाक्रम, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और बहुपक्षीय मंचों पर समन्वय सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.
भारत और डेनमार्क ने फरवरी 2024 में एक गतिशीलता और प्रवासन भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारतीय नागरिकों को डेनमार्क में काम करने के लिए एक संरचित ढांचा तैयार करने में मदद मिली, खासकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में. इस समझौते में डेनमार्क में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों के लिए भी प्रावधान शामिल हैं, जिससे उन्हें पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार की तलाश के लिए अतिरिक्त समय मिल सके. इसके अलावा, सितंबर 2024 में डॉ. जयशंकर ने डेनमार्क के उद्योग, व्यापार और वित्तीय मामलों के मंत्री मोर्टेन बडस्कोव से मुलाकात की और ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. यह साझेदारी अक्षय ऊर्जा सहयोग पर केंद्रित है, जिसमें भारत डेनिश कंपनियों को अपने बढ़ते अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है.
इससे पहले अक्टूबर 2024 में विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बैरबॉक के साथ व्यापक वार्ता की और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर चर्चा की. उन्होंने जर्मनी के वाइस-चांसलर रॉबर्ट हेबेक के साथ भी सार्थक बातचीत की. ये चर्चाएं सातवें भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक का हिस्सा थीं.
गौरतलब है कि 6 से 7 मई की रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलों के जरिए नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया. इनमें से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, वहीं चार पाकिस्तान में थे. इन ठिकानों में आतंकियों को भर्ती किया जाता था. इतना ही नहीं भारतीय सेना के इस कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के दस लोगों की मौत हो गई. भारत की इस कार्रवाई से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने भारत के कई शहरों को निशाना बनाने का प्रयास किया लेकिन भारत से सेना ने माकूल जवाब देते हुए पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया. इसके बाद शनिवार यानी 10 मई को पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत सीजफायर के लिए तैयार हुआ.