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'लोगों की लाशों पर राज्य का दर्जा नहीं मांगूंगा...', जम्मू-कश्मीर विधानसभा में CM उमर अब्दुल्ला की इमोशनल स्पीच, VIDEO

सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक भावूक संबोधन दिया. उन्होंने कहा- मेजबान होने के नाते मैं सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था. इन लोगों के परिजन से मैं कैसे माफी मांगू. मेरे पास कोई शब्द नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि किस मुँह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं?

28 Apr, 2025
( Updated: 29 Apr, 2025
11:49 AM )
'लोगों की लाशों पर राज्य का दर्जा नहीं मांगूंगा...', जम्मू-कश्मीर विधानसभा में CM उमर अब्दुल्ला की इमोशनल स्पीच, VIDEO

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को पहलगाम अटैक में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सेहत सभी सदस्यों ने मौन रखकर मृतकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक भावूक संबोधन दिया. उन्होंने कहा- मेजबान होने के नाते मैं सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था. इन लोगों के परिजन से मैं कैसे माफी मांगू. मेरे पास कोई शब्द नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि किस मुँह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं?

उमर ने कहा- जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा लोगों की चुनी हुई हुकूमत की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन CM और टूरिज्म मिनिस्टर होने के नाते मैंने इन्हें बुलाया था. मेजबान होने के नाते मेरी जिम्मेदारी थी कि इन्हें सुरक्षित भेंजू, नहीं भेज पाया.

उमर ने कहा- उन बच्चों से क्या कहता, जिन्होंने अपने वालिद को खून में लिपटा हुआ देखा. उस नेवी अफसर की विधवा को क्या कहूं, जिन्हें शादी किए हुए ही चंद दिन हुए थे. कुछ लोगों ने पूछा कि क्या कसूर था हमारा. हम पहली बार कश्मीर आए थे छुट्टी मनाने के लिए. इस छुट्टी का जिंदगी भर खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

बता दें कि सत्र की शुरुआत में सदस्यों ने हमले में मारे गए 26 लोगों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा. विधानसभा ने केंद्र सरकार की कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में पाकिस्तान को लेकर उठाए गए कदमों का भी समर्थन किया है. वहीं, पर्यटकों को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवाने वाले टट्टू चालक सैयद आदिल हुसैन शाह को भी श्रद्धांजलि दी गई .


‘किस मुँह से J&K के लिए राज्य का दर्जा मांगू?’

अपने संबोधन के दौरान सीएम अब्दुल्ला ने एक और बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि किस मुँह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं?. दरअसल जब से विधानसभा चुनाव ख़त्म हुए थे तभी से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की माँग गहों रही है. इसी माँग पर सीएम ने कहा कि "मैं इस मौके का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करूंगा। पहलगाम के बाद, मैं किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं? मेरी क्या इतनी सस्ती सियासत है? हमने पहले भी राज्य के दर्जे की बात की है और भविष्य में भी करेंगे, लेकिन यह मेरे लिए शर्मनाक होगा अगर मैं जाकर केंद्र सरकार से कहूं कि 26 लोग मर चुके हैं, अब मुझे राज्य का दर्जा दे दो..."


CM उमर बोले- नहीं सोचा था ऐसे हालात होंगे

उमर अब्दुल्ला ने कहा- यकीन नहीं होता कि चंद दिन पहले हम इस सदन में थे और बजट पर कई अन्य मुद्दों पर बहस चली. सदन स्थगित होते होते हम यह उम्मीद कर रहे थे कि श्रीनगर में दोबारा मुलाकात होगी. किसने सोचा था कि जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात बनेंगे कि दोबारा यहां मिलना पड़ेगा.

CM अब्दुल्ला ने कहा कि स्पीकर साहब आपके आसपास वो लोग बैठे हैं, जिन्होंने खुद अपने रिश्तेदारों को कुर्बान होते देखा है. हम में से कितने ही हैं, जिन पर हमले हुए हैं. हम चाहते हैं कि इस सदन की तरफ से हमले की निंदा की जाए. मारे गए 26 परिवारों के साथ हम हमदर्दी जाहिर कर सकें.

'मेरे पास अल्फाज नहीं कैसे माफी मांगू'

उमर अब्दुल्ला ने कहा- स्पीकर साहब उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक पूरा देश इस हमले की चपेट में आया है. यह पहला हमला नहीं था. हमने कई हमले होते हुए देखे हैं. हमने अमरनाथ यात्रा, डोडा के गांवों में हमले देखे, कश्मीरी पंडितों की बस्तियों पर हमले देखे, सिख बस्तियों पर हमले देखे.

अब्दुल्ला ने कहा कि बीच का ऐसा वक्त आया था, बैसरन का हमला 21 साल के बाद इतना बड़ा हमला है. यह हमला सिविलियंस पर सबसे बड़ा हमला है. यह हमारा मुस्तकबिल नहीं है, यह हमारे अतीत की कहानी है. अब लगता है कि अगला हमला कहां पर होगा. मेरे पास अल्फाज नहीं थे कि क्या बोलूं, मरने वालों के घरवालों से माफी कैसे मांगूं.


पहलगाम हमला कश्मीरियत पर हमला 

विधानसभा में पास प्रस्ताव में कहा गया कि ऐसे आतंकी हमले ‘कश्मीरियत’, देश की एकता, शांति तथा सद्भावना पर सीधा हमला हैं. विधानसभा ने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उनके दुख में सहभागी बनने का संकल्प जताया.

विधानसभा ने जम्मू और कश्मीर के लोगों की ओर से हमले के बाद दिखाए गए एकजुटता, करुणा और साहस की सराहना की. प्रस्ताव में यह भी बताया गया कि प्रदेशभर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए और लोगों ने पर्यटकों को सपोर्ट किया.


देशभर में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा की जाए

विधानसभा ने देशभर के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उनके साथ किसी भी तरह के भेदभाव या उत्पीड़न को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं.


पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कदमों का समर्थन

पहलगाम हमले पर सीएम उमर अब्दुल्ला की विधानसभा में यह पहली स्पीच थी. यह विधानसभा का विशेष सत्र है, जो पहलगाम हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बुलाया गया है. इससे पहले हमले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. यह प्रस्ताव उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने पेश किया.

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