'कैसे पता कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे...', पहलगाम हमले पर चिदंबरम के बयान से बवाल, BJP बोली- कांग्रेस को सेना से ज्यादा ISI पर भरोसा
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के पहलगाम आतंकी हमले पर दिए बयान से बीजेपी नाराज है. केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने चिदंबरम पर पाकिस्तान का बचाव करने और भारत की सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाने का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा कि क्या चिदंबरम को ISI पर ज़्यादा भरोसा है और क्या कांग्रेस राजनीतिक द्वेष में राष्ट्रीय सुरक्षा को नजरअंदाज कर रही है.
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम के एक बयान ने इस विवाद को और हवा दे दी है. चिदंबरम ने हाल ही में एक न्यूज़ पोर्टल को दिए इंटरव्यू में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि "इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे, हो सकता है कि वे देश के अंदर ही तैयार हुए हों." इस बयान के सामने आते ही भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता शोभा करंदलाजे ने चिदंबरम के बयान पर गहरा आक्रोश जताते हुए कहा कि "कांग्रेस हमेशा पाकिस्तान को बचाने की कोशिश क्यों करती है? हर बार हमारी अपनी एजेंसियों पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन आतंक को खुलेआम बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान पर कभी सवाल क्यों नहीं उठते?" उन्होंने चिदंबरम से पूछा कि क्या उन्हें भारत की सुरक्षा एजेंसियों से ज्यादा भरोसा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर है? क्या राजनीतिक वैमनस्य राष्ट्रीय सुरक्षा से भी ऊपर हो गया है?
कांग्रेस के डीएनए में शक करने की आदत: शोभा करंदलाजे
शोभा करंदलाजे ने अपने बयान में कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि "ऐसा लगता है कांग्रेस के डीएनए में कुछ गंभीर समस्या है. जब भी आतंकियों की ओर से हमला होता है, कांग्रेस हमेशा भारत पर सवाल उठाती है और हमलावरों के प्रति नरमी दिखाती है. इस बार भी वही हो रहा है." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ का एक लंबा और खूनी इतिहास रहा है. इसके बावजूद कांग्रेस इन घटनाओं को लगातार कम करके आंकती रही है. बीजेपी का यह भी कहना है कि चिदंबरम का बयान न केवल सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने वाला है, बल्कि इससे आतंकियों को राजनीतिक छूट का संकेत भी मिलता है. करंदलाजे ने तंज कसते हुए कहा कि “क्या चिदंबरम बताना चाह रहे हैं कि हमारी एजेंसियां नाकाम हैं और आतंकवाद देश के भीतर ही पनप रहा है? ऐसे बयानों से किसका मनोबल बढ़ेगा, यह देश के लोग अच्छी तरह समझते हैं.”
चिदंबरम ने क्या कहा था?
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने 'क्विंट' से बातचीत में सरकार की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार यह स्पष्ट करने को तैयार नहीं है कि अब तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में क्या किया है. क्या हमलावरों की पहचान हो पाई है? वे कहां से आए थे? चिदंबरम ने सवाल उठाया कि "क्या यह जरूरी है कि वे पाकिस्तान से ही आए हों? हो सकता है कि वे होमग्रोन आतंकी हों." उन्होंने कहा कि सरकार के पास कोई स्पष्ट सबूत नहीं है और प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऑपरेशन रोका गया है, खत्म नहीं हुआ. तो फिर उसके बाद क्या ठोस कदम उठाए गए? उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि हमलावर कौन थे, कहां गए, अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई और प्रधानमंत्री इस मामले पर चुप क्यों हैं? चिदंबरम ने आरोप लगाया कि सरकार न तो जनता को भरोसे में ले रही है और न ही हमले के पीछे की सच्चाई को सामने ला रही है.
संसद में भी उठा मुद्दा, विपक्ष ने मांगा जवाब
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ा यह मुद्दा अब संसद तक पहुंच चुका है. सोमवार से लोकसभा में 16 घंटे और मंगलवार को राज्यसभा में 16 घंटे इस पर चर्चा के लिए तय किए गए हैं. लेकिन सोमवार को जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने इस मामले पर जोरदार हंगामा किया. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर जवाब की मांग की है. उनका कहना है कि इस हमले और उसके बाद की कार्रवाई को लेकर सरकार को खुलकर स्थिति साफ करनी चाहिए.
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बताते चलें कि पहलगाम हमले को लेकर पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा दिए गए बयान ने एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक टकराव को हवा दे दी है. जहां एक ओर बीजेपी इसे देश की सुरक्षा एजेंसियों का अपमान बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे सरकार की विफलता पर सवाल पूछने का संवैधानिक अधिकार मान रही है.
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