Advertisement

'पहलगाम हमला कैसे भूल जाएं', जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य की मांग पर बोले SC के CJI

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से आठ सप्ताह में जवाब मांगा है. साथ ही इस दौरान पहलगाम में अप्रैल महीने में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया गया है.

अदालत ने गुरुवार को कहा कि पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा, "आप पहलगाम में जो हुआ उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं". 

पहलगाम हमला नजरअंदाज नहीं कर सकते 

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है. कोर्ट ने शिक्षाविद जहूर अहमद भट और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद मलिक द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से आठ हफ्ते में जवाब मांगा है. 

भट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन द्वारा जल्द सुनवाई की मांग पर सीजेआई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने में जमीनी हालात को भी ध्यान में रखना होगा. पहलगाम में जो हुआ उसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते इस बाबत संसद और कार्यपालिका को फैसला लेना है.

2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम संसद में लाया गया था 

11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा. इसके साथ ही, अदालत ने आदेश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराए जाएं और इसका राज्य का दर्जा "जल्द से जल्द" बहाल किया जाए. पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र को दो महीने के भीतर जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. 

साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम संसद में लाया गया. इसके आधार पर प्रदेश को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया. इस तरह जम्मू-कश्मीर राज्य से केंद्रशासित प्रदेश में बंट गया. पिछले छह वर्षों से प्रदेश के राज्य के दर्जे की बहाली की मांग की जा रही है. इस मामले में आठ अगस्त के बाद आज फिर सुनवाई हुई.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →