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जोधपुर, अहमदाबाद, ऋषिकेश…. देशभर में घूम रहा रेपिस्ट आसाराम, बेल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता की गुहार

पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में आसाराम की जमानत रद्द करने की अपील की है. नाबालिग के वकील ने दावा किया है कि उसकी तबीयत बिल्कुल सही है और वो देशभर में भ्रमण कर रहा है.

नाबालिग से रेप का दोषी आसाराम जमानत पर बाहर है. बीमारी का हवाला देकर उसने बेल हासिल की थी लेकिन वह न तो किसी हॉस्पिटल में इलाज करवा रहा है न ही घर पर कोई ट्रीटमेंट चल रहा है. वह तो देशभर का भ्रमण कर रहा है. अब आसाराम की जमानत के खिलाफ पीड़ित नाबालिग ने देश की शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. 

रेपिस्ट आसाराम की जमानत के खिलाफ पीड़ित लड़की (आसाराम को दोषी ठहराए जाने पर नाबालिग थी) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. पीड़िता ने आसाराम की जमानत रद्द करने की अपील की है. लड़की ने दावा किया है कि आसाराम की तबीयत बिल्कुल सही है और वो देशभर में यात्राएं भी कर रहा है. 

पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या कहा? 

आसाराम 16 साल की लड़की से दुष्कर्म का दोषी है लेकिन कथित बाबा आसाराम के वकील ने गुजरात हाईकोर्ट में बताया था कि उसे हार्ट रिलेटेड बीमारी है. इलाज के लिए जमानत की गुहार लगाई गई थी. आसाराम के वकील देवदत्त कामत ने तर्क दिया था कि 86 साल के आसाराम को बीमारी का इलाज कराने का पूरा हक है. जेल में उसका इलाज संभव नहीं है, बेहतर इलाज के लिए उसे जमानत की दरकार है. इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने उसकी 6 महीने की जमानत मंजूर कर ली थी. इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने भी इस पर सहमति दे दी थी. आसाराम की बेल के खिलाफ कोर्ट पहुंची पीड़िता ने कहा कि रेप पीड़िता के वकील एल्जो जोसेफ ने कहा, वो देश भर में घूम रहा है. उसे कोई गंभीर बीमारी नहीं है. इसलिए उसकी जमानत रद्द कर देनी चाहिए.

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एल्जो जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि गंभीर स्वास्थ्य कारणों की वजह से जमानत पाने वाला आसाराम अहमदाबाद, जोधपुर, इंदौर और ऋषिकेश से लेकर महाराष्ट्र तक भी कई यात्राएं कर चुका है. उसने न पहले न अब कभी भी लंबे समय तक अपना इलाज नहीं करवाया है.

आसाराम की मेडिकल रिपोर्ट में क्या मिला?

पीड़िता के वकील ने कहा कि अगस्त 2025 में हाई कोर्ट ने एक 'मेडिकल बोर्ड' बनाया था. इस बोर्ड के डॉक्टरों ने एक रिपोर्ट सबमिट की. इसमें बताया गया कि आसाराम की सेहत स्थिर है. उसे हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत नहीं है. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से साफ हो रहा है कि दुष्कर्मी आसाराम को कोई गंभीर बीमारी नहीं हैं. ऐसे में वह इलाज के नाम पर जमानत पर क्यों बाहर है? आसाराम की जमानत रद्द होनी चाहिए. 

शाहजहांपुर की पीड़िता को सता रहा ये डर 

शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में आसाराम की जमानत का विरोध करते हुए परिवार को जान का खतरा बताया. पिता का कहना है कि आसाराम के जेल से लौटने के बाद उसके गुर्गे एक्टिव हैं. जो परिवार पर नजर रखते हैं. परिवार पुलिस पहरे में रहने को मजबूर है. पीड़िता के पिता ने फोन पर धमकाने के भी आरोप लगाए. उन्होंने कोर्ट में कहा कि आसाराम पूरी तरह से स्वस्थ है और आराम से घूम रहा है. जेल में रहकर ही उसका इलाज किया जाए. वहीं, पुलिस का कहना है कि पीड़िता के परिवार की सुरक्षा का पूरा इंतजाम है. 

आसाराम को पहली बार साल 2013 में अरेस्ट किया गया था. नाबालिग लड़की ने राजस्थान के जोधपुर में उसके कथित आश्रम में यौन शोषण का आरोप लगाया था. साल 2018 में उसे POCSO के तहत दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी. फिर साल 2023 में गुजरात हाईकोर्ट से भी उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई. 

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