हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, अब नहीं जलानी पड़ेगी पराली, सरकार देगी फ्री में ‘डीकम्पोजर पाउडर’
Haryana: हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है बल्कि पूरे राज्य के लिए भी लाभदायक होगा. पराली जलाने से होने वाले धुएं और प्रदूषण की समस्या को इससे काफी हद तक रोका जा सकेगा.
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Pusa Decomposer Wettable Powder: हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है. अब किसानों को धान की कटाई के बाद खेतों में बची पराली (फसल अवशेष) जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य सरकार पराली और कृषि के अन्य अवशेषों को खत्म करने के लिए “डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर” का इस्तेमाल करने जा रही है. इससे जहां किसानों को पराली जलाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा, वहीं यह पाउडर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने में भी मदद करेगा.
सरकार खरीदेगी 75,000 पैकेट, किसानों को मिलेगा मुफ्त
राज्य के कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि सरकार ने “पूसा डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर” के 75,000 पैकेट खरीदने की मंजूरी दे दी है. ये पैकेट किसानों को बिलकुल मुफ्त दिए जाएंगे. एक एकड़ जमीन के लिए एक पैकेट पर्याप्त होगा. इस हिसाब से पहले चरण में 75,000 एकड़ धान क्षेत्र में फसल अवशेषों का प्रबंधन किया जा सकेगा.
इस फैसले पर “हाई पावर परचेज कमेटी” की बैठक में मंजूरी दी गई. इस बैठक में कृषि मंत्री के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी इस बैठक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे.
क्या है ‘डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर’?
“डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर” एक तरह का जैविक (ऑर्गेनिक) उत्पाद है जो मिट्टी और फसल के अवशेषों के लिए बहुत उपयोगी है. यह पाउडर पराली, सब्जियों के अवशेष और दूसरे खेतों में बचे कचरे को कुछ ही दिनों में खाद में बदल देता है. इससे न केवल पराली जलाने की जरूरत खत्म हो जाती है, बल्कि मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा भी बढ़ जाती है.
इसके इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता (fertility) में वृद्धि होती है और रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होती है. इतना ही नहीं, यह मिट्टी में मौजूद कवक (fungus) और कीटों को भी नियंत्रित करता है. यानी यह एक तरह से मिट्टी की सेहत सुधारने का आसान और सस्ता तरीका है.
किसानों को होगा कई तरह से फायदा
सरकार का मानना है कि इस पहल से किसानों को दोहरा फायदा मिलेगा. पहला, अब उन्हें पराली जलाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे प्रदूषण कम होगा और दूसरे, मिट्टी की सेहत बेहतर होगी. इससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी. कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि फिलहाल इस तकनीक को प्रयोग के तौर पर लागू किया जा रहा है. अगर इसके नतीजे अच्छे आते हैं, तो अगले साल इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा.
स्वच्छ हवा और उपजाऊ मिट्टी की ओर कदम
हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है बल्कि पूरे राज्य के लिए भी लाभदायक होगा. पराली जलाने से होने वाले धुएं और प्रदूषण की समस्या को इससे काफी हद तक रोका जा सकेगा. साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा सरकार का यह प्रयास किसानों के लिए एक नई दिशा लेकर आएगा, जिससे हरियाणा में स्वच्छ हवा, स्वस्थ मिट्टी और खुशहाल किसान तीनों का सपना साकार हो सकेगा.
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