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इस्तीफे के 42 दिन बाद उपराष्ट्रपति आवास से निकले जगदीप धनखड़, मोदी सरकार पर ‘साजिश’ का आरोप लगाने वाले नेता का घर नया एड्रेस

जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम क़रीब 6 बजे आवास ख़ाली किया. अब तक संसद भवन के पास उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रह रहे थे, लेकिन अब उनका नया एड्रेस दक्षिणी दिल्ली का छतरपुर इलाका होगा. धनखड़ यहां इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख अभय चौटाला के फॉर्महाउस में रहेंगे.

21 जुलाई 2025 को जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा सियासी हलकों में सनसनी मचा दी. मानसून सत्र के बीच जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े ने हर किसी को चौंका दिया था. हालांकि उन्होंने इस्तीफ़े की वजह स्वास्थ्य कारणों को बताया था. इस्तीफ़े के बाद जगदीप धनखड़ का न कोई बयान आया न ही वह सार्वजनिक तौर पर कहीं नज़र आए. ऐसे में विपक्ष ने तो उनके नज़रबंद होने का दावा तक कर दिया था. अब इस्तीफ़े के 42 दिन बाद जगदीप धनखड़ को लेकर बड़ा अपडेट आया है. उन्होंने उपराष्ट्रपति आवास ख़ाली कर दिया है. वो सिक्योरिटी के साथ अपने आवास से कारों के क़ाफ़िले में निकले. 

जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम क़रीब 6 बजे आवास ख़ाली किया. अब तक संसद भवन के पास उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रह रहे थे, लेकिन अब उनका नया एड्रेस दक्षिणी दिल्ली का छतरपुर इलाका होगा. धनखड़ यहां इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख अभय चौटाला के फॉर्महाउस में रहेंगे. 
सूत्रों के मुताबिक़, अभय चौटाला ने जगदीप धनखड़ से उनके घर रहने की अपील की थी. क्योंकि चौटाला परिवार और जगदीप धनखड़ के बीच पुराना नाता है. 

देवीलाल चौटाला को राजनीतिक गुरू मानते हैं धनखड़

बात 1989 के दौर की है जब हरियाणा के बड़े जाट नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने जगदीप धनखड़ को फ्यूचर लीडर का टैग दिया था. उस वक़्त धनखड़ राजस्थान में वकील थे. जगदीप धनखड़ भी देवीलाल चौटाला को अपना राजनीतिक गुरू मानते थे. जगदीप धनखड़ और चौटाला परिवार के बीच 40 साल से एक दूसरे के करीबी हैं. 

देवीलाल ने दिया था टिकट 

चौटाला परिवार और धनखड़ की करीबी का एक क़िस्सा ये भी है कि, देवीलाल चौटाला के जन्मदिन पर एक बार जगदीप धनखड़ ने दिल्ली में 
500 गाड़ियां राजस्थान से जुटाई थी. इसके बाद 1989 लोकसभा चुनाव में देवीलाल ने धनखड़ को झुंझुनूं सीट से टिकट दिया था. उनके लिए देवीलाल चौटाला ने ख़ुद प्रचार भी किया था. उप प्रधानमंत्री बनने के बाद देवीलाल चौटाला ने धनखड़ को मंत्री पद भी दिया था. 

अभय चौटाला देवीलाल चौटाला के पोते और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बेटे हैं. उनकी पेशकश पर ही जगदीप धनखड़ फ़ार्महाउस में रहने को तैयार हुए. हालांकि पूर्व उपराष्ट्रपति हमेशा अभय चौटाला के हाउस में नहीं रहेंगे. उन्हें टाइप-8 बंगाल आवंटित किया जाएगा. दरअसल, पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते जगदीप धनखड़ को टाइप-8 सरकारी बंगला आवंटित किया जाएगा. तब तक उनका ठिकाना अभय चौटाला का फ़ार्महाउस ही है. 

आपकों बता दें कि, धनखड़ के अचानक उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने को चौटाला ने पीएम मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह की साजिश बताया था. उन्होंने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया था कि, मोदी - शाह के नेतृत्व में धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है. 

धनखड़ ने पेंशन के लिए दिया था आवेदन 

विपक्ष के हाउस अरेस्ट के आरोपों के बीच जगदीप धनखड़ ने 30 अगस्त हो पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली पेंशन के लिए आवेदन किया था. 
वे 1993 से 1998 तक राजस्थान की किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे. पूर्व विधायक के तौर पर उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन मिल रही थी. इसके बाद 2019 में ही वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनाए गए और उनकी पेंशन बंद हो गई. 

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