भारत को चीन समझने की भूल न करें... टैरिफ पर दोगलेपन को लेकर निक्की हेली ने ट्रंप को चेताया, कहा- ऐसे दोस्त से रिश्ते न बिगाड़ें
UN में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने टैरिफ पर ट्रंप क दोहरी नीति या यूं कहें कि दोगलेपन की पोल खोलते हुए पूछा कि एक जैसे मुद्दे और परिस्थिति में चीन और भारत के साथ दो तरह के व्यवहार क्यों? उन्होंने आगाह किया कि चीन को छूट मत दीजिए और भारत जैसे मजबूत सहयोगी से रिश्ते मत बिगाड़िए.”
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"...भारत जैसे मजबूत सहयोगी से रिश्ते मत बिगाड़िए", डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ टेरर की तीखी आलोचना करते हुए कुछ यही नसीहत दी है अमेरिका की साउथ कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर और UN में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने. उन्होंने ट्रंप को चेताया है कि उनकी हरकतों और नीतियों की वजह से भारत जैसे एक महत्वपूर्ण और मजबूत सहयोगी के साथ अमेरिका के रिश्तों में खटास आ सकती है.
हेली ने टैरिफ पर ट्रंप क दोहरी नीति या यूं कहें कि दोगलेपन की पोल खोलते हुए पूछा कि एक जैसे मुद्दे और परिस्थिति में चीन और भारत के साथ दो तरह के व्यवहार क्यों? उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन जो हमारा दुश्मन है और रूस व ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार भी, उसे 90 दिन की टैरिफ छूट मिल गई. चीन को छूट मत दीजिए और भारत जैसे मजबूत सहयोगी से रिश्ते मत बिगाड़िए.”
हेली ने ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर भारी टैरिफ (शुल्क) लगाने की धमकी पर चेताते हुए कहा कि इस कदम से भारत-अमेरिका के रिश्तों में खटास आ सकती है, जो इस समय बेहद महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं. वो यहीं नहीं रूकीं, अपनी ही सरकार और राष्ट्रपति को आगाह करते हुए कहा कि वे चीन जैसे दुश्मन देश को छूट ना दें और भारत जैसे सहयोगी से रिश्ते ना बिगाड़ें. निक्की हेली ने ट्रंप प्रशासन पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया.
India should not be buying oil from Russia. But China, an adversary and the number one buyer of Russian and Iranian oil, got a 90-day tariff pause. Don’t give China a pass and burn a relationship with a strong ally like India.
— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 5, 2025
'चीन पर नरम, भारत पर गरम', ये कैसी नीति?
UN में अमेरिका की पूर्व राजदूत ने ट्रंप प्रशासन के दोहरा रवैया की भी पोल खोली और कहा कि चीन के साथ व्यापार को लेकर अमेरिका ने 90 दिन की टैरिफ की छूट दी, जबकि भारत पर सख्ती दिखाई जा रही है.
ट्रंप ने क्या अलापा टैरिफ राग, क्या दी धमकी?
आपको बता दें कि दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर फिर से हाइयर टैरिफ राग अलापते हुए धमकी दी है कि रूस से तेल आयात जारी रहने के कारण भारत पर टैरिफ (शुल्क) को काफी हद तक बढ़ा दिया जाएगा.
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि उसमें से काफी हिस्से को खुले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है. उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि यूक्रेन में कितने लोग रूस के हाथों मारे जा रहे हैं." उन्होंने आगे लिखा, "इसी कारण, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले शुल्क में भारी बढ़ोतरी करूंगा."
ट्रंप के सलाहकार ने क्या कहा?
वहीं ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर ने भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा, "ट्रंप का संदेश स्पष्ट है कि रूस से तेल खरीद कर युद्ध को फंड करना स्वीकार्य नहीं है." हालांकि, मिलर ने यह भी कहा कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच "शानदार रिश्ते" हैं.
पिछले हफ्ते ट्रंप ने संकेत दिया था कि वह भारत से आयात होने वाले सामान पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के साथ-साथ रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त दंडात्मक कार्रवाई कर सकते हैं.
'रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत'
इस बीच, भारत सरकार के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल आयात पर कोई रोक नहीं लगी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार होती है. हमें किसी भी भारतीय तेल कंपनी द्वारा रूसी आयात रोकने की कोई जानकारी नहीं है." इसके अलावा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने भी कहा, "हम अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को वैश्विक बाजार और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पूरा करते हैं."
'राष्ट्रहित और योग्यता के आधार पर रिश्ते बनाता है भारत'
उन्होंने कहा, "भारत के किसी भी देश से रिश्ते उसकी अपनी योग्यता पर आधारित होते हैं और उसे किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. भारत-रूस संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और स्थिर रहे हैं."
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में CNBC को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वे भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे, जो कि पहले से ही 1 अगस्त से 25% तक लागू हो चुका है. ट्रंप के अनुसार, यह निर्णय भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के कारण लिया गया है, जिससे कथित तौर पर "युद्ध मशीन को ईंधन मिल रहा है".
ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारी ये आरोप लगाते रहे हैं कि भारत अप्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन में रूसी जंग को फंड कर रहा है. उनकी तर्क ये है कि भारत जो रूस से तेल और हथियार खरीद रहा है और उसके बदले पैसे दे रहा है उसका इस्तेमाल पुतिन यूक्रेन के खिलाफ अपनी लड़ाई में कर रहे हैं.
ट्रंप ने कहा, "भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे अधिक हैं. वे हमारे साथ बहुत व्यापार करते हैं, लेकिन हम उनके साथ बहुत कम. हमने 25% टैरिफ पर सहमति जताई थी, लेकिन अब मैं इसे बहुत अधिक बढ़ाने जा रहा हूं क्योंकि वे रूसी तेल खरीद रहे हैं."
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत ने एक नए समझौते में अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ शून्य करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इसे अपर्याप्त बताया. ट्रंप ने कहा, "अगर वे ऐसे युद्ध को फंड कर रहे हैं जिसका हम विरोध करते हैं, तो सिर्फ जीरो टैरिफ पर्याप्त नहीं है."
इस बीच, भारत ने बार-बार अपनी ऊर्जा नीति का बचाव किया है. भारत का कहना है कि वह अपने राष्ट्रीय हित और सस्ती कीमतों को ध्यान में रखकर तेल खरीदता है. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अमेरिका और यूरोपीय देश खुद भी रूस से व्यापार और ऊर्जा संबंध बनाए हुए हैं, बावजूद इसके वे दूसरों की आलोचना करते हैं.
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के रूस से ट्रेड की खोली पोल
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विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम और कई रसायन आयात करता है. ऐसे में भारत पर निशाना साधना गलत है. भारत अपनी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा.
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