बिहार चुनाव लड़ेंगे शरजील इमाम! कोर्ट में दायर की अंतरिम जमानत अर्जी, इस सीट से उम्मीदवारी की जताई इच्छा
चुनाव लड़ने के लिए शरजील इमाम ने कोर्ट से 14 दिनों की अंतरिम जमानत देने की अपील की है, ताकि वह चुनाव प्रचार से लेकर नामांकन प्रक्रिया में शामिल हो सकें.
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दिल्ली दंगे के आरोपी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अदालत से अंतरिम जमानत मांगी है. शरजील इमाम ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में इसे लेकर याचिका भी दायर भी है.
याचिका में कहा गया है कि, शरजील इमाम निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बिहार का चुनाव लड़ना चाहते हैं. वह बिहार की बहादुरगंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनना चाह रहे हैं. चुनाव लड़ने के लिए शरजील इमाम ने कोर्ट से 14 दिनों की अंतरिम जमानत देने की अपील की है, ताकि वह चुनाव प्रचार से लेकर नामांकन प्रक्रिया में शामिल हो सकें.
याचिका में शरजील इमाम ने 15 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक ज़मानत मांगी है. Bar & Bench की रिपोर्ट के मुताबिक, शरजील इमाम ने कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी के सामने अंतरिम ज़मानत याचिका दायर की है.
किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ेंगे शरजील इमाम
अपनी याचिका में शरजील इमाम ने यह भी बताया कि, वह निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. उनका नाता किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं है. संभावना है कि, शरजील इमाम की इस याचिका पर 14 अक्टूबर को सुनवाई हो सकती है. सुनवाई में कोर्ट इस पर फैसला करेगा कि, क्या शरजील इमाम को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अस्थायी राहत दी जा सकती है या नहीं. कोर्ट कई आधार पर इसका फैसला करेगा.
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया था.
आरोपियों को जमानत देने से इंकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद और शरजील इमाम की गंभीर संलिप्तता देखी गई है. कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ इकट्ठा करना था.
शरजील इमाम पर क्या आरोप हैं?
शरजील इमाम साल 2020 में दिल्ली दंगों में आरोपी हैं. उन पर CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में दंगे भड़काने के आरोप हैं. 2020 के दिल्ली दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस का आरोप था कि यह हिंसा एक पूर्व-नियोजित साजिश थी, जिसे CAA के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन के दौरान अंजाम दिया गया था.
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शरजील इमाम को 28 जनवरी, 2020 को बिहार के जहानाबाद से जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह तब से हिरासत में है. शरजील इमाम पर दंगों में उसकी कथित भूमिका के लिए UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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