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दीपोत्सव 2025: सरयू तट पर इतिहास रचने को तैयार अयोध्या, सीएम योगी के नेतृत्व में बनेगा नया विश्व रिकॉर्ड

महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने आयोजन को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि यह आयोजन अयोध्या की परंपरा और योगी सरकार की भावनाओं के अनुरूप होगा, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की गई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार का दीपोत्सव 2025 अयोध्या को नई ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर ले जाने जा रहा है. प्रभु श्रीराम की नगरी न केवल लाखों दीपों से जगमगाएगी, बल्कि इस बार सरयू तट पर मां सरयू की भव्य आरती भी इतिहास रचने जा रही है. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं की संयुक्त पहल से यह आयोजन 'भक्ति, संस्कृति और सामाजिक समरसता' का अद्भुत संगम बनेगा.

सरयू तट पर गूंजेगी मां सरयू की महाआरती

गौरतलब है कि पिछली बार 1151 लोगों ने सामूहिक रूप से सरयू की आरती कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था. इस बार यह आयोजन उससे भी दोगुने स्तर पर किया जा रहा है, जो अयोध्या की आध्यात्मिक शक्ति और सामूहिक भक्ति का नया अध्याय लिखेगा.

11 जोन में होगा आयोजन, हजारों लोग करेंगे आरती

इस आरती का आयोजन जिला प्रशासन और नगर निगम के सहयोग से किया जा रहा है. आयोजन 19 अक्टूबर की शाम 5:00 बजे होगा. मिली जानकारी के अनुसार, आरती स्थल को 11 जोन में विभाजित किया गया है. नयाघाट से लेकर लक्ष्मण घाट तक विस्तारित इस स्थल के प्रत्येक जोन में 200 प्रतिभागियों के खड़े होकर आरती करने की व्यवस्था की गई है.

महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने आयोजन को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि यह आयोजन अयोध्या की परंपरा और योगी सरकार की भावनाओं के अनुरूप होगा, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की गई है.

दीपदान और पूर्वाभ्यास से सजी सरयू तट की शाम

आयोजन से एक दिन पहले, 17 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे दीपदान कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसके साथ ही आरती का पूर्वाभ्यास भी कराया गया ताकि प्रतिभागियों की पंक्तियाँ, वेदपाठ और दीप प्रज्ज्वलन का समन्वय सटीक और आकर्षक बने.

‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना से जगमगाएगी सरयू

हर ओर भक्ति और उत्साह का वातावरण है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से यह आरती कार्यक्रम न केवल एक धार्मिक आयोजन बनेगा, बल्कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना का भी जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करेगा. अयोध्या की पावन सरयू जब 21 सौ दीपों की आभा से झिलमिलाएगी, तो वह दृश्य अध्यात्म, एकता और मातृशक्ति के संगम का प्रतीक बनकर पूरे विश्व को अयोध्या की दिव्यता का संदेश देगा.

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