दिल्ली से हावड़ा तक दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, 350KM की होगी रफ्तार... पटना पहुंचने में लगेंगे सिर्फ 4 घंटे; जानिए कहां-कहां होगा स्टॉपेज
भारतीय रेलवे एक नई रफ्तार की ओर बढ़ चुकी है. अब बुलेट ट्रेन सिर्फ मुंबई और अहमदाबाद के बीच ही नहीं, बल्कि दिल्ली से हावड़ा तक भी दौड़ती नजर आएगी. 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली यह ट्रेन दिल्ली से पटना का सफर महज चार घंटे में पूरा करेगी, जो अब तक 12 से 15 घंटे में होता था. इस रूट पर कुल 9 बड़े स्टेशन होंगे. जिनमें दिल्ली, आगरा कैंट, कानपुर सेंट्रल, अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी, पटना, आसनसोल और हावड़ा शामिल हैं. यह रूट धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होगा और पूर्वी भारत की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव स्वयं इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं.
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भारतीय रेलवे एक नई रफ्तार की ओर बढ़ चुकी है. अब बुलेट ट्रेन सिर्फ मुंबई और अहमदाबाद के बीच ही नहीं, बल्कि दिल्ली से हावड़ा तक भी दौड़ती नजर आएगी. इस रूट पर चलने वाली हाई-स्पीड ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जो देश के यात्रियों के लिए एक नया अनुभव लेकर आएगी. दिलचस्प बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली से पटना की दूरी सिर्फ चार घंटे में तय की जा सकेगी. यानी वो सफर जो अब तक ट्रेन से 12 से 15 घंटे में तय होता था, वह अब चाय की दो चुस्कियों जितने वक्त में खत्म हो जाएगा. बता दें इस प्रोजेक्ट को लेकर ख़ुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लगातार सक्रिय है.
किन स्टेशनों पर रुकेगी बुलेट ट्रेन
रेलवे मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार दिल्ली से हावड़ा के बीच कुल 9 प्रमुख स्टेशन तय किए गए हैं. इस ट्रेन की शुरुआत दिल्ली से होगी. इसके बाद यह आगरा कैंट पहुंचेगी, फिर कानपुर सेंट्रल. कानपुर के बाद यह ट्रेन धार्मिक नगरी अयोध्या से होते हुए लखनऊ तक पहुंचेगी. लखनऊ के बाद यह वाराणसी, पटना और आसनसोल होते हुए हावड़ा तक का सफर पूरा करेगी. यह रूट न सिर्फ उत्तर भारत को पूर्व भारत से जोड़ेगा, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत अहम साबित होगा. यह पहली बार होगा जब किसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में इतनी विविधता वाले शहर एक साथ जोड़े जा रहे हैं.
सफर में कितना लगेगा समय?
इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में कुल दूरी 1669 किलोमीटर होगी. इस दूरी को यह ट्रेन महज 6 घंटे 30 मिनट में तय कर लेगी. यदि किसी यात्री को सिर्फ दिल्ली से पटना जाना हो तो उन्हें केवल 4 घंटे का समय लगेगा, क्योंकि दिल्ली से पटना की दूरी 1078 किलोमीटर है. वहीं, पटना से हावड़ा के बीच 578 किलोमीटर की दूरी ट्रेन केवल दो घंटे में तय करेगी. इस पूरी यात्रा के दौरान ट्रेन 9 स्टेशनों पर रुकेगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के पांच शहर, बिहार का पटना और पश्चिम बंगाल के दो स्टेशन शामिल हैं. जानकारी के अनुसार पटना में बुलेट ट्रेन के लिए करीब 60 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा, ताकि शहरी ट्रैफिक और आवासीय इलाकों पर इसका प्रभाव कम हो.
दो चरणों में होगा निर्माण
इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में दिल्ली से वाराणसी तक निर्माण होगा और इसके बाद दूसरे चरण में वाराणसी से लेकर हावड़ा तक. 'दैनिक भास्कर' की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में इस प्रोजेक्ट का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है और इसकी रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को सौंप दी गई है. सर्वे में जमीनी हकीकत, टेक्निकल बाधाएं और सामाजिक प्रभाव जैसे बिंदुओं को गहराई से परखा गया है. अब मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. परियोजना की कुल लागत करीब 5 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है. हालांकि यह लागत बहुत बड़ी है, लेकिन इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश भविष्य के लिए जरूरी है और देश के विकास को नई दिशा देगा.
आर्थिक बदलाव भी लाएगी ये ट्रेन
इस बुलेट ट्रेन से न केवल सफर का समय घटेगा, बल्कि इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी व्यापक होंगे. दिल्ली, पटना और हावड़ा जैसे बड़े शहरों को जोड़ने से व्यवसाय, निवेश और टूरिज्म के नए अवसर खुलेंगे. पटना जैसे शहरों में रियल एस्टेट, होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में तेजी आ सकती है. छात्र, नौकरीपेशा लोग और कारोबारी वर्ग के लिए यह ट्रेन जीवन में समय और सुविधा का नया संतुलन लेकर आएगी. खास बात यह है कि ट्रेन का सफर आरामदायक, प्रदूषण रहित और अत्याधुनिक तकनीक से युक्त होगा, जो भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को वैश्विक मानकों के करीब लाएगा.
सरकार और जनता की प्रतिक्रिया
सरकार का कहना है कि मुंबई-अहमदाबाद के बाद दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन देश की दूसरी सबसे बड़ी हाई-स्पीड रेल परियोजना होगी. प्रधानमंत्री कार्यालय और रेलवे मंत्रालय इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद गंभीर है. जनता के बीच इस ट्रेन को लेकर भारी उत्साह है. सोशल मीडिया पर लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं कि ट्रेन कब शुरू होगी, टिकट कितनी महंगी होगी और आम आदमी के लिए कितनी सुलभ होगी. हालांकि अभी परियोजना अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन जिस तेजी से सर्वे और प्लानिंग हो रही है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले पांच वर्षों में इस ट्रेन की पटरियां बिछनी शुरू हो जाएंगी.
बताते चलें कि भारत अब उन गिने-चुने देशों में शामिल होने जा रहा है, जहां बुलेट ट्रेन जैसी हाई-स्पीड सेवाएं उपलब्ध हैं. यह परियोजना न सिर्फ परिवहन का नया मानक स्थापित करेगी, बल्कि भारत की तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा को भी परिभाषित करेगी.
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