नशा विरोधी अभियान में BSF को मिल रही बड़ी कामयाबी, हर दिन हो रही एक तस्कर की गिरफ्तारी, ड्रग नेटवर्क पर प्रहार
पंजाब बॉर्डर पर BSF ने 2024 में बड़ी सफलता हासिल की है. सीमा पार ड्रग तस्करी के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 350 तस्करों को गिरफ्तार किया गया. यह कार्रवाई न केवल ड्रग्स के प्रवाह को रोक रही है, बल्कि सीमा सुरक्षा को मजबूत कर रही है. .
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पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रग तस्करी को रोकने के लिए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. जनवरी 2024 से सितंबर 2025 तक 347 ड्रग तस्करों की गिरफ्तारी हुई है, जो औसतन हर दूसरे दिन एक गिरफ्तारी के बराबर है. अमृतसर, तरन तारन और फिरोजपुर जैसे हाई-रिस्क जिलों में ज्यादातर कार्रवाइयां हुईं. BSF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ए.के. विद्यार्थी ने बताया कि पाकिस्तानी हैंडलर्स ड्रोन और जीपीएस-बेस्ड डिलीवरी का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन बढ़ी हुई निगरानी से तस्करी नेटवर्क को झटका लगा है. यह कार्रवाई न केवल ड्रग्स के प्रवाह को रोक रही है, बल्कि सीमा सुरक्षा को मजबूत कर रही है.
अब तक 347 गिरफ्तारी
BSF ने 2024 में 161 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया, जबकि 2025 के जनवरी से सितंबर तक 186 और पकड़े गए. कुल 347 गिरफ्तारियों में 16 पाकिस्तानी घुसपैठिए, 4 नेपाली और 3 बांग्लादेशी शामिल हैं. तीन पाकिस्तानी घुसपैठियों को BSF ने न्यूट्रलाइज भी किया. ज्यादातर गिरफ्तारियां अमृतसर, तरन तारन और फिरोजपुर में हुईं, जहां ड्रोन से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी आम है. विद्यार्थी ने कहा, "यह रिकॉर्ड BSF की कड़ी मेहनत का नतीजा है." पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से स्थानीय तस्करों का नेटवर्क भी तोड़ा जा रहा है.
तस्करी के नए तरीके
पाकिस्तानी तस्कर भारतीय साझेदारों से नाबालिगों को कूरियर के रूप में भर्ती करने को कह रहे हैं, क्योंकि कानूनी सख्ती कम होने से जांच से बचना आसान होता है. BSF अधिकारी ने बताया, "वे ताजे चेहरे पसंद करते हैं जिनका कोई पूर्व रिकॉर्ड न हो." 2024 में पंजाब में ड्रोन से 163 तस्करी के मामले दर्ज हुए, जिनमें 187 किलो हेरोइन जब्त की गई. ड्रोन साइटिंग्स और रिकवरी में तेजी आई है, खासकर अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर और गुरदासपुर में. NCB डेटा के अनुसार, पंजाब में हेरोइन जब्ती सबसे ज्यादा, 1,150 किलो है, जो ड्रग ट्रैफिकिंग का हॉटस्पॉट होने को दर्शाता है.
BSF की रणनीति
अक्टूबर 2021 में केंद्र सरकार ने BSF के क्षेत्राधिकार को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी किया, जिससे सर्च, सीज और गिरफ्तारी आसान हुई. BSF ने ग्राउंड और एरियल सर्विलांस बढ़ाया है, नाइट विजन डिवाइस, मोशन सेंसर और एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं. इससे ड्रोन-बेस्ड तस्करी को नाकाम किया जा रहा है. विद्यार्थी ने कहा, "पाकिस्तानी तस्कर ड्रोन और जीपीएस का इस्तेमाल कर बचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारा कमिटमेंट नेटवर्क को ध्वस्त करने का है." पंजाब पुलिस ने भी 2024 में 153 ट्रैफिकर्स गिरफ्तार किए, जो BSF के प्रयासों को सपोर्ट करता है.
व्यापक प्रभाव
NCB के अनुसार, 2024 में ड्रग ट्रैफिकिंग केसों में दिल्ली के बाद पंजाब दूसरे स्थान पर है. गंजा जब्ती में पंजाब तीसरे नंबर पर, 863 किलो. ड्रोन तस्करी उत्तर भारत में बड़ा खतरा बनी हुई है, खासकर पाकिस्तान से हेरोइन की. डार्कनेट मार्केट और क्रिप्टोकरेंसी ने तस्करों को गुमनामी दी है. BSF की कार्रवाइयों से न केवल ड्रग्स जब्त हो रहे हैं, बल्कि आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूती मिल रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह मॉडल अन्य सीमावर्ती राज्यों के लिए उदाहरण है.
आगे की चुनौतियां
BSF ने चेतावनी दी है कि तस्करी के तरीके विकसित हो रहे हैं, इसलिए सतत निगरानी जरूरी है. पंजाब में ड्रग्स का प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है, इसलिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. सरकार ने BSF को और संसाधन देने का वादा किया है. अगर यह गति बनी रही, तो पंजाब को ड्रग-फ्री बनाने में सफलता मिल सकती है. अपडेट्स के लिए बने रहें.
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