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आडवाणी से मुलाकात के बाद मिला टिकट टू संसद… फिर लगे गुमशुदगी के पोस्टर, जानें धर्मेंद्र का दिलचस्प पॉलिटिकल किस्सा

Dharmendra Passes Away: बीकानेर संसदीय सीट से धर्मेंद्र ने करीब 57 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर लाल डूडी को हराया था, लेकिन जल्द ही उनका राजनीति से मोहभभंग हो गया.

दिग्गज बॉलीवुड (Bollywood) स्टार धर्मेंद्र (Dharmendra) ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. 89 साल की उम्र में उनका मुंबई स्थित घर में निधन हो गया. धर्मेंद्र काफी समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर है देश ने बड़ा सितारा खो दिया. अपनी दमदार अदाकारी से धर्मेंद्र लोगों के दिलों में हमेशा राज करेंगे. फिल्मों के साथ-साथ धर्मेंद्र ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था हालांकि उनका पॉलिटिक्स से जल्द ही मोहभंग भी हो गया था. जानते हैं धर्मेंद्र की पॉलिटिकल कहानी. 

साल 2004 में भारत के पूर्व डिप्टी PM और BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और धर्मेंद्र की मुलाकात हुई थी. मुलाकात के कुछ दिन बाद ही धर्मेंद्र ने राजनीति की दुनिया में कदम रख दिए. BJP ने उन्हें बीकानेर सीट से लोकसभा का टिकट दिया. उन्होंने इस चुनाव में जीत के लिए जोर-शोर से प्रचार किया. परिवार भी उनके लिए कैंपेन करने पहुंचा. नतीजों की बारी आई और धर्मेंद्र ने बीकानेर से शानदार जीत हासिल की. बीकानेर संसदीय सीट से धर्मेंद्र ने करीब 57 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर लाल डूडी को हराया था. 

धर्मेंद्र का राजनीति से क्यों हुआ मोहभंग? 

लालकृ्ष्ण आडवाणी के कहने पर धर्मेंद्र ने राजनीति में एंट्री तो की लेकिन ज्यादा समय टिक न सके. बीकानेर के सांसद होते हुए भी वह संसद और बीकानेर की बजाय मुंबई में ही रहते थे. फिल्मों के कारण उनका ज्यादातर समय मायानगरी में ही बीतता था. उन्होंने बतौर सांसद स्थानीय समस्याओं पर खास ध्यान नहीं दिया. जिससे बीकानेर में उन्हें लोगों की आलोचना का शिकार होना पड़ा. यहां तक कि उनकी गुमशुदगी के भी पोस्टर लगे. ठीक वैसे ही जैसा उनके बेटे सनी देओल के साथ हुआ था. 

वहीं, जिस समय धर्मेंद्र सांसद थे तब देश में कांग्रेस की सरकार बनी. BJP लोकसभा चुनाव में हारकर केंद्र की सत्ता से बाहर हो गई. बतौर सांसद धर्मेंद्र ने अपने पहले पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और दोबारा चुनाव नहीं लड़ा. इसके बाद से उन्होंने वापस कभी राजनीति का रुख नहीं किया. हालांकि धर्मेंद्र के परिवार का राजनीति से गहरा नाता रहा. पत्नी हेमा मालिनी BJP से मथुरा की सांसद हैं. जबकि बड़े बेटे सनी देओल भी BJP के टिकट पर सांसद रह चुके हैं. 

फिल्मों से लेकर राजनीतिक हस्तियों ने जताया दुख 

धर्मेंद्र फिल्मी पर्दे का वो नाम थे जो दशकों तक छाया रहा. उन्हें बॉलीवुड का ही-मैन कहा जाता था. मुंबई में उनके अंतिम संस्कार में बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां पहुंची. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत राजनेताओं ने भी दुख जाहिर किया. वहीं, विले पार्ले शमशान घाट में धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया. जहां फैंस रोते हुए नजर आए. 

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