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दिल्ली में बीजेपी विधायक दल की बैठक टली, जानिए अब किस दिन होगा शपथ ग्रहण समारोह

दिल्ली चुनाव में जीत हासिल करने वाले बीजेपी के विधायक दल की बैठक जो सोमवार ओ होनी थी, उसे पार्टी ने स्थगित कर दिया है।

17 Feb, 2025
( Updated: 17 Feb, 2025
08:58 AM )
दिल्ली में बीजेपी विधायक दल की बैठक टली, जानिए अब किस दिन होगा शपथ ग्रहण समारोह
दिल्ली की सत्ता की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा इसके लिए अभी दिल्ली वालों को दो दिनों का और इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली चुनाव में जीत हासिल करने वाले बीजेपी के विधायक दल की बैठक जो सोमवार ओ होनी थी, उसे पार्टी ने स्थगित कर दिया है। अब यह बैठक 19 फरवरी को होगी जिसमें विधायक दल का नेता का नाम फाइनल होगा। इसके अगले दिन 20 या 21 फरवरी को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का समारोह हो सकता है, ये जानकारी सूत्रों के हवालें से सामने आई है।  


19 फरवरी को होगी बैठक 

दरअसल, बीजेपी के विधायक दल की बैठक पहले सोमवार 17 फरवरी को दोपहर 3 बजे होने वाली थी, जिसमें दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगनी थी। पहले खबर थी कि दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 19 फरवरी को हो सकता है, लेकिन अब यह कार्यक्रम भी एक दिन आगे बढ़ा दिया गया है।सूत्रों का कहना है कि 20 फरवरी को शपथ ग्रहण कार्यक्रम की जिम्मेदारी भाजपा के दो राष्ट्रीय महासचिव देखेंगे। भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुग को शपथ ग्रहण कार्यक्रम सह रैली का इंचार्ज बनाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, सभी 48 नवनिर्वाचित भाजपा विधायक केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में भाजपा विधायक दल के नेता का चयन करेंगे, जो दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेगा।


दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा जल्द ही केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी, जो विधायकों से रायशुमारी करके सीएम के चेहरे का ऐलान करेंगे। फिलहाल सीएम की रेस में नई दिल्ली सीट से विधायक प्रवेश वर्मा, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता और सतीश उपाध्याय के नाम सबसे आगे बताए जा रहेहैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है। दिल्ली में 10 साल से अधिक समय तक शासन करने वाली 'आप' को विधानसभा चुनाव में केवल 22 सीटें ही मिल सकीं। वहीं पिछले बार की तरह इस बार भी कांग्रेस पार्टी का खाता नहीं खुला।पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 'आप' के कई बड़े नेता चुनाव हार गए, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी अपनी सीट बचाने में सफल रहीं।

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