Advertisement

महुआ मोइत्रा की सनातनियों और नामशूद्र समुदाय पर विवादित टिप्पणी को लेकर बीजेपी नेता अमित मालवीय का बड़ा हमला

महुआ मोइत्रा की सनातन धर्म और नामशूद्र समुदाय पर की गई टिप्पणी विवादित, भाजपा के अमित मालवीय ने इसे आपत्तिजनक बताया. जानें राजनीतिक असर, TMC का रुख और आगामी चुनावों में संभावित प्रभाव.

पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा की हालिया टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. उन्होंने 28 अगस्त को करिमपुर ब्लॉक-2 में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा, “साल भर तुम तृणमूल हो, और चुनावों में सनातनी?” इस बयान में उन्होंने विशेष रूप से नामशूद्र समुदाय को निशाना बनाया, जो बंगाल में एक महत्वपूर्ण दलित समुदाय है.

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे “आपत्तिजनक” बताते हुए कहा कि यह बयान सनातन धर्म और नामशूद्र समुदाय का अपमान है. उन्होंने ट्वीट किया, “महुआ मोइत्रा का यह बयान न केवल सनातन धर्म का अपमान है, बल्कि यह समाज में विभाजन की भावना को भी बढ़ावा देता है.”

महुआ मोइत्रा का विवादित बयान

महुआ मोइत्रा ने पार्टी की बैठक में अपने तर्क में सनातन धर्म और नामशूद्र समुदाय का संदर्भ देते हुए यह टिप्पणी की. उनका कथन सीधे तौर पर समुदाय विशेष को निशाने पर लग रहा था, जिससे राजनीतिक और सामाजिक विवाद पैदा हो गया.

अमित मालवीय की प्रतिक्रिया

अमित मालवीय ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इसे समाज में विभाजन फैलाने वाला और अपमानजनक बताया. उनका कहना है कि ऐसे बयान न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित करते हैं.

क्या रहे उनके पुराने बयान?

महुआ मोइत्रा पहले भी विवादों में रही हैं. उन्होंने देवी काली के बारे में विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्हें “मांसाहारी और शराब स्वीकार करने वाली देवी” कहा गया. इसके लिए कई जगहों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. हालांकि, TMC ने इन बयानों से खुद को अलग किया और कहा कि यह उनके व्यक्तिगत विचार हैं.

क्या चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा असर?

विशेषज्ञों का मानना है कि महुआ मोइत्रा की ये टिप्पणियाँ आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनीतिक संघर्ष को और तीव्र कर सकती हैं. भाजपा इस मुद्दे का इस्तेमाल विरोधियों पर दबाव बनाने के लिए कर सकती है.

पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया क्या है?

महुआ मोइत्रा ने अभी तक इस विवाद पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है. उनके समर्थकों का कहना है कि यह बयान उनके व्यक्तिगत विचार हैं और पार्टी की नीति से इसका कोई संबंध नहीं है. हालांकि, भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर TMC से स्पष्टीकरण की मांग की है.

आगामी चुनावों में यह मुद्दा कैसे बड़ा बन सकता है?

यह विवाद आगामी चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है. यह न केवल धार्मिक और जातिगत समीकरणों को प्रभावित करता है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को भी उजागर करता है. अब देखना दिलचस्प होगा कि TMC इस विवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट करती है या महुआ मोइत्रा अपने बयान पर कोई स्पष्टीकरण देती हैं. 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE