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MP की मोहन सरकार का सनातन को लेकर बड़ा फैसला, पवित्र क्षेत्रों में बंद होगी शराब की दुकानें

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 19 पवित्र क्षेत्रों में शराबबंदी के फैसले पर अमल शुरू हो गया है। इन क्षेत्रों में एक अप्रैल से शराब दुकानें बंद कर दी जाएंगी। इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

15 Feb, 2025
( Updated: 16 Feb, 2025
08:52 AM )
MP की मोहन सरकार का सनातन को लेकर बड़ा फैसला, पवित्र क्षेत्रों में बंद होगी शराब की दुकानें
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 19 पवित्र क्षेत्रों में शराबबंदी के फैसले पर अमल शुरू हो गया है। इन क्षेत्रों में एक अप्रैल से शराब दुकानें बंद कर दी जाएंगी। इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछले दिनों 19 नगरीय और ग्रामीण इलाकों के पवित्र क्षेत्र में पूर्ण शराबबंदी का ऐलान किया था। इस फैसले पर अमल करते हुए शुक्रवार को राजभवन से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके मुताबिक राज्य के 13 नगरीय और छह ग्रामीण निकायों में संचालित शराब दुकानें एक अप्रैल से बंद की जाएंगी।


किन जगहों पर बंद होगी शराब की दुकान 

राजभवन की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार 19 पवित्र क्षेत्र में शराबबंदी की गई है, जिसमें उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंडलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत और बांदकपुर ग्राम पंचायत शामिल हैं।


अधिसूचना के मुताबिक 1 अप्रैल से इन सभी निकायों में किसी प्रकार के बार और वाइन आउटलेट के लाइसेंस नहीं दिए जाएंगे और इनके संचालन की भी अनुमति नहीं होगी। इतना ही नहीं, इन निकायों में बंद की जाने वाली मदिरा दुकानों को अन्यत्र विस्थापित नहीं किया जाएगा। राजभवन की ओर से जारी की गई अधिसूचना में जिन जिलों में यह पवित्र क्षेत्र हैं और मदिरा दुकानें बंद करने का फैसला हुआ है, उसके लिए प्रावधान किए गए हैं।


यह नई व्यवस्था एक अप्रैल से लागू की जाने वाली है। सरकार की ओर से लिए गए फैसले की पूर्व में ही विभिन्न संगठनों के लोग स्वागत कर चुके हैं। अब अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। यह व्यवस्था 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू की गई है।

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