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18-20 सितंबर होगा बड़ा दिन, वक्फ पर हो जाएगा बड़ा फैसला

पार्लियामेंट हाउस के परिसर में एक अहम बैठक होगी। इस बैठक में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारी इस विधेयक पर अपनी विशेष राय देंगे। इसके बाद stakeholder group और experts से उनके Thoughts and Recommendation के बारे में Counseling की जाएगी। इसके साथ ही विपक्षी दलों के विरोध और संसद के आगामी सत्र में इसका समर्थन न करने की बात कही, जिसके बाद इसे JPC के पास भेज दिया गया। अगले सत्र में JPC अपना रिपोर्ट सैंपेगी।

18 Sep, 2024
( Updated: 18 Sep, 2024
08:11 PM )
18-20 सितंबर होगा बड़ा दिन, वक्फ पर हो जाएगा बड़ा फैसला

वक्फ को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है। बोर्ड पर जमीन कब्जाने के आरोप लग रहे हैं। देश का एक वर्ग इससे परेशान है। और शायद दूसरे वर्ग में भी कई लोग ऐसे हैं जो ये बात समझते हैं कि वक्फ की शक्तियों पर पूर्णविराम लगाने की जरूरत है। वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग की जा रही है। जगह-जगह इसे लेकर प्रदर्शन हुए और इसे समाप्त करने पर जोर दिया गया। वहीं, दूसरा वर्ग है जो इसके समर्थन में है, वो मांग कर रहा है कि इसमें कोई संशोधन न किया जाए। लेकिन जैसी शक्तियां वक्फ बोर्ड को मिली हुई हैं, उन शक्तियों पर कम से कम विराम लगाने की जरूरत है। इसी को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 संसद में पेश किया। लेकिन विपक्षियों के विरोध की वजह से इसे JPC को भेजना पड़ा। अब यही JPC इस पर फैसला करेगी। अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं और आने वाली तीन बैठकों में इसका कड़क फैसला देखने को मिल जाएगा।

18-20 सितंबर तक बैठक, फिर होगा कड़क फैसला

पार्लियामेंट हाउस के परिसर में एक अहम बैठक होगी। इस बैठक में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारी इस विधेयक पर अपनी विशेष राय देंगे। इसके बाद स्टेकहोल्डर ग्रुप और एक्सपर्ट्स से उनके विचार और सिफारिशों के बारे में परामर्श किया जाएगा। इसके साथ ही विपक्षी दलों के विरोध और संसद के आगामी सत्र में इसका समर्थन न करने की बात कही गई, जिसके बाद इसे JPC के पास भेजा गया। अगले सत्र में JPC अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। चलिए अब आपको बताते हैं कि तीन बैठकों में क्या-क्या किस-किस दिन होना है।

18 सितंबर

इस दिन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारी JPC के सामने मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।

19 सितंबर

इस दिन समिति कुछ एक्सपर्ट्स और स्टेकहोल्डर्स की राय और सुझाव सुनेगी। इनमें चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति प्रोफेसर फैजान मुस्तफा; पसमांदा मुस्लिम महाज़; और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शामिल हैं।

20 सितंबर

इस दिन अखिल भारतीय सज्जादानशीं काउंसिल, अजमेर; मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, दिल्ली; और भारत फर्स्ट, दिल्ली से विधेयक पर राय मांगी जाएगी।

बता दें कि 8 अगस्त को मोदी सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ खात्मा विधेयक पेश किया था। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में 40 सुधार किए गए थे। विधेयक का उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम को संशोधित करना है। मंत्रालय ने कहा था कि 'विधेयक का उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और वक्फ बोर्ड की कार्यकुशलता को बढ़ाना है। इसमें अधिनियम का नाम बदलना, वक्फ की परिभाषाओं को अपडेट करना, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ाना जैसे बदलाव शामिल हैं।'

बता दें कि 13 सितंबर को बिल के विरोध में अपनी आपत्ति दर्ज कराने का आखिरी दिन था। जुमे की नमाज के बाद कई जगहों पर QR कोड को स्कैन कर कई नमाजियों ने अपना विरोध दर्ज कराया। गली-गली से कई वीडियोज सामने आए, जिनमें हमने देखा कि मुस्लिम समुदाय ने कई प्रदर्शन भी किए। ऐसे में 18-20 सितंबर तक का दिन काफी अहम होने वाला है। यह लगभग तय कर देगा कि यह बिल पास होगा या नहीं।

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