सुबह धुले बाल, दोपहर तक चिपचिपे? ऑयली स्कैल्प की असली वजहें और डॉक्टरों के बताए कंट्रोल करने के आसान तरीके
अगर सुबह बाल धोने के कुछ घंटों बाद ही वे फिर से चिपचिपे हो जाते हैं, तो इसका कारण सिर्फ गंदगी नहीं बल्कि स्कैल्प में ऑयल प्रोडक्शन का असंतुलन भी हो सकता है. जानिए ऑयली स्कैल्प को कंट्रोल करने के आसान और असरदार तरीके जो बालों को लंबे समय तक फ्रेश और हेल्दी रखेंगे.
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बालों का बार-बार ऑयली होना आजकल की आम समस्या बन गई है. सुबह धुले बाल दोपहर तक चिपचिपे हो जाते हैं, जिससे स्टाइलिंग बिगड़ जाती है और आत्मविश्वास भी कम होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे स्कैल्प की सेहत छिपी है? आइए समझते हैं कि ऑयली स्कैल्प की असली वजहें क्या हैं और इन्हें घरेलू व प्रोफेशनल तरीकों से कैसे कंट्रोल किया जा सकता है.
स्कैल्प में छिपी वजहें :
ऑयली बालों की मुख्य वजह स्कैल्प में मौजूद सीबम ग्लैंड्स का ज्यादा सक्रिय होना है. ये ग्लैंड्स प्राकृतिक तेल (सीबम) बनाती हैं, जो बालों को नमी देता है. लेकिन हार्मोनल बदलाव, तनाव, गलत डाइट या जेनेटिक्स के कारण ये ग्लैंड्स ओवरएक्टिव हो जाती हैं. नतीजा, बाल कुछ ही घंटों में चिपचिपे हो जाते हैं. गर्मी और उमस भी सीबम उत्पादन को बढ़ाती है.
गलत हेयर केयर रूटीन :
कई लोग सोचते हैं कि ऑयली बालों को रोज शैंपू करना चाहिए, लेकिन ज्यादा शैंपू करने से स्कैल्प ड्राई हो जाता है और बॉडी ज्यादा सीबम बनाने लगती है. वहीं, कंडीशनर को स्कैल्प पर लगाना भी गलती है, इसे सिर्फ बालों की लंबाई पर लगाएं. सल्फेट युक्त शैंपू और सिलिकॉन बेस्ड प्रोडक्ट्स भी ऑयल को और बढ़ा सकते हैं.
डाइट और लाइफस्टाइल का असर :
ज्यादा तला-भुना, चीनी युक्त भोजन और डेयरी प्रोडक्ट्स सीबम उत्पादन को ट्रिगर करते हैं. विटामिन बी, जिंक और ओमेगा-3 की कमी भी स्कैल्प को ऑयली बना सकती है. साथ ही, नींद की कमी और तनाव हार्मोन को असंतुलित करते हैं, जिससे ऑयल ग्लैंड्स ज्यादा काम करने लगती हैं.
मौसम और प्रदूषण :
गर्मी, उमस और धूल-मिट्टी स्कैल्प के पोर्स को ब्लॉक कर देती है, जिससे सीबम बाहर नहीं निकल पाता और बाल चिपचिपे हो जाते हैं. पसीना और प्रदूषण मिलकर बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं, जिससे डैंड्रफ और खुजली की समस्या भी शुरू हो सकती है.
घरेलू उपाय :
नींबू, एलोवेरा और टी ट्री ऑयलनींबू का रस: पानी में मिलाकर स्कैल्प पर लगाएं, 10 मिनट बाद धो लें. यह पीएच बैलेंस करता है.
- एलोवेरा जेल : सीधे स्कैल्प पर लगाएं, 20 मिनट बाद माइल्ड शैंपू से धोएं.
- टी ट्री ऑयल : शैंपू में 2-3 बूंदें मिलाकर इस्तेमाल करें, यह एंटी-बैक्टीरियल है.
- मुल्तानी मिट्टी : पेस्ट बनाकर हफ्ते में एक बार लगाएं, अतिरिक्त ऑयल सोख लेगी.
सही हेयर केयर टिप्स :
- हफ्ते में 2-3 बार माइल्ड, सल्फेट-फ्री शैंपू इस्तेमाल करें.
- कंडीशनर सिर्फ बालों की लंबाई पर लगाएं, स्कैल्प से दूर रखें.
- गुनगुने पानी से बाल धोएं, गर्म पानी सीबम को और बढ़ाता है
- हेयर ड्रायर का इस्तेमाल कम करें, नेचुरल ड्रायिंग बेहतर है.
- रेशमी तकिए का कवर इस्तेमाल करें, कॉटन वाले ऑयल सोख लेते हैं.
कब लें डॉक्टर की सलाह?
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अगर घरेलू उपायों से फायदा न हो, खुजली, रेडनेस या बाल झड़ने की समस्या हो, तो डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलें. यह सीबोरिक डर्मेटाइटिस या फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है. डॉक्टर मेडिकेटेड शैंपू (केरटोलाइटिक या एंटी-फंगल) सुझा सकते हैं. ऑयली बालों को कंट्रोल करना मुश्किल नहीं, बस सही जानकारी और थोड़ी मेहनत चाहिए. आज से ही अपनी दिनचर्या में बदलाव लाएं और स्वस्थ, चमकदार बाल पाएं!
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