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Sleeping Beauty Syndrome... ये नींद की लत नहीं, बल्कि एक खतरनाक बीमारी है; जानें इसके लक्षण और कारण

Sleeping Beauty Syndrome कोई परीकथा नहीं, बल्कि एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है. इसकी सही समय पर पहचान और प्रबंधन बेहद जरूरी है, ताकि व्यक्ति सामान्य जीवन जी सके और अनावश्यक मानसिक बोझ से बचा जा सके.

02 Aug, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
05:20 PM )
Sleeping Beauty Syndrome... ये नींद की लत नहीं, बल्कि एक खतरनाक बीमारी है; जानें इसके लक्षण और कारण

क्या आप सोचते हैं कि हर वक्त नींद आना सिर्फ थकान या आलस की निशानी है? तो ज़रा ठहरिए! हो सकता है ये कोई साधारण आदत नहीं, बल्कि एक बेहद दुर्लभ और रहस्यमयी बीमारी का संकेत हो. इस बीमारी का नाम है - Sleeping Beauty Syndrome. सुनने में किसी फैंटेसी फिल्म जैसा लगता है, लेकिन असल ज़िंदगी में यह बीमारी लोगों को हफ्तों तक सोने पर मजबूर कर देती है. आइए जानें क्या है ये अजीब-सी बीमारी, इसके लक्षण, कारण और क्यों हो रही है आजकल चर्चा मे...

कितनी दुर्लभ है यह बीमारी?

  • Kleine-Levin Syndrome बहुत ही रेयर है.
  • विश्वभर में इसके सिर्फ 1000–1500 मामलों को ही मेडिकल डॉक्युमेंटेशन में दर्ज किया गया है.
  • यह बीमारी आमतौर पर किशोरों, विशेषकर पुरुषों में अधिक पाई जाती है.
  • हालांकि महिलाओं और वयस्कों में भी कुछ मामले सामने आए हैं.

इसके प्रमुख लक्षण क्या हैं?

Sleeping Beauty Syndrome के लक्षण केवल नींद तक सीमित नहीं रहते. इसमें कई मानसिक और शारीरिक बदलाव देखे जाते हैं:

  • अत्यधिक नींद (Hypersomnia): एक दिन में 18-20 घंटे तक सोना
  • भ्रम और भ्रमित मानसिक स्थिति (Confusion): जागने पर व्यक्ति अक्सर चुप, भ्रमित और धीमा रहता है
  • अत्यधिक भूख या सेक्स ड्राइव: कुछ मामलों में बढ़ी हुई भूख (Hyperphagia) या सेक्स की इच्छा भी देखी गई है
  • बेहद चिड़चिड़ापन या अवसाद
  • सामाजिक संपर्क से दूरी और संवाद में कमी
  • कोई स्पष्ट ट्रिगर नहीं: यह एपिसोड अचानक शुरू होते हैं और समय के साथ अपने आप बंद भी हो सकते हैं

क्यों होता है Sleeping Beauty Syndrome?

इस बीमारी का सटीक कारण आज भी मेडिकल साइंस के लिए रहस्य बना हुआ है. हालांकि, कुछ संभावित कारण माने जाते हैं:

  • हाइपोथैलेमस की गड़बड़ी: मस्तिष्क का वह हिस्सा जो नींद, भूख और व्यवहार को नियंत्रित करता है
  • जेनेटिक फैक्टर: कुछ केसों में पारिवारिक इतिहास से भी लिंक देखा गया है
  • वायरल संक्रमण: कई बार फ्लू या अन्य वायरल बीमारियों के बाद यह सिंड्रोम ट्रिगर हो सकता है
  • ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया: शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को निशाना बना सकती है

क्या इसका इलाज संभव है?

इसका कोई स्थायी या निश्चित इलाज फिलहाल उपलब्ध नहीं है. लेकिन कुछ उपायों से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है:

  • स्टिमुलेंट दवाएं (जैसे Modafinil): जो नींद कम करने में मदद करती हैं
  • मूड स्टेबलाइज़र और एंटीडिप्रेसेंट्स: मानसिक लक्षणों को नियंत्रित करने में उपयोगी
  • थेरैपी और देखभाल: फैमिली सपोर्ट और निरंतर निगरानी जरूरी होती है
  • एपिसोड्स के बीच व्यक्ति पूरी तरह नॉर्मल रहता है, जिससे इलाज और पहचान दोनों ही मुश्किल हो जाते हैं

क्या यह जानलेवा हो सकती है?

Sleeping Beauty Syndrome प्रत्यक्ष रूप से जानलेवा नहीं है, लेकिन यह व्यक्ति के शैक्षणिक, पेशेवर और सामाजिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. गलतफहमी, मानसिक तनाव और आत्मसम्मान में गिरावट इसके दीर्घकालिक परिणामों में शामिल हैं.

डॉक्टर से कब करें संपर्क?

यदि किसी व्यक्ति को:

  • बार-बार लंबे समय तक नींद आती है
  • जागने पर भ्रम या व्यवहार में असामान्यता दिखती है
  • स्कूल या कामकाज में कठिनाई आने लगी है

…तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोप्सायचियाट्रिस्ट से संपर्क करना चाहिए.

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Sleeping Beauty Syndrome कोई परीकथा नहीं, बल्कि एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है. इसकी सही समय पर पहचान और प्रबंधन बेहद जरूरी है, ताकि व्यक्ति सामान्य जीवन जी सके और अनावश्यक मानसिक बोझ से बचा जा सके. 

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