महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के ये गंभीर संकेत : अनदेखा करने से हो सकता है हड्डियों और स्वास्थ्य को भारी नुकसान
महिलाओं में विटामिन-डी की कमी आम समस्या बनती जा रही है, जिससे थकान, बाल झड़ना, हड्डियों में दर्द और मूड स्विंग्स जैसे लक्षण दिखते हैं. समय रहते इसकी पहचान और इलाज न किया जाए तो यह हड्डियों की कमजोरी और हार्मोनल असंतुलन जैसी दिक्कतें बढ़ा सकती है.
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महिलाओं में नजर आते हैं विटामिन-डी की कमी के ये संकेत, अनदेखा करना पड़ सकता है भारीभारतीय महिलाओं में विटामिन-डी की कमी एक आम समस्या बन चुकी है, जो पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखी जाती है. सूरज की रोशनी से बनने वाला यह 'सनशाइन विटामिन' हड्डियों को मजबूत रखने के साथ-साथ इम्यूनिटी, मूड और समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. लेकिन घरेलू कामकाज, साड़ी पहनने की आदत, हार्मोनल बदलाव और मेनोपॉज के कारण महिलाओं में इसकी कमी तेजी से बढ़ रही है. अनदेखा करने पर यह ऑस्टियोपोरोसिस, डिप्रेशन और बार-बार संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.
आइए जानें महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के प्रमुख संकेतों के बारे में, ताकि समय रहते कदम उठा सकें.
लगातार थकान और कमजोरी
महिलाओं में विटामिन-डी की कमी का सबसे आम संकेत है बिना किसी भारी काम के भी थकान महसूस होना. यह मांसपेशियों की कमजोरी के कारण होता है, जो ऊर्जा स्तर को कम कर देता है. कई महिलाएं इसे तनाव या नींद की कमी समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, लेकिन यह कमी का स्पष्ट इशारा है.
- क्यों होता है : विटामिन-डी मसल फंक्शन को सपोर्ट करता है; इसकी कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है.
- समस्या : लंबे समय तक अनदेखा करने से क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम हो सकता है.
हड्डियों और पीठ में दर्द
हड्डियों में लगातार दर्द, खासकर पीठ या कूल्हों में, विटामिन-डी की कमी का प्रमुख लक्षण है. महिलाओं में यह मेनोपॉज के बाद ज्यादा खतरनाक हो जाता है, क्योंकि कैल्शियम अब्जॉर्ब न होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. मामूली गिरने से फ्रैक्चर हो सकता है.
- क्यों होता है : विटामिन-डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है; कमी से हड्डी का घनत्व घटता है.
- समस्या : अनदेखा करने पर ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
बालों का झड़ना और पतले होना
अचानक बाल झड़ना या पतले होना विटामिन-डी की कमी का एक प्रमुख संकेत है, जो महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के साथ जुड़ा होता है. फॉलिकल्स कमजोर हो जाते हैं, जिससे हेयर ग्रोथ रुक जाती है.
- क्यों होता है: यह विटामिन हेयर साइकल को रेगुलेट करता है; कमी से बालों के पोर्स कमजोर पड़ते हैं.
- समस्या: लंबे समय तक अनदेखा करने से एलोपेसिया जैसी स्थायी समस्या हो सकती है.
मूड स्विंग्स और डिप्रेशन
बार-बार मूड बदलना, उदासी या डिप्रेशन के लक्षण विटामिन-डी की कमी से जुड़े होते हैं. महिलाओं में यह PMS या मेनोपॉज के दौरान ज्यादा नजर आता है.
- क्यों होता है : विटामिन-डी सेरोटोनिन (मूड रेगुलेटर) को प्रभावित करता है.
- समस्या : अनदेखा करने पर क्रॉनिक डिप्रेशन या एंग्जायटी हो सकती है.
बार-बार संक्रमण और इम्यूनिटी कमजोर होना
सर्दी-जुकाम, घाव देर से भरना या बार-बार बीमार पड़ना विटामिन-डी की कमी का संकेत है. महिलाओं में यह गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान ज्यादा खतरनाक होता है.
- क्यों होता है : यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है; कमी से वायरस से लड़ने की क्षमता घटती है.
- समस्या : लंबे समय में ऑटोइम्यून डिसीज या हृदय रोग का रिस्क बढ़ जाता है.
विटामिन-डी की कमी के कारण :
महिलाओं में कमी के मुख्य कारण हैं कम सूरज की एक्सपोजर (घरेलू कामकाज के कारण), हार्मोनल बदलाव (मेनोपॉज, प्रेग्नेंसी), दूध पिलाने की प्रक्रिया और डाइट में कमी (फैटी फिश, दूध कम खाना). भारतीय महिलाओं में 70-80% तक यह समस्या देखी जाती है.
अनदेखा करने की कीमत :
अनदेखा करने पर महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग, डायबिटीज, ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ता है. गर्भावस्था में शिशु को रिकेट्स हो सकता है. लंबे समय में हड्डी फ्रैक्चर और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आम हो जाती हैं.
तुरंत अपनाएं ये आदतें
- सूरज की रोशनी : रोज 15-20 मिनट धूप लें (सुबह 10-11 बजे).
- डाइट : अंडे, फैटी फिश, दूध, दही और फोर्टिफाइड फूड्स खाएं.
- सप्लीमेंट्स : डॉक्टर की सलाह से 1000-60000 IU की डोज लें; गंभीर मामलों में इंजेक्शन.
- टेस्ट : ब्लड टेस्ट से लेवल चेक करवाएं (25-हाइड्रॉक्सी विटामिन डी).
- लाइफस्टाइल : एक्सरसाइज करें, धूम्रपान-शराब से दूर रहें.
विटामिन-डी की कमी को हल्के में न लें. अगर ये संकेत नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें. स्वस्थ हड्डियां और खुशहाल जीवन के लिए विटामिन-डी को प्राथमिकता दें!
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