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सुबह-सुबह कर लें यह योगासन... कभी नहीं महसूस करेंगे तनाव और कमजोरी

तनाव और कमजोरी दूर करने के लिए आज़माएं पूर्वोत्तानासन – जानिए इसकी सही विधि, लाभ और ज़रूरी सावधानियाँ.

16 Jul, 2025
( Updated: 16 Jul, 2025
04:06 PM )
सुबह-सुबह कर लें यह योगासन... कभी नहीं महसूस करेंगे तनाव और कमजोरी

आज की तेज और भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है. ऐसे में योगासन एक बेहतरीन उपाय हैं जो न सिर्फ हमारे शरीर को मजबूत बनाते हैं, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करते हैं. इन्हीं योगासन में एक है 'पूर्वोत्तानासन', जिसका नियमित अभ्यास शरीर के लचीलेपन को बढ़ाता है, मांसपेशियों को ताकत देता है और हमारे मन को शांति देता है. 'पूर्वोत्तानासन' में 'पूर्व' का अर्थ आगे की ओर और 'उत्तानासन' का अर्थ यानी खिंचाव वाली मुद्रा होता है. 

योग का परिचय और आसन का महत्व

पूर्वोत्तानासन, जिसे Upward Plank Pose भी कहते हैं, शरीर के अग्र भाग को स्ट्रेच करता है और मस्तिष्क को स्फूर्ति प्रदान करता है. यह तनाव कम करने, श्वसन प्रणाली सुधारने और शारीरिक ताकत बढ़ाने में कारगर साबित होता है. पूर्वोत्तानासन शरीर के कंधे, भुजाएं और पीठ को मजबूत बनाता है. यह आसन श्वसन प्रणाली में सुधार करता है. आसन को करते समय शरीर के ऊपर उठने से फेफड़ों को अच्छी तरह फैलने का मौका मिलता है. इससे आपके फेफड़े मजबूत होते हैं, और सांस लेने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है. 

पूर्वोत्तानासन कैसे करें

सबसे पहले योगा मैट पर बैठें और दंडासन (पैर सामने सीधे) की स्थिति में आएं. अपने हाथों को पीछे की ओर रखें, हथेलियाँ ज़मीन पर हों और उंगलियाँ बाहर की ओर. गहरी सांस लें और शरीर को ऊपर की ओर उठाएं – सिर से पैर तक एक सीधी रेखा बनाने का प्रयास करें. सिर को पीछे की ओर धीरे से झुकाएं और गर्दन को ढीला छोड़ें. इस स्थिति में 15–30 सेकंड तक रहें, और फिर धीरे-धीरे वापस दंडासन में आ जाएं. इसे 2–3 बार दोहराएं. 

पूर्वोत्तानासन के लाभ 

  • तनाव और थकान से राहत: यह आसन मानसिक तनाव को कम करता है, मस्तिष्क को स्फूर्ति देता है और चिंता दूर करता है.
  • शरीर को बनाता है मजबूत: यह कंधों, पीठ, जांघों और हाथों को ताकत देता है। विशेषकर कोर मसल्स को एक्टिव करता है.
  • पोश्चर में सुधार: शरीर की स्थिति को संतुलित करता है और झुके हुए कंधों को सीधा करता है.
  • पाचन में सुधार: पेट और आंतों पर खिंचाव पड़ने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है.
  • श्वसन प्रणाली को सुधारता है: सीने के फैलाव से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और सांस लेने की क्षमता बेहतर होती है. 

पूर्वोत्तानासन करते समय बरतें ये सावधानियाँ:

गर्दन, कंधे या कलाई में चोट होने पर इस आसन से बचें. गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें. हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगी, या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित लोग डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें. यह आसन खाली पेट करना उचित होता है – भोजन के कम से कम 4 घंटे बाद करें. 

योग विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

योगाचार्यों के अनुसार, पूर्वोत्तानासन न केवल शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय करता है बल्कि मानसिक स्पष्टता भी देता है. “यह एक underrated लेकिन बहुत प्रभावशाली आसन है, खासकर ऑफिस वर्कर्स के लिए, जो लंबे समय तक बैठते हैं,” – योग शिक्षक भावना मिश्रा कहती हैं. योग विशेषज्ञों का मानना है कि "पूर्वोत्तानासन आज की जीवनशैली में बेहद जरूरी आसनों में से एक है. यह ना केवल शरीर को टोन करता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाता है." योग प्रशिक्षक भावना रावत कहती हैं, “दिनभर लैपटॉप या मोबाइल पर झुके रहने वाले युवा जब यह आसन नियमित करते हैं, तो उनकी बॉडी की ओपनिंग और मसल्स एक्टिवेशन तेजी से होता है.”

पूर्वोत्तानासन एक सरल, लेकिन शक्तिशाली योग मुद्रा है जो तनाव, थकान, मानसिक बोझ और शरीर की कमजोरी को दूर करने में बेहद प्रभावशाली है. यह ना सिर्फ आपके शरीर को लचीलापन देता है, बल्कि आपको मानसिक स्थिरता और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है.अगर आप रोज़ाना 10 मिनट भी इस आसन को अपने रूटीन में शामिल करें, तो जीवन में शांति, ऊर्जा और उत्साह का अनुभव अवश्य होगा. 

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