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क्या चीनी है आपकी सेहत की दुश्मन? जानें क्यों कम करनी चाहिए इसकी मात्रा, मिलेगी बेहतर ज़िंदगी

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (उत्तर प्रदेश) ने एक जागरूकता पोस्ट के जरिए लोगों को चीनी के सीमित सेवन की सलाह दी है. हमारे दैनिक जीवन में चीनी की मात्रा सीमित होना बहुत जरूरी है. जिससे 'डायबिटीज', मोटापा और हृदय रोग जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से आप खुद को बचा जा सकते हैं. आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि चीनी का संतुलित सेवन क्यों जरूरी है. साथ ही, विभिन्न खाद्य पदार्थों में मौजूद चीनी की मात्रा के बारे में स्पष्ट जानकारी होना जरूरी है.

19 Jun, 2025
( Updated: 19 Jun, 2025
12:36 PM )
क्या चीनी है आपकी सेहत की दुश्मन? जानें क्यों कम करनी चाहिए इसकी मात्रा, मिलेगी बेहतर ज़िंदगी
Sugar

आज के दौर में चीनी हमारी रोज़मर्रा की डाइट का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है. सुबह की चाय से लेकर रात के खाने के बाद की मिठाई तक, चीनी लगभग हर चीज़ में मौजूद है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह 'मीठी लत' आपकी खुशहाल ज़िंदगी के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा बन सकती है? अत्यधिक चीनी का सेवन न केवल वज़न बढ़ाता है, बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बनता है. अपनी डाइट में चीनी की मात्रा को सीमित करना एक छोटा सा कदम लग सकता है, लेकिन यह एक बेहतर और स्वस्थ कल की ओर एक बड़ा बदलाव ला सकता है. 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (उत्तर प्रदेश) ने एक जागरूकता पोस्ट के जरिए लोगों को चीनी के सीमित सेवन की सलाह दी है. हमारे दैनिक जीवन में चीनी की मात्रा सीमित होना बहुत जरूरी है. जिससे 'डायबिटीज', मोटापा और हृदय रोग जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से आप खुद को बचा जा सकते हैं. आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि चीनी का संतुलित सेवन क्यों जरूरी है. साथ ही, विभिन्न खाद्य पदार्थों में मौजूद चीनी की मात्रा के बारे में स्पष्ट जानकारी होना जरूरी है. 

क्यों जरूरी है चीनी का संतुलित सेवन?

अगर आप कोल्ड ड्रिंक पीने के शौकीन हैं तो आपको ध्यान देना चाहिए कि एक 300 मिलीलीटर की सॉफ्ट ड्रिंक में 31.8 ग्राम चीनी और 132 कैलोरी होती है, जो हमारी हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. 

ऐसे ही चॉकलेट, पेस्ट्री को दुनियाभर में खूब पसंद किया जाता है, यह खाने में जितनी टेस्टी होती है, उतनी ही सेहत के लिए हानिकारक क्योंकि इसमें 12 ग्राम चीनी और 297 कैलोरी होती है. 

वहीं, फ्लेवर्ड जूस में 46.8 ग्राम चीनी और 189 कैलोरी होती है और चॉकलेट में 25 ग्राम चीनी और 100 कैलोरी, वहीं एक गुलाब जामुन में 32 ग्राम चीनी 254 कैलोरी मौजूद होती है. 

भारत में बढ़ रहा चीनी का सेवन चिंता का विषय 

ये उदाहरण दिखाते हैं कि हमारी रोजमर्रा की डाइट में छिपी चीनी हमें अनजाने में ही ज्यादा मात्रा में मिल रही है. ऐसे में किसी चीज के सेवन से कितनी मात्रा में चीनी आपके शरीर में जा रही है, यह जानकारी अहम हो जाती है. भारत में, जहां चीनी का उपयोग पारंपरिक मिठाइयों, त्योहारों और अन्य आयोजनों में गहराई से जुड़ा है, वहां इसकी खपत में वृद्धि चिंता का विषय है. भारत में चीनी और शर्करा युक्त पेय पदार्थों के बढ़ते सेवन से मोटापा और टाइप 2 मधुमेह में तेजी से वृद्धि हुई है. 

पिछले कुछ दशकों में भारत में खानपान की आदतों में बड़ा बदलाव आया है. वैश्वीकरण के कारण पहले की तुलना में आज चीनी युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो गए हैं. पारंपरिक मिठाइयों के साथ-साथ कोल्ड ड्रिंक और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन भी बढ़ गया है, जो सेहत के लिए खतरा बन गया है. 

चीनी के सेवन को नियंत्रित करने की जरूरत

वहीं अगर आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में चीनी का सेवन सोच समझकर करते हैं तो आप 'डायबिटीज', मोटापा और हृदय रोग जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बच सकते हैं. चीनी के सेवन को नियंत्रित करने और संतुलित आहार अपनाने की जरूरत है.

ऐसा करने के लिए आप अपने दैनिक आहार में चीनी की मात्रा की जांच करें और लेबल पढ़ें. वहीं सॉफ्ट ड्रिंक की जगह आप नींबू पानी या फलों का रस (बिना चीनी के) पीएं. एक हेल्दी लाइफस्टाइल की शुरुआत करें और अपने बच्चों को भी वही सिखाएं और रोजाना व्यायाम करें. 

कितनी चीनी है सुरक्षित?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए अतिरिक्त चीनी का सेवन कुल दैनिक कैलोरी के 10% से कम होना चाहिए. आदर्श रूप से, यह 5% से कम होना चाहिए. यह प्राकृतिक रूप से फल और दूध में पाई जाने वाली चीनी को छोड़कर है. यह सुनिश्चित करने के लिए हमें अपने खान-पान में फल, सब्जियां और साबुत अनाज को प्राथमिकता देनी चाहिए. 

चीनी का अत्यधिक सेवन आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों का एक प्रमुख कारण है. अपनी डाइट में चीनी की मात्रा को सीमित करना वज़न प्रबंधन, मधुमेह से बचाव, हृदय स्वास्थ्य में सुधार और शारीरिक व मानसिक कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह बदलाव आपको सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ ही नहीं बनाएगा, बल्कि आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाएगा और आपको एक खुशहाल और बेहतर कल की ओर ले जाएगा.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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