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ब्रह्म मुहूर्त: सिर्फ 21 दिनों में बदल जाएगी आपकी सेहत, जानें सुबह किन टिप्स को फोलो करना है जरुरी?

अक्सर लोग सुबह देर से उठते हैं और रात को देर से सोते हैं. एक सही दिनचर्या का पालन नहीं करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुबह जल्दी उठना और रात को जल्दी सोना कितना जरूरी है. आयुर्वेद के अनुसार अगर आप मात्र 21 दिनों तक सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर बताई गई दिनचर्या को फॉलो करते हैं तो आपकी सेहत में कई पॉजिटिव बदलाव आ सकते हैं. आप कई बीमारियों से बच सकते हैं…

ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 3:30 से 5:30 बजे के बीच का समय आयुर्वेद में सबसे शक्तिशाली और लाभकारी माना जाता है. सुबह के समय शरीर, मन और आत्मा तीनों का संतुलन सबसे ज्यादा सही रहता है. इस समय शरीर की प्राकृतिक डिटॉक्स प्रणाली सबसे सक्रिय होती है, इसलिए सुबह खाली पेट ली गई औषधियां, जूस या हर्ब्स जल्दी असर करती हैं.

सुबह का समय क्यों होता है सबसे खास?
आयुर्वेद के अनुसार सुबह का समय वात काल का होता है, जो गति, शुद्धि और जागरण से जुड़ा है. इस समय ली गई हर्ब्स शरीर के हर ऊतक में तेजी से पहुंचती हैं, पाचन, रक्तसंचार और स्नायु तंत्र बेहतर काम करते हैं. रातभर विश्राम के बाद सुबह पाचन अग्नि पुनः जाग्रत होती है. अगर इस समय हल्की जड़ी-बूटियां जैसे त्रिफला, आंवला, गिलोय या नीम का सेवन किया जाए तो वे बिना अवरोध शरीर में जल्दी अवशोषित हो जाती हैं और रक्त व कोशिकाओं की सफाई में मदद करती हैं. नीम, तुलसी, धनिया पानी जैसी चीजें इस प्रक्रिया को और मजबूत बनाती हैं.

सुबह-सुबह क्यों करना चाहिए योग?
सुबह का समय मानसिक और प्राण शक्ति के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है क्योंकि मन सान्त्वनापूर्ण और ग्रहणशील होता है. इस समय योग, ध्यान और प्राणायाम भी अधिक प्रभावी रहते हैं. अश्वगंधा, ब्राह्मी और तुलसी जैसे हर्ब्स मानसिक शक्ति और तनाव कम करने में मदद करते हैं.

सुबह किन चीजों का सेवन करना चाहिए?
आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि सुबह शरीर का कॉर्टिसोल स्तर प्राकृतिक रूप से बढ़ा होता है, जिससे ऊर्जा मिलती है. इस समय ली गई हर्ब्स और औषधियां जैविक घड़ी से तालमेल बनाए रखती हैं और अधिक प्रभावशाली होती हैं. सुबह खाली पेट आंवला रस, गिलोय रस, त्रिफला चूर्ण, नीम और तुलसी के पत्ते, एलोवेरा रस, अदरक-शहद मिश्रण, धनिया पानी और हल्दी वाला पानी लेना विशेष लाभकारी है. ये औषधियां पाचन, इम्यूनिटी, डिटॉक्स और तनाव मुक्ति में मदद करती हैं.

21 दिनों तक स्वस्थ रहने के लिए किस दिनचर्या का पालन करना चाहिए?
आयुर्वेदिक दिनचर्या के अनुसार सुबह स्नान, दांत और जीभ की सफाई, गरम पानी का सेवन और औषधियां लेने से शरीर पूरी तरह से सक्रिय और रोग प्रतिरोधक बनता है. ध्यान रहे, सुबह सिर्फ 1-2 जड़ी-बूटियां ही लें और जूस या चूर्ण लेने के बाद कम से कम 30 मिनट कुछ न खाएं. लगातार 21 दिन तक इस दिनचर्या का पालन करने से आपको फर्क साफ नजर आने लगेगा.

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