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देर रात तक जागने वालों के लिए खतरे की घंटी! नई स्टडी पढ़कर उड़ जाएगी नींद

रात में देर तक जागने की आदत आपके दिमाग के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. नई स्टडी के अनुसार, कम नींद से ब्रेन पॉवर तेजी से घटती है और मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं.

01 Jun, 2025
( Updated: 05 Jun, 2025
11:25 AM )
देर रात तक जागने वालों के लिए खतरे की घंटी! नई स्टडी पढ़कर उड़ जाएगी नींद
क्या आप भी रात को देर तक जागते हैं और सुबह उठने में परेशानी होती है? अगर हां, तो ये खबर आपके लिए है. एक नई स्टडी में सामने आया है कि जो लोग देर रात तक जागते हैं, उनकी दिमागी क्षमता (Brain Power) उम्र के साथ तेजी से कमजोर हो सकती है.

क्यों होता है ऐसा?

नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन की रिसर्चर एना वेंजलर के मुताबिक, हमारे सोने और जागने का तरीका, जिसे साइंस की भाषा में 'क्रोनोटाइप' कहा जाता है, ये तय करता है कि हम दिन के किस हिस्से में सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं.
• सुबह जल्दी उठने वाले लोग जल्दी सोते हैं और उनका शरीर सुबह फ्रेश फील करता है.

• वहीं, रात में देर तक जागने वाले लोगों का बॉडी क्लॉक लेट चलता है, जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती.

रिसर्च में क्या पाया गया?

इस स्टडी में करीब 23,800 लोगों को 10 साल तक फॉलो किया गया. नतीजे चौंकाने वाले थे:
• जो लोग रात में देर तक जागते थे, उनकी ब्रेन पावर जल्दी घटती पाई गई.

• ये लोग अक्सर स्मोकिंग, अल्कोहल और कम फिजिकल एक्टिविटी जैसी आदतों के शिकार पाए गए.

• 25% दिमागी गिरावट का कारण नींद की कमी और खराब लाइफस्टाइल माना गया.


अच्छी नींद क्यों है जरूरी?

वेंजलर के मुताबिक, दिमाग को भी रोजाना आराम (rest) चाहिए होता है. लेकिन अगर आप कम सोते हैं या बार-बार नींद टूटती है, तो दिमाग थकने लगता है और इसका असर आपकी याददाश्त और सोचने की क्षमता पर पड़ता है.
 
उम्र के साथ बदलता है नींद का पैटर्न
• बचपन में बच्चे जल्दी उठते हैं.

• किशोरावस्था में देर रात तक जागना आम हो जाता है.

• लेकिन 40 की उम्र के बाद शरीर फिर से जल्दी उठने की ओर लौटता है.

हालांकि, ये हर किसी के साथ नहीं होता.

जल्दी नींद क्यों नहीं आती?

कई बार आप बेड पर लेट तो जाते हैं लेकिन नींद नहीं आती. ऐसा तब होता है जब शरीर मेलाटोनिन (नींद लाने वाला हार्मोन) नहीं बना रहा होता. यानी आपका शरीर अभी सोना नहीं चाहता.
 
क्या है हल?
रिसर्चर्स का मानना है कि हर किसी को अपने नींद के नैचुरल पैटर्न के अनुसार चलने देना चाहिए.
यदि कोई व्यक्ति रात में एक्टिव रहता है, तो उसे काम की शुरुआत सुबह के बजाय थोड़ी देर से करने दी जानी चाहिए. इससे दिमाग को पूरा आराम मिलेगा और ब्रेन हेल्थ भी बेहतर रहेगी.
 
यानी रात में देर तक जागना आपकी क्रिएटिविटी को बढ़ा सकता है, लेकिन अगर ये आदत बन जाए और नींद की कमी हो, तो ये ब्रेन के लिए खतरनाक हो सकती है.
तो अगर आप अपनी दिमागी ताकत को लंबे समय तक बनाए रखना चाहते हैं, तो नींद को भी अपनी डेली प्रायोरिटी बनाएं.

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