कुत्ता पालने के लिए कड़े हुए नियम...अब 10 पड़ोसियों की लेनी होगी NOC, रजिस्ट्रेशन भी होगा अनिवार्य, जानें किस शहर में लागू हुआ कानून
दुकान से लाया, गले में पट्टा डाला और चल पड़े घुमाने…ये अब नहीं होगा…अब 10 पड़ोसियों की NOC होगी जरूरी और पंजीकरण भी अनिवार्य… डॉग बाइटिंग की घटनाओं को देखते हुए लिया गया बड़ा फैसला लिया है. इसे सिंगापुर से भी सख्त बनाया गया है. यानी कि अब दुकान से कुत्ता खरीदकर लाए और रख लिया ये नहीं चलेगा.
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देश में डॉग बाइटिंग विशेषकर रिहायशी सोसाइटीज में बढ़ते कुत्तों के हमलों ने आम लोगों को परेशान कर दिया है. आम तौर पर देखा गया है कि लोग आजकल कुत्ते पालने को शौक और स्टेटस सिंबल के तौर पर देख रहे हैं. यही शौक अब जानलेवा बनता जा रहा है. इसी को देखते हुए सूरत नगर निगम ने न सिर्फ कड़े नियम बनाए हैं बल्कि यू कहें तो बड़ी पहल की है.
सूरत नगर निगम (SMC) ने पालतू जानवरों, विशेष रूप से कुत्तों और बिल्लियों, को पालने के लिए एक नया और सख्त नियम लागू किया है. इस नियम के तहत, अब शहर के निवासियों को पालतू जानवर रखने के लिए अपने 10 पड़ोसियों और सोसाइटी से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) प्राप्त करना होगा. यह कदम पालतू जानवरों से संबंधित बढ़ती शिकायतों, जैसे शोर, गंदगी और हमलों, को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है.
क्या हैं नए नियम?
नए नियमों के अनुसार अब किसी भी नागरिक को कुत्ता पालने के लिए 10 पड़ोसियों और सोसायटी अध्यक्ष की लिखित सहमति या NOC लेनी होगी. यह नया नियम हाल ही में अहमदाबाद में एक चार महीने की बच्ची की कुत्ते के हमले में दर्दनाक मौत के बाद और सख्ती से लागू किया गया है. इसके बाद सूरत नगर निगम ने पालतू कुत्ते पालने के नियम और भी कड़े कर दिए हैं. अब यदि कोई व्यक्ति अपने पालतू कुत्ते के लिए लाइसेंस लेना चाहता है, तो उसे कई ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे.
इसके अलावा, आधार कार्ड की कॉपी, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद या किरायेदारी से संबंधित एग्रीमेंट, नोटरी से सत्यापित शपथपत्र, कुत्ते की फोटो और उसका वैक्सीनेशन रिकॉर्ड भी अनिवार्य रूप से जमा करना होगा. सूरत नगर निगम (SMC) के अनुसार यह नियम पहले से, यानी 2008 में ही, निगम की जनरल बॉडी द्वारा पारित किया गया था. लेकिन अब इसे गंभीरता से और सख्ती से लागू किया जा रहा है. यानी कि जानवरों का पंजीकरण अनिवार्य होगा, और बिना पंजीकरण के जानवर रखना दंडनीय अपराध माना जाएगा.
पंजीकरण के लिए ये दस्तावेज जरूरी: सूत्र
- 10 पड़ोसियों और सोसाइटी से NOC
- मालिक का आधार कार्ड
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीद
- किराए का समझौता (किराएदारों के लिए)
- नोटरी से हलफनामा
- पालतू जानवर का फोटो और वैक्सीनेशन प्रमाण
नगर निगम के इस नियम को लेकर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. कुछ निवासियों ने इसे स्वच्छता, सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए सही कदम बताया है. दूसरी ओर पेट ऑनर्स, उनके संगठनों ने इस नियम को अव्यावहारिक करार दिया है.
नगर निगम का जवाब
SMC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "पिछले कुछ वर्षों में पालतू जानवरों से संबंधित शिकायतें बढ़ी हैं. यह नियम इन समस्याओं को कम करने के लिए बनाया गया है. हम जल्द ही एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू करेंगे, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया आसान होगी."
वहीं सूरत जिले की Society for the Prevention of Cruelty to Animals (SPCA) के बोर्ड डायरेक्टर अशित गांधी ने इस नियम की वैधता पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि 10 पड़ोसियों और सोसायटी अध्यक्ष की NOC लेना कानूनी रूप से गलत है. SMC जिस नियम के आधार पर यह प्रक्रिया लागू कर रही है, वह असल में भैंसों को लेकर बनाए गए एक पुराने रेजोल्यूशन पर आधारित है.
विरोध में उतरे डॉग लवर्स
सूरत शहर में अब कई डॉग लवर्स इस फैसले के खिलाफ विरोध में उतर गए हैं. वे अब *जागरूकता सत्र और हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं. ये लोग अब SMC को ज्ञापन सौंप रहे हैं.
उनका कहना है कि पालतू कुत्तों की देखभाल, सफाई और वैक्सीनेशन ज़रूरी है, लेकिन इसके लिए एक असंगत और भेदभावपूर्ण कागजी प्रक्रिया लागू करना सही नहीं है. उनका तर्क है कि इससे जिम्मेदार लोगों को हतोत्साहित किया जा रहा है, जबकि असली समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा.
नए नियमों के तहत, पालतू जानवरों के मालिकों को जल्द से जल्द पंजीकरण कराना होगा, अन्यथा जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
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