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उदयपुर फाइल्स: कांवड़ यात्रा तक रिलीज रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

‘उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रिलीज कांवड़ यात्रा तक रोकने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद फिल्म की रिलीज से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचा था.शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

11 Jul, 2025
( Updated: 11 Jul, 2025
05:33 PM )
उदयपुर फाइल्स: कांवड़ यात्रा तक रिलीज रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

काफी दिनों से फिल्म उदयपुर फाइल्स चर्चाओं में बनी हुई है, ये फिल्म 11 जुलाई को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन फ़िलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फिल्म पर रोक लगा दी है. 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार
अब ‘उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रिलीज कांवड़ यात्रा तक रोकने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद फिल्म की रिलीज से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचा था. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर एक टिप्पणी दी. कहा, "पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट इस पर आदेश दे चुका है इसलिए इस मांग पर हम कोई सुनवाई नहीं करेंगे.”

इसलिए वकील ने दायर की थी याचिका 
वकील तशरीक अहमद ने कहा, “मैंने की थी कि इस फिल्म को कांवड़ यात्रा समाप्त होने तक रिलीज न किया जाए क्योंकि इसमें दो खास दृश्य हैं. इस दौरान असामाजिक तत्व सक्रिय रहते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस यात्रा के पवित्र उद्देश्य में कोई बाधा न आए. हम किसी समाज को दोष नहीं दे रहे हैं. अदालत ने याचिका पर सुनवाई नहीं की.”

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कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है
'उदयपुर फाइल्स' फिल्म शुक्रवार को ही रिलीज होनी थी. यह कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित है. 28 जून, 2022 को राजस्थान के उदयपुर में मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने मिलकर दर्जी कन्हैयालाल का गला रेत दिया था. इस हत्याकांड के बाद पूरे देश में आक्रोश देखा गया था. हालांकि कन्हैया लाल हत्याकांड के इर्द-गिर्द बनी इस फिल्म की रिलीज पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अस्थायी रूप से रोक लगाई.यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक केंद्र सरकार फिल्म को सेंसर बोर्ड से मिली मंजूरी के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर निर्णय नहीं ले लेती.

हाई कोर्ट ने लगाई फिल्म की रिलीज पर रोक
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ मामले में कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इन याचिकाओं में एक याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी दायर की थी. उन्होंने फिल्म को मिले सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) प्रमाणन को रद्द करने की मांग की थी.

इन याचिकाओं में कहा गया, "फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज से सांप्रदायिक तनाव भड़कने और सार्वजनिक व्यवस्था भंग होने की आशंका है, जिससे देश में धार्मिक सद्भाव का ताना-बाना गंभीर रूप से प्रभावित होगा.”  सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फिल्म पर अस्थायी रोक लगाने का आदेश दिया.

कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह निर्माता को सुनवाई का अवसर देकर एक सप्ताह के भीतर पुनर्विचार याचिकाओं पर निर्णय ले.यदि याचिका में अंतरिम राहत की मांग की गई हो, तो उस पर भी विचार कर निर्णय लिया जाए. 

क्यों विवादों में है फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’?
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ वर्ष 2022 में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है. ट्रेलर में नूपुर शर्मा के बयान, ज्ञानवापी विवाद और कुछ ऐसे दृश्य दिखाए गए हैं जिन्हें लेकर आरोप लगे हैं कि वे एक विशेष समुदाय को निशाना बनाते हैं. इसी आधार पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली, मुंबई और गुजरात हाईकोर्ट में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह फिल्म सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती है, वहीं फिल्म निर्माता दावा कर रहे हैं कि उनका उद्देश्य केवल सत्य को सामने लाना है.

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