एक्ट्रेस संध्या शांताराम का निधन, 'अरे जा रे हट...' गाने से पाई थी जबरदस्त लोकप्रियता
'अरे जा रे हट...' गाने से मशहूर हुईं दिग्गज एक्ट्रेस संध्या शांताराम का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है. अपने करियर में उन्होंने कई यादगार फिल्में दीं और 60-70 के दशक में बॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं. निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री और फैंस में शोक की लहर है.
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बॉलीवुड और मराठी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस संध्या शांताराम अब हमारे बीच नहीं रहीं. उन्होंने शुक्रवार रात मुंबई में आखिरी सांस ली. संध्या अपने पति और दिग्गज फिल्ममेकर वी. शांताराम की कई सुपरहिट फिल्मों की हीरोइन थीं. उनका असली नाम विजया देशमुख था और वो 1950-60 के दशक की टॉप एक्ट्रेस में से एक थीं. उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी और उनके शानदार करियर के बारे में.
संध्या शांताराम की शुरुआती जिंदगी और फिल्मों में एंट्री
संध्या का जन्म महाराष्ट्र में एक आम परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की. 1952 में वी. शांताराम की मराठी फिल्म 'अमर भोपाली' के लिए अखबार में छपे एक विज्ञापन को देखकर ऑडिशन दिया. शांताराम उनकी आवाज और एक्टिंग से इतने इंप्रेस हुए कि उन्हें फिल्म में ले लिया. ये फिल्म संध्या के लिए बड़ा ब्रेक साबित हुई. बाद में वो शांताराम की पत्नी बनीं और उनकी कई फिल्मों में लीड रोल किए. उनके पति से उम्र में 37 साल का फर्क था, लेकिन उनकी जोड़ी 1990 में शांताराम के निधन तक बनी रही.
हिट फिल्में और यादगार रोल
संध्या ने वी. शांताराम की कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. 1955 की 'झनक झनक पायल बाजे' में उनके डांस ने सबको हैरान कर दिया. 1957 की 'दो आंखें बारह हाथ' और 1959 की 'नवरंग' में उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ हुई. मराठी सिनेमा में 1972 की 'पिंजरा' उनकी सबसे मशहूर फिल्म रही. 1961 की हिंदी फिल्म 'स्त्री' में उन्होंने बिना स्टंट डबल के असली शेरों के साथ सीन शूट किए, जो उस जमाने में बहुत बड़ी बात थी. उनके डांस और एक्टिंग का स्टाइल आज भी लोग याद करते हैं. उन्होंने कुल 20 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
'अरे जा रे हट...' गाने की धूम
संध्या को सबसे ज्यादा पहचान मिली 1959 की फिल्म 'नवरंग' के गाने 'अरे जा रे हट नटखट चंचल शैतान...' से, जिसे लता मंगेशकर ने गाया था. इस गाने में संध्या के डांस और एक्सप्रेशंस ने दर्शकों को दीवाना बना दिया. आज भी ये गाना यूट्यूब पर करोड़ों बार देखा जाता है और इसे क्लासिक माना जाता है. इस गाने ने संध्या को हर घर में मशहूर कर दिया और उनकी कला को अमर बना दिया.
निधन और अंतिम संस्कार
संध्या शांताराम का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ. वो काफी समय से बीमार थीं और मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती थीं. उनके परिवार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम मुंबई के शिवाजी पार्क श्मशान घाट पर होगा. उनके दो बच्चे हैं – बेटी मधु और बेटा किरण शांताराम, जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हैं. इंडस्ट्री के कई लोग उनके घर श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं.
फिल्म इंडस्ट्री में शोक, दी जा रही श्रद्धांजलि
संध्या के निधन से बॉलीवुड और मराठी सिनेमा में शोक की लहर है. अनिल कपूर ने ट्वीट किया, "संध्या जी की फिल्में हमेशा जिंदा रहेंगी. " मधुर भंडारकर ने कहा कि वो भारतीय सिनेमा की शान थीं. वी. शांताराम प्रोडक्शंस ने उनके लिए एक श्रद्धांजलि सभा रखने का ऐलान किया है. उनकी फिल्मों का स्पेशल टेलीकास्ट डीडी नेशनल पर होगा. लोग उन्हें सोशल मीडिया पर भी याद कर रहे हैं. संध्या शांताराम का जाना भारतीय सिनेमा के लिए बड़ा नुकसान है. उनकी फिल्में और उनका जादू हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेगा. उनके परिवार और फैंस के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं.
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संध्या शांताराम का गाना 'अरे जा रे हट नटखट' कई कारणों से खास माना जाता है. इस गाने में जिस तरह से संध्या शांताराम ने काम किया था, उसे देखकर फिल्म के डायरेक्टर और उनके पति वी.शांताराम एक्ट्रेस से इंप्रेस हुए थे. इसमें वो असली हाथी और घोड़े के साथ नाची थीं जिसे देखकर डायरेक्टर काफी खुश हुए थे. संध्या ने इस गाने की कोरियोग्राफी भी खुद की थी. उन्होंने असली जानवरों के बीच इस गाने को परफॉर्म किया था, जिसमें काफी जोखिम भी शामिल था. लेकिन एक्ट्रेस ने निडर होकर सभी के सामने अच्छे एक्सप्रेशन के साथ इसमें काम किया. संध्या शांताराम का योगदान भले ही आज की पीढ़ी नहीं जानती, मगर उनका काम हर वक्त हमारे बीच मौजूद रहेगा. उनपर फिल्मी लवर्स अपना प्यार बरसाते रहेंगे.
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