Mothers’ Day: मां निर्मल कपूर को याद कर इमोशनल हुए बोनी कपूर, 'हैलो' से 'अलविदा' तक का सफर
बोनी कपूर ने इंस्टाग्राम पर अपनी मां को भावुक श्रद्धांजलि देते हुए कई तस्वीरें साझा कीं. पहली तस्वीर उनकी काफी पुरानी है, जिसमें उनका बचपना नजर आ रहा है. फोटो में वो मां के बगल में बैठे हुए पूजा करते नजर आ रहे हैं. दूसरी तस्वीर अस्थि विसर्जन की थी. बाकी तस्वीरों में भी गंभीरता और भावुकता है.

'मां' शब्द गहरा और भावनाओं से भरा है. मां की ममता सिर्फ लोरी तक सीमित नहीं होती, वो हर दर्द को अपने आंचल में छुपा लेती है. मां की दुआएं और बिना स्वार्थ वाला प्यार... ये सब जिंदगी का ऐसा खजाना हैं जो वक्त के साथ और अनमोल होता जाता है. लेकिन जब यही मां हमेशा के लिए दुनिया से विदा लेती है तो वो खालीपन कभी भर नहीं पाता. मदर्स डे पर फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने अपनी दिवंगत मां निर्मल कपूर को कुछ इन्हीं शब्दों के साथ याद किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी मां की एक पुरानी तस्वीर साझा की.
मदर्स डे पर मां को याद कर इमोशनल हुए बोनी कपूर!
बोनी कपूर ने इंस्टाग्राम पर अपनी मां को भावुक श्रद्धांजलि देते हुए कई तस्वीरें साझा कीं. पहली तस्वीर उनकी काफी पुरानी है, जिसमें उनका बचपना नजर आ रहा है. फोटो में वो मां के बगल में बैठे हुए पूजा करते नजर आ रहे हैं. दूसरी तस्वीर अस्थि विसर्जन की थी. बाकी तस्वीरों में भी गंभीरता और भावुकता है.
इन तस्वीरों को शेयर करते हुए बोनी कपूर ने कैप्शन में लिखा, "मां, आप मेरी सबसे पसंदीदा 'हैलो' थीं और सबसे मुश्किल 'अलविदा" इसके साथ उन्होंने मदर्स डे और हैप्पी मदर्स डे जैसे हैशटैग्स भी जोड़े.
नहीं रहीं बोनी- अनिल कपूर की मां!
बता दें कि निर्मल कपूर का दो मई को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में 90 साल की उम्र में निधन हो गया था. उनका अंतिम संस्कार तीन मई को पवन हंस श्मशान घाट पर किया गया, उनके निधन से पूरा परिवार टूट सा गया. पूरा परिवार उनको कितना मिस कर रहा है, ये उनके पोते-पोतियों की पोस्ट से भी जाहिर होता है.
दादी को याद कर क्या बोले अर्जुन कपूर!
अर्जुन कपूर ने अपनी दिवंगत दादी निर्मल कपूर को याद करते हुए लिखा, "मैं खुशनसीब और आभारी हूं कि अपने दादा-दादी के बीच पला-बढ़ा. मैंने दादी को अस्पताल में अलविदा कहा था, ऐसा लगा जैसे मेरे बचपन का एक हिस्सा और मेरी जिंदगी उनके साथ चली गई... जिंदगी में जितने भी उतार-चढ़ाव आए, दादा-दादी ने हमें हर हाल में प्यार बांटने और खुश रहने की ही बात कही. उम्र एक क्रूर मालकिन की तरह है, जो हमें जिंदगी के किसी मोड़ पर सीमित कर देती है, लेकिन दादी मेरे लिए बचपन से बड़े होने तक हमेशा वैसी ही रहीं. वो हमेशा हमें प्यार से खाना खिलातीं और हमारी चिंता करती रहती थीं... अब वो नहीं हैं... लेकिन मुझे लगता है कि उनके 4 बच्चों और हम सभी पोते-पोतियों के जरिए उनकी विरासत जिंदा रहेगी. जब भी पूरा परिवार किसी त्योहार, दावत या कार्यक्रम के लिए जुटेगा तो हमें उनकी बहुत याद आएगी. लव यू दादी... आपका प्यारा पोता अर्जन (वो हमेशा मेरा नाम ऐसे ही कहती थीं)"