Advertisement

‘Dhurandhar’ के गानों का बड़ा खुलासा: टाइटल ट्रैक से ‘कारवां’ तक, जानिए कौन-से रीमेक हैं हिट सॉन्ग्स

क्या आप जानते हैं कि फिल्म Dhurandhar के दो गाने और टाइटल ट्रैक असल में पुराने मशहूर गानों के रीमेक हैं, जिन्हें नए म्यूजिक, बीट्स और सिंगर्स के साथ पेश किया गया है?

10 Dec, 2025
( Updated: 10 Dec, 2025
02:47 PM )
‘Dhurandhar’ के गानों का बड़ा खुलासा: टाइटल ट्रैक से ‘कारवां’ तक, जानिए कौन-से रीमेक हैं हिट सॉन्ग्स

रणवीर सिंह की फिल्म 'Dhurandhar' बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ दर्शकों के दिलों पर भी छा चुकी है. फिल्म के सभी किरदारों ने फैंस को फिल्म देखने के लिए मजबूर कर दिया है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अक्षय खन्ना के रहमान डकैत के किरदार की हो रही है. 

टाइटल ट्रैक -‘ना दे दिल परदेसी ना’ 

इसी के साथ फिल्म के गाने और टाइटल ट्रैक भी दर्शकों को पसंद आ रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म के दो गाने और फिल्म का टाइटल पुराने गानों के रीमेक हैं, जिन्हें नए म्यूजिक और सिंगर्स के साथ बनाया गया है?

पहले बात करते हैं फिल्म के टाइटल ट्रैक की. फिल्म का टाइटल "ना दे दिल परदेसी ना" को बहुत पसंद किया जा रहा है, लेकिन इस गाने को ऑरिजनली पंजाब की लोक गायिका रंजीत कौर और मो. सादिक ने गाया है, और ये गाना प्यार में मिलने वाले दुख को दिखाता है, लेकिन बीट के हेरफेर के साथ और नए सिंगर्स की आवाज के साथ गाने का स्वरुप बदल दिया गया, लेकिन लिरिक्स पुराने ही रहे. इसका ऑरिजनल वर्जन 1995 में आया था.

रणवीर सिंह का गाना - ‘कारवां’

रणवीर सिंह पर फिल्माए गए गाने 'कारवां' को खूब पसंद किया जा रहा है और उनके किरदार की पर्सनैलिटी के हिसाब से भी गाना लाजवाब है, लेकिन इस गाने की जड़े पाकिस्तान से जुड़ी हैं. पहले इस गाने के कव्वाली वर्जन को 1960 में आई फिल्म 'बरसात की रात' में फिल्माया गया. कव्वाली को मन्ना डे, एस.डी. बातिश, आशा भोसले, सुधा मल्होत्रा ​​और कोरस ने मिलकर बनाया था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गाना 40 से 50 के दशक में मुबारक अली और फतेह अली खान ने गाया था और फिर बाद में हिंदी सिनेमा ने इस गाने को अलग रूपांतरण के साथ फिल्माया.

अक्षय खन्ना का गाना -‘एफए9एलए’

यह भी पढ़ें

अब बात करते हैं फिल्म के दूसरे गाने 'एफए9एलए' की. यह गाना अक्षय खन्ना पर फिल्माया गया है, जिसमें वे खुले हाथों के साथ झूमते हुए पार्टी का मजा लेते हैं. पहले तो इस गाने की तुलना 'एनिमल' के 'जमाल कुडू' से की गई, लेकिन असल में ये अरबी गाना है, जिसे बहरीन अरबी भाषा के साथ गाया गया है. बहरीन अरबी भाषा एक क्षेत्रीय भाषा है, जिसकी झलक इस गाने में देखने को मिलती है. इस गाने को सबसे पहले रैपर फ्लिपराच्ये ने गाया था. उनका असली नाम हुसम असीम है, लेकिन उनके गानों की वजह से उन्हें ये नाम दिया गया. गाने का ऑरिजनल वर्जन साल 2015 में रिलीज किया गया था.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें