Advertisement

Dhurandhar Movie Review: धमाकेदार है रणवीर सिंह की फिल्म, एक्शन और देशभक्ति से है भरपूर, जानें कौन है असली धुरंधर

रणवीर सिंह की फिल्म धुरंधर थियेटर्स पर रिलीज़ हो गई है. डायरेक्टर आदित्य धर की यह फिल्म किसी तूफान की तरह दर्शकों पर असर छोड़ती है, जो तेज, दमदार और पूरी तरह हिलाकर रख देने वाला हो. यह सिर्फ एक स्पाई-थ्रिलर नहीं बल्कि एक ऐसा सिनेमाई अनुभव है जिसे लोग लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे.

05 Dec, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
05:21 PM )
Dhurandhar Movie Review: धमाकेदार है रणवीर सिंह की फिल्म, एक्शन और देशभक्ति से है भरपूर, जानें कौन है असली धुरंधर

धुरंधर मूवी रिव्यू
कलाकार: रणवीर सिंह, संजय दत्त, अक्षय खन्ना, आर. माधवन, अर्जुन रामपाल, सारा अर्जुन, राकेश बेदी
डायरेक्टर/लेखक: आदित्य धर
रेटिंग: 4.5 स्टार

'धुरंधर' इस साल की उन कुछ फिल्मों में शामिल हो गई है जिसने सिनेमाघरों में आते ही माहौल बदल दिया. डायरेक्टर आदित्य धर की यह फिल्म किसी तूफान की तरह दर्शकों पर असर छोड़ती है, जो तेज, दमदार और पूरी तरह हिलाकर रख देने वाला हो. यह सिर्फ एक स्पाई-थ्रिलर नहीं बल्कि एक ऐसा सिनेमाई अनुभव है जिसे लोग लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे. फिल्म भारतीय जज्बे को अंतरराष्ट्रीय स्तर की भव्यता के साथ जोड़ती है और दिखाती है कि कैसे एक बड़े पैमाने की कहानी भी दिल के बहुत करीब हो सकती है. आदित्य धर ने इस फिल्म के जरिए फिर साबित कर दिया है कि वे उन कुछ निर्देशकों में से हैं जो विशाल कैनवास पर काम करते हुए भी कहानी की भावनाओं और किरदारों को प्राथमिकता देते हैं.

क्या है फिल्म की कहानी?

फिल्म की कहानी असली घटनाओं से प्रेरित है, जिनमें आईसी-814 हाईजैक और 2001 का संसद हमला शामिल हैं. कहानी इन घटनाओं को सिर्फ संदर्भ के तौर पर नहीं दिखाती, बल्कि उन राजनीतिक और खुफिया हलचलों को भी सामने लाती है, जो उस समय देश के भीतर चल रही थीं. शुरुआत से ही फिल्म किसी सीन को खींचती नहीं और तेजी से अपने मूल विषय पर आती है. आर. माधवन द्वारा निभाया गया आईबी चीफ अजय सान्याल का किरदार फिल्म का आधार है. उनका सधा हुआ अभिनय, भारी व्यक्तित्व और संवाद अदायगी हर सीन में अलग चमक लाती है. उनकी मौजूदगी ही कहानी में तनाव, विश्वसनीयता और गंभीरता का एहसास दिलाती है.

फिल्म का एक अहम हिस्सा वह आर्काइव फुटेज है, जिसे बहुत प्रभावशाली ढंग से इस्तेमाल किया गया है. 9/11 जैसी विश्व स्तरीय घटनाओं की झलकियों के साथ आतंकियों की बातचीत और योजनाओं की ऑडियो क्लिप कहानी को बेहद वास्तविक और डरावना बना देती है. यह सीक्वेंस दर्शकों में देशभक्ति की भावना जगाता है. फिल्म बड़ी घटनाओं के माध्यम से यह याद दिलाती है कि भारत किन परिस्थियों में अपनी रणनीति और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करता आया है. इस तरह फिल्म दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सोचने के लिए प्रेरित करती है. 

रणवीर ने दिया करियर का सबसे प्रभावशाली अभिनय

रणवीर सिंह इस फिल्म में अपने करियर का सबसे प्रभावशाली अभिनय लेकर आए हैं. उनका किरदार हमजा एक ऐसा युवा है जो अतीत में हुई घटनाओं के दर्द को लेकर जी रहा है, उसमें बहुत गुस्सा है. कहानी दिखाती है कि कैसे वह एक असुरक्षित, भावनात्मक स्थिति में जी रहे युवक से धीरे-धीरे एक खतरनाक अंडरवर्ल्ड ऑपरेटिव बनता है. यह बदलाव कई परतों में दिखाया गया है, और रणवीर ने इसे इतनी बारीकी और मजबूती से निभाया कि हर सीन में उनका प्रभाव कहीं अधिक बढ़ जाता है. उनका गुस्सा और भावनाएं स्क्रीन पर वास्तविक महसूस होती हैं. खासकर फिल्म के दूसरे हाफ में, वह पूरी तरह कहानी का पर्याय बन जाते हैं।

दमदार अभिनय 

सह-कलाकारों की बात करें तो हर चेहरे पर किरदार का प्रभाव साफ दिखता है. अक्षय खन्ना शायद ही किसी फिल्म में इतने खतरनाक और शातिर विलेन की भूमिका में दिखे हों, जितने वे इस फिल्म में नजर आए हैं. उनका डर, सोच-समझकर बोलना और हर पल कुछ बड़ा प्लान करने वाला रवैया उन्हें बेहद यादगार बनाता है. संजय दत्त फिल्म के सबसे दमदार किरदारों में से एक हैं, जो अपने टकराव वाले अंदाज से कहानी में जंग का अहसास लाते हैं. अर्जुन रामपाल अपने शांत लेकिन खतरनाक व्यक्तित्व से कहानी में और तनाव भरते हैं. वहीं सारा अर्जुन, जो इस फिल्म से डेब्यू कर रही है, काफी परिपक्व नजर आती हैं. हर कलाकार की मेहनत इस बात से साबित होती है कि किसी भी सीन में कोई भी किरदार कमजोर नहीं लगता. सभी मिलकर कहानी को असली बनाते हैं. 

कमाल है फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक 

अगर फिल्म की गति, संपादन और संगीत की बात की जाए तो ये इसके सबसे मजबूत स्तंभ हैं. लगभग 214 मिनट की लंबी फिल्म होने के बावजूद दर्शक कहीं भी उबाऊ महसूस नहीं करते. हर सीन कहानी को आगे लेकर जाता है और हर मोड़ पर कुछ नया जुड़ता है. बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म में जान डालने का काम करता है. कहीं डर, कहीं रहस्य, कहीं गुस्सा और कहीं देशभक्ति, यह हर सीन की भावना को और गहरा बना देता है. कई लोग इसे साल का नहीं बल्कि दशक का सबसे प्रभावी साउंडट्रैक मान सकते हैं.  संगीत की वजह से फिल्म की थ्रिलर शैली कई गुना प्रभावशाली हो जाती है. 

फिल्म का दूसरा हाफ जानदार है

फिल्म हिंसा पर ज्यादा निर्भर नहीं करती, हालांकि तीन सीक्वेंस ऐसे हैं जो काफी तीखे हैं और अपनी जगह पूर्णतः सही लगते हैं.  बाकी कहानी में असली तनाव किरदारों की भावनाओं, उनके फैसलों और राजनीतिक साजिशों से पैदा होता है.  पहला हाफ दुनिया को सेट करता है और इंटरवल दर्शकों को इतनी गहरी झकझोर देता है कि वे दूसरा हाफ देखने को और उत्सुक हो जाते हैं. इंटरवल के बाद राजनीतिक चालें, सत्ता समीकरण और हमजा की बढ़ती ताकत कहानी को और जटिल और दिलचस्प बनाती हैं. हमजा की अंडरवर्ल्ड यात्रा, उसके रिश्ते और उसकी रणनीति फिल्म को दूसरे भाग की ओर बहुत मजबूती से ले जाती है. 

तकनीकी और विजुअल रूप बढ़िया है फिल्म

ज्योति देशपांडे, लोकेश धर और आदित्य धर ने प्रोडक्शन में कोई कसर नहीं छोड़ी. बड़े सेट, रियल लोकेशन, दमदार एक्शन और शानदार कलाकारों की मौजूदगी फिल्म की भव्यता दिखाती है. बी62 स्टूडियोज और जियो स्टूडियोज ने इस प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर सपोर्ट किया, जिसके कारण यह फिल्म तकनीकी और विजुअल रूप से भारतीय सिनेमा का नया स्तर पेश करती है.

साल की सबसे मजबूत फिल्मों में बनाई जगह 

'धुरंधर' एक ऐसा अनुभव है जो भारतीय स्पाई-थ्रिलर शैली को नई दिशा देता है. डायरेक्टर आदित्य धर ही फिल्म के असली धुरंधर हैं, जिनकी समझ और रणवीर सिंह का उग्र, भावनात्मक और शक्तिशाली अभिनय फिल्म को साल की सबसे मजबूत फिल्मों में जगह देता है. कहानी जहां खत्म होती है.

यह भी पढ़ें

वहीं से दूसरे पार्ट के लिए उत्सुकता शुरू हो जाती है. यह फिल्म दर्शकों को सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि एक गहरी, सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी भी देती है, और यही इसे खास बनाती है. 

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें