बर्थडे स्पेशल: 'चुलबुली' आयशा जुल्का की कहानी, 'कुर्बान' से मिली पहचान, 'दलाल' का रहा पछतावा
बॉलीवुड में 90 के दशक की जब भी बात होती है, तो एक ऐसा चेहरा ज़रूर याद आता है जिसकी मासूम मुस्कान, चुलबुली अदाएं और सादगी ने लाखों दिलों को जीत लिया-आयशा जुल्का. आज उनका जन्मदिन है और यह मौका उनके फिल्मी सफर को याद करने का है — एक ऐसा सफर जिसमें सफलता भी थी, ग्लैमर भी, लेकिन कुछ अफसोस भी.
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बॉलीवुड में 90 के दशक की जब भी बात होती है, तो एक ऐसा चेहरा ज़रूर याद आता है जिसकी मासूम मुस्कान, चुलबुली अदाएं और सादगी ने लाखों दिलों को जीत लिया — आयशा जुल्का. आज उनका जन्मदिन है और यह मौका उनके फिल्मी सफर को याद करने का है — एक ऐसा सफर जिसमें सफलता भी थी, ग्लैमर भी, लेकिन कुछ अफसोस भी.
'कुर्बान' से मिली पहली बड़ी पहचान
आयशा जुल्का ने अपने करियर की शुरुआत 1990 में फिल्म 'Kaise Kaise Log' से की, लेकिन उन्हें असली पहचान मिली 1991 में रिलीज़ हुई 'कुर्बान' से. सलमान खान के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने न सिर्फ पसंद किया बल्कि फिल्म को भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिला. इस फिल्म में आयशा ने एक मासूम और भावुक लड़की का किरदार निभाया, जो दर्शकों के दिलों में उतर गया. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस और नैचुरल एक्टिंग ने उन्हें रातों-रात लोकप्रियता दिला दी.
जो जीता वही सिकंदर' ने बना दिया स्टार
अगर आयशा जुल्का की सबसे यादगार फिल्मों की बात करें, तो 'जो जीता वही सिकंदर' (1992) का नाम सबसे ऊपर आता है. आमिर खान के साथ उनकी केमिस्ट्री, फिल्म के गाने और स्कूल-कॉलेज वाली सेटिंग ने इसे यूथ की ऑल-टाइम फेवरेट फिल्म बना दिया. इस फिल्म में अंजलि के रोल में आयशा एक सपनों से भरी लड़की थीं, जो सच्चे प्यार में यकीन रखती है. उनकी सादगी और भावुकता ने इस किरदार को क्लासिक बना दिया. यह वही फिल्म थी जिसने उन्हें बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेज़ की कतार में ला खड़ा किया.
'दलाल' में निभाया बोल्ड रोल, जिसे लेकर आज भी है पछतावा
1993 में आयशा ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ फिल्म 'दलाल' की. यह फिल्म व्यावसायिक रूप से तो हिट रही लेकिन आयशा के लिए यह फिल्म मलाल बन गई. उन्होंने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि उन्हें स्क्रिप्ट की पूरी जानकारी नहीं थी और जब उन्हें फिल्म के कुछ सीन्स के बारे में पता चला, तो वह बहुत असहज हो गईं. उन्होंने कहा था – "मुझे नहीं पता था कि फिल्म में मेरा किरदार इस तरह से प्रस्तुत किया जाएगा." इस फिल्म ने उनके मासूम और साफ-सुथरी छवि पर धब्बा लगा दिया, जिसे उन्होंने कभी पसंद नहीं किया.
करियर की रफ्तार धीमी, फिर खुद को फिल्मों से किया दूर
90 के दशक के मध्य तक आयशा ने कई फिल्में कीं — Balmaa, Waqt Ka Sikandar, Rang, Sangram, और कई मल्टीस्टारर प्रोजेक्ट्स — लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने फिल्मों से दूरी बनानी शुरू कर दी. उनका झुकाव निजी जीवन और बिजनेस की ओर बढ़ने लगा. उन्होंने बिजनेसमैन समीर वाशी से शादी की और फिल्मी दुनिया से खुद को अलग कर लिया. उनका यह निर्णय काफी शांतिपूर्ण था, और उन्होंने ग्लैमर वर्ल्ड से दूर रहकर एक प्राइवेट लाइफ को चुना.
अब हैं सक्सेसफुल बिजनेसवुमन, लेकिन फैंस के दिलों में अब भी जिंदा है वो मासूम चेहरा
आज आयशा फिल्मों से भले ही दूर हैं, लेकिन उन्होंने अपनी दूसरी पारी को बिजनेस वर्ल्ड में बहुत खूबसूरती से संवारा है. वे एक सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर हैं और समाजसेवा से भी जुड़ी हुई हैं. वो मीडिया की चकाचौंध से दूर रहती हैं, लेकिन जब भी उनके पुराने गाने या फिल्में टीवी या सोशल मीडिया पर आती हैं, तो दर्शक आज भी वही प्यार महसूस करते हैं. उनका नाम 90 के दशक की उस एक्ट्रेस के तौर पर लिया जाता है, जिसने बिना ज्यादा शोर मचाए लोगों के दिलों में जगह बनाई.
मासूमियत से भरी एक कहानी, जिसमें सफलता भी है और सच्चाई भी
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आयशा जुल्का का सफर हमें बताता है कि कैसे एक कलाकार सफलता के साथ-साथ आत्म-सम्मान और आत्म-विश्लेषण को भी महत्व देता है. उन्होंने फिल्मों में कामयाबी पाई, लेकिन जब उन्हें लगा कि कोई रोल उनके मूल्यों के खिलाफ है, तो उन्होंने पीछे हटने में संकोच नहीं किया. आज उनके जन्मदिन पर फैंस उन्हें उनके उसी मासूम और सच्चे व्यक्तित्व के लिए याद कर रहे हैं.
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