आखिर 10 दिनों तक ही क्यों मनाया जाता है गणेश चतुर्थी का त्यौहार? क्या है महर्षि वेदव्यास से कनेक्शन, जानें दिलचस्प कहानी
गणेश चतुर्थी का पर्व जीवन में एक नई शुरुआत लेकर 27 अगस्त को आने वाला है. इस दौरान बप्पा की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है, पूरे 10 दिनों तक उनकी कृपा पाने के लिए उनकी सेवा की जाती है.
Follow Us:
इस बार भी गणेश चतुर्थी का पर्व जीवन में एक नई शुरुआत लेकर 27 अगस्त को आने वाला है. इस दौरान बप्पा की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है, पूरे 10 दिनों तक उनकी कृपा पाने के लिए उनकी सेवा की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमेशा गणेश चतुर्थी का त्यौहार 10 दिनों तक ही क्यों मनाया जाता है. आखिर इसके पीछे कौनसी पौराणिक कथा छिपी है? आइए जानते हैं…
भगवान गणेश और शिव से जुड़ी पौराणिक कथा
गणेश महोत्सव 10 दिनों तक मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी है, दरअसल स्नान करने से पहले मां पार्वती ने अपने मैल से एक सुंदर बालक की मूर्ति बनाकर उसमें प्राण डालकर उसे जीवित कर दिया और उस बालक से कहा कि मेरे स्नान करने तक कोई अंदर न आने पाएं. उसके बाद जब शिव वहां आए तो बालक ने भगवान शिव को अंदर जाने से रोक दिया. बाल गणेश तो अपने आदेश का पालन कर रहे थे लेकिन भगवान शिव ने इसे एक अपमान के रूप में ले लिया और क्रोध में आकर भगवान गणेश का ही सिर काट दिया. जब मां पार्वती ने अपने पुत्र का कटा सिर देखा तो वह बहुत दुखी हुई और भगवान शिव से गणेश को जीवित करने की प्रार्थना की. तब भगवान शिव ने अपने गणों को आदेश देते हुए किसी ऐसे प्राणी का सिर लाने के लिए कहा जो उत्तर दिशा में सबसे पहले दिख जाए. भगवान शिव के गण हाथी के बच्चे का सिर काटकर ले आए. जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें ज्ञान, सफलता और विवेक का वरदान दिया. माता पार्वती ने उन्हें संसार की समस्त माताओं का स्नेह प्राप्त करने का वरदान दिया. भगवान विष्णु ने उन्हें हर शुभ कार्य में सबसे पहले पूजे जाने का वरदान दिया. भगवान ब्रह्मा ने वरदान दिया कि गणेश जी विद्या, बुद्धि में सर्वश्रेष्ठ होंगे और इंद्र, वरुण, कुबेर ने वरदान दिया कि भगवान गणेश की पूजा करने वाले व्यक्ति जीवन में हमेशा सुख प्राप्त करेंगे. इन्हीं वरदानों के कारण उनकी पूजा 10 दिनों तक की जाती है.
यह भी पढ़ें
आखिर क्यों 10वें दिन होता है गणेश जी का विसर्जन?
इसके अलावा भगवान गणेश से जुड़ी एक और मान्यता दुनिया भर में प्रचलित है कि भगवान गणेश ने दस दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखी थी. दरअसल जब वेद व्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत लिखने की प्रार्थना की तो भगवान गणेश ने पूरे 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत को लिखा था, जिसके बाद उनके शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया था इसलिए वेद व्यास जी ने 10वें दिन उन्हें नदी में स्नान करवाया था. इसलिए भी ये उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें