संतान सप्तमी के दिन करें इस शुभ मुहूर्त पर पूजा-अर्चना, इन मंत्रों के जाप से मिलेगा संतान का सुख
सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत रखे जाते हैं, हर व्रत का अपना एक अलग उद्देश्य और अलग महत्व होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि संतान सप्तमी का व्रत भी संतान प्राप्ति के लिए बेहद ही खास होता है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति में आ रही दिक्कतों से निजात मिलती है.
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हिन्दू धर्म में संतान सप्तमी का व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण होता है. यह व्रत मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है. कई महिलाएं इस व्रत को अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए रखती हैं तो कई महिलाएं इसे संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को जो भी महिला रखती है उसकी संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है. लेकिन अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर इस व्रत को रखने का शुभ मुहूर्त क्या है? इस दौरान किस विधि से पूजा अर्चना करनी चाहिए? साथ ही किन मंत्रों के जाप से मां पार्वती को खुश किया जा सकता है? जानिए…
संतान सप्तमी व्रत का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार संतान सप्तमी का शुभ मुहूर्त 29 अगस्त रात 08 बजकर 21 मिनट से लेकर 30 अगस्त रात 10 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसे में 30 अगस्त को ही संतान सप्तमी का व्रत रखा जायेगा. इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त भी सुबह 11 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहने वाला है.
किस तरह करें पूजा अर्चना?
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त हो जाएं.
- शिव पार्वती के पूरे परिवार को लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें.
- सूर्य देव को जल का अर्घ देकर नमन करें.
- मंदिर में जाकर व्रत का संकल्प लें.
- मंदिर में एक कलश में जल भरकर उसके ऊपर आम के पत्ते रखें.
- इसके बाद घी का दीया जलाकर मंदिर में लाल और पीले रंग के फूल चढ़ाएं.
- पान, सुपारी और चावल चढ़ाना न भूलें.
- अपने हाथ का बनाया हुआ मीठे प्रसाद का भोग लगाएं.
- इस दौरान संतान सप्तमी व्रत की कथा का पाठ भी जरूर करें.
- और अंत में मां पार्वती और भगवान शिव से माफी मांगकर पूजा का समापन करें.
- पूजा से बचा हुआ प्रसाद सभी भक्तों और परिवार जनों में बांट दें.
किन मंत्रों के जाप से प्राप्त होगी शिव पार्वती की कृपा
इस दिन आप अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ का जाप जरूर करें.
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इसके अलावा आप ॐ नमः पार्वतीपतये हर हर महादेव
मंत्र का जाप भी जरूर करें. यह मंत्र आपके ईश्वर के साथ आपके आंतरिक रिश्तों को मजबूत करने में मदद करेगा. लेकिन मंत्रों के जाप के बाद आप अपनी इच्छा को ईश्वर के साथ भी साझा करें.
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