प्रभु जगन्नाथ की चौखट से पीएम मोदी के हाथ आया सोने का भण्डार!
चारों तरफ सोना ही सोना. प्रभु जगन्नाथ की धरती पुरी से निकल रहा है कुबेर का खजाना. जिसकी रक्षा आज भी दशानन रावण की कुलदेवी करती हैं. अबकी बार प्रभु के गढ़ से इतना सोना मिला है कि दौलतमंदों की चमक भी फीकी पड़ जाए. धरती का बैकुंठ लोक पुरी, जहां बसते हैं नाथों के नाथ प्रभु जगन्नाथ. रथ यात्रा हो या मंदिर की परंपरा, हर क्षण यहां होते हैं चमत्कार. अब इन्हीं रहस्यों और आस्थाओं के बीच सोने के भंडार ने सबको हैरान कर दिया है.
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चारों तरफ सोना ही सोना. सोना उगलती जमीन. सोने के भंडार. ये सब कुछ हो रहा है नाथों के नाथ प्रभु जगन्नाथ की धरती पर, जिसकी रक्षा आज भी दशानन रावण की कुलदेवी कर रही हैं. अबकी बार प्रभु जगन्नाथ के गढ़ से इतना सोना मिला है, जिसके आगे दौलतमंदों की चमक भी फीकी पड़ जाए. प्रभु जगन्नाथ की चौखट कुबेर का खजाना और रावण की कुलदेवी का रक्षा कवच. क्या है ये पूरा मामला, इसी पर देखिए आज की हमारी ये रिपोर्ट.
धरती का बैकुंठ लोक. हिंदुओं का सबसे बड़ा तीर्थ. चमत्कारों और रहस्यों का केंद्र उड़ीसा का पुरी शहर, जहां बसते हैं नाथों के नाथ प्रभु जगन्नाथ. हर साल, हर दिन, हर क्षण पुरी के इसी जगन्नाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों का मेला लगता है और इसी मेले में होते हैं आंखों देखे चमत्कार. जगन्नाथ रथ यात्रा अनादि काल से निकाली जा रही है. मंदिर की परंपरा का सबसे अहम हिस्सा है. जिस कारण इस रथ यात्रा में रथ को खींचने का सौभाग्य जिस किसी को प्राप्त हुआ, समझो उसी क्षण उसे अपने तमाम पापों से मुक्ति मिल गई.
जो लोग प्रभु जगन्नाथ की कृपा से अछूते हैं, उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि 800 साल पुराना पुरी का जगन्नाथ मंदिर जितना चमत्कारी है, उतना ही रहस्यमय भी है. धरती का ये इकलौता बैकुंठ लोक है, जहां भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के संग विराजते हैं. धर्म ग्रंथों में कहा गया है– बद्रीनाथ में भगवान विष्णु ने स्नान किया. द्वारका में कपड़े बदले. पुरी में भोजन किया और फिर रामेश्वर में विश्राम किया. मंदिर से जुड़ी जितनी कहानियां हैं, उतनी परंपराएं भी. प्रभु जगन्नाथ की इसी हिस्ट्री-मिस्ट्री के बीच सोना मिलने की खबर जैसे ही सामने आई, दुनिया की आंखें चौंधिया गईं. समूचा ओड़िशा जगन्नाथ पुरी धाम से पहचाना जाता है और आज इसी ओड़िशा में 6 सोने की बड़ी-बड़ी खदान मिली हैं. इन खदानों से 20 मैट्रिक टन सोना मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
दरअसल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ओड़िशा के छह जिलों– देवगढ़, सुंदरगढ़, नवरंगपुर, क्योंझर, अनुगुल और कोरापुट में सोने के भंडार मौजूद हैं. ज़मीन उगलते सोने को देखते हुए प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि इन खदानों की नीलामी जल्द की जाएगी. इस पर खनन मंत्री विभूति भूषण जेना ने कहा कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के लिए एक नया अवसर बनेगा.
सोने के इन खदानों के मिलने से ओड़िशा का पहला गोल्ड ब्लॉक बनेगा. हालांकि सोने के इन भंडारों को भगवान कुबेर का खजाना कहा जा रहा है, लेकिन इनमें तांबा, निकल, चांदी और ग्रेफाइट भी मौजूद हैं. सौ बात की एक बात ये कि प्रभु जगन्नाथ के गढ़ से ज़मीन फाड़कर सोना निकला है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी सोने की रक्षक कोई और नहीं बल्कि दशानन रावण की कुलदेवी विमला देवी हैं.
जगन्नाथ पुरी धाम का संबंध रामायण काल से जुड़ा है. कहा जाता है कि प्रभु श्रीराम ने विभीषण को आदेश दिया था कि वे अपने कुल देवता भगवान जगन्नाथ की आराधना करें. यही कारण है कि आज भी पुरी मंदिर में विभीषण वंदना की परंपरा चली आ रही है. जिस स्थान पर आज का जगन्नाथ मंदिर है, वह पूरा क्षेत्र रावण की कुलदेवी विमला माता के अधिकार क्षेत्र में आता है. आज भी प्रभु जगन्नाथ के इस गढ़ की रक्षक देवी रावण की कुलदेवी हैं. उन्हें योगमाया और परमेश्वरी के रूप में पूजा जाता है. समूचे पुरी का रक्षक कवच दशानन की कुलदेवी हैं. और अब उन्हीं के इलाके से सोना मिलना, इसे प्रभु जगन्नाथ का चमत्कार कहें या फिर संयोग.
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