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नैनीताल में नंदा देवी महोत्सव शुरू, गई माता की प्राण प्रतिष्ठा, भक्ति में लीन हुए श्रद्धालु

इस महोत्सव का आयोजन राम सेवक सभा के सहयोग से भव्य तरीके से किया जा रहा है. सभा के पदाधिकारी कैलाश जोशी ने बताया कि कदली वृक्ष लाने के लिए एक विशेष टीम रवाना हुई थी और चोपड़ा गाँव में रातभर भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ.

31 Aug, 2025
( Updated: 07 Dec, 2025
10:24 PM )
नैनीताल में नंदा देवी महोत्सव शुरू, गई माता की प्राण प्रतिष्ठा, भक्ति में लीन हुए श्रद्धालु
Nanda Devi Yatra

उत्तराखंड के नैनीताल में मां नंदा देवी महोत्सव का रंगारंग 30 अगस्त को आगाज हो गया है. शुक्रवार को केले का पेड़ यानी कदली वृक्ष परंपरागत रूप से ज्योलीकोट के चोपड़ा गांव से नैनीताल पहुँचाया गया. नगर में आगमन के साथ ही वातावरण “जय माँ नंदा देवी” के जयकारों से गूंज उठा और पूरा शहर भक्तिमय हो गया.

नंदा अष्टमी के दिन हुई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा

कदली वृक्ष के नगर में पहुँचने के बाद सबसे पहले सूखाताल स्थित वैष्णो देवी मंदिर में पूजन-अर्चन हुआ. धार्मिक विधि-विधान पूरे होने के बाद नगर भ्रमण और शोभायात्रा निकाली गई. भक्तों ने परंपरा के अनुसार कदली वृक्ष को अपने कंधों पर रखकर नगर भ्रमण करवाया. इस दौरान वृक्ष के साथ आगे सफेद और पीछे लाल झंडा भी श्रद्धालुओं ने कंधों पर धारण किया. नगर भ्रमण के बाद कदली वृक्ष को नयना देवी मंदिर पहुँचाया गया. यहाँ मूर्ति निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. नंदा अष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में माँ की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी और भक्तों के लिए दर्शन खोले जाएँगे.

मेले का भक्तों को रहता है पूरे साल इंतज़ार

स्थानीय महिलाओं और ग्रामीणों में महोत्सव को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. परंपरा के निर्वहन में महिलाएँ और बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हुए. स्थानीय महिला कमला कुंजवाल ने बताया कि भक्तों को नंदा देवी महोत्सव का सालभर इंतज़ार रहता है. यह मेला साल में केवल एक बार आयोजित होता है और इसके लिए लोग पूरे वर्ष उत्साहित रहते हैं.

कैलाश जोशी ने इस उपलक्ष्य में क्या बताया?

इस महोत्सव का आयोजन राम सेवक सभा के सहयोग से भव्य तरीके से किया जा रहा है. सभा के पदाधिकारी कैलाश जोशी ने बताया कि कदली वृक्ष लाने के लिए एक विशेष टीम रवाना हुई थी और चोपड़ा गाँव में रातभर भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ. उन्होंने कहा कि आज नैनीताल शहर में कदली वृक्ष का आगमन हुआ है. जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद माँ के जयकारों से पूरा शहर गुंजायमान हो गया. कल से कदली वृक्ष से मूर्ति निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा.

भक्तों में नंदा देवी महोत्सव की कितनी आस्था?

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नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में नंदा देवी महोत्सव आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र है. स्थानीय निवासी कमला ने बताया कि माँ नंदा देवी की यहाँ अपार शक्ति मानी जाती है और भक्तों का गहरा विश्वास है. माता के दर्शन के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं. आज पूरा शहर भक्तिमय हो गया है.

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